जब भी सामाजिक उपद्रव होगा, सत्ता पक्ष का नाम अवश्य सामने आता है, आए भी क्यों न? जब राज्य के भीतर दंगे हो जाएंगे तो सवाल तो पूछे ही जाएंगे और जब सत्ता पक्ष का पिछला रिकॉर्ड ही खराब हो तो फिर क्या ही कहना! दिल्ली के भीतर 2 वर्षों के भीतर दूसरा बड़ा दंगा शनिवार को हनुमान जयंती वाले दिन देखने को मिला, जहां उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा हुई और अब तक कुल 21 गिरफ्तारियां हुई है, जिनमें वो सभी शांतिदूत भी शामिल हैं जो दिल्ली दंगे, CAA और NRC के उपद्रव एवं दंगों में सम्मिलित थे। इस प्रकरण के मुख्य आरोपित के तौर पर जिस अंसार की पहचान और गिरफ़्तारी हुई है, उसके पुराने चिट्ठे राज्य की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के साथ मेल खाते हैं। ऐसे में अंसार के रूप में ताहिर हुसैन पार्ट-2 इसी आम आदमी पार्टी की उपज है जो दंगाइयों को पोषित करती है!
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दरअसल, बीते शनिवार को हुई जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक अंसार ने दिल्ली की रोहिणी अदालत में पेश होने के बाद बाहर निकलते हुए कहा कि “वह दोषी है।” अंसार को हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा के दौरान हुई झड़पों में गिरफ्तार अन्य लोगों के साथ अदालत में पेश किया गया था। अब तक कम से कम 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 2 किशोरों को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने दो मुख्य आरोपियों को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है, जबकि 12 अन्य को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
ये तो सत्य है कि बांग्लादेशी हों या अन्य घुसपैठिए इन सभी में बेशर्मी कूट-कूट कर भरी होती है। दिल्ली में तो अंसार ने हिंसा के बारे में नीचता के साथ अपने कर्मों को स्वीकार किया है। रविवार को रोहिणी अदालत से निकलते समय अंसार ने कहा, “हां… मैं दोषी हूं।” आरोपियों को अदालत में पेश करते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि दोनों मुख्य आरोपियों अंसार और असलम को 15 अप्रैल को पूर्व सूचना थी कि हनुमान जयंती के अवसर पर इलाके में शोभा यात्रा निकली जाएगी, इसलिए उन्होंने तदनुसार साजिश की योजना बनाई।
ध्यान देने वाली बात है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब अंसार किसी उपद्रव या दंगे में सम्मिलित पाया गया है। आम आदमी पार्टी का सदस्य होने के साथ ही अंसार दिल्ली दंगे, CAA-NRC प्रोटेस्ट आदि में न केवल सम्मिलित था, बल्कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों में भी शामिल था। ताहिर हुसैन के बाद आम आदमी पार्टी की एक और उपज बनकर सामने आए अंसार के काले चिट्ठे और झुकेगा नहीं साला वाली नौटंकी धरी की धरी रह जाएगी, जब पुलिस तेल भरे लट्ठ का उपयोग कर उसकी खातिरदारी करेगी।
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