असम पूर्व तथा पूर्वोत्तर के राज्यों में आदर्श कानून व्यवस्था का प्रतीक बन गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा न केवल राज्य के आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया है बल्कि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को नियंत्रित किया गया है।यहां तक की बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसने वाले स्लीपर सेल के आतंकी अब सीमा पर ही गिरफ्तार किए जा रहे हैं।
छह लोगों को गिरफ्तार किया गया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार “15 अप्रैल को निचले असम के बारपेटा जिले में पुलिस ने अल कायदा से जुड़े बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसारुल्लाहबांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया। बारपेटा में इस तरह की यह पहली गिरफ्तारी नहीं थी। पिछले महीने, जिले की पुलिस ने एबीटी से जुड़े हुए एक बांग्लादेशी नागरिक सैफुल इस्लाम (उपनाम मोहम्मद सुमन और हारुनराशिद) और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। ABT एक इस्लामिक आतंकी संगठन है जिसका भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) में अल कायदा से संबंध है। हालांकि यह 2007 में बांग्लादेश में जमीयतुलमुस्लेमिन के रूप में उभरा था लेकिन 2013 में इस संगठन ने अपना नाम बदल कर अंसारुल्लाहबांग्ला टीम ABT रख लिया।
पुलिस के अनुसार, सैफुल इस्लाम ने बारपेटा जिले को ‘जेहाद’ के लिए और अल-कायदा और उससे संबंधित संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों के लिए बेस के रूप में विकसित करने का विचार था। सैफुल इस्लाम ने बेस के लिए एबीटी के मॉड्यूल में शामिल होने के लिए चार अन्य लोगों को प्रेरित किया था।
बारपेटा के पुलिस अधीक्षक अमिताभ सिंह ने कहा “दो महीनों में, हमारे पास दो उदाहरण हैं जहां एबीटी के साथ संबंध रखने वाले व्यक्तियों (बांग्लादेश के नागरिक सहित) को बारपेटा में गिरफ्तार किया गया है। जबकि पहला मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया है, जिला पुलिस दूसरे मामले की जांच कर रही है।
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ममता बनर्जी के शासन में कुछ और ही चल रहा है
एक ओर हिमंता बिस्वा सरमा बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को नियंत्रित कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में कुछ और ही चल रहा है। 2019 की एक रिपोर्ट बताती है कि “जुलाई 2019 में भारत के गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) पर पश्चिम बंगाल में कुछ मदरसों (धार्मिक स्कूलों) का उपयोग कट्टरता और आतंकियों की भर्ती की गतिविधियों के लिए करने का आरोप लगाया था। भारतीय पुलिस द्वारा पश्चिम बंगाल में जेएमबी के इस्लामिक स्टेट (आईएस) समर्थक गुट के चार सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने के एक हफ्ते बाद यह दावा किया गया था।”
नवंबर 2020 में इंटेलिजेंस ब्यूरो ने एक रिपोर्ट के माध्यम से खुलासा किया था कि बांग्लादेश में सक्रिय आतंकी समूह पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल के माध्यम से बड़े आतंकी हमले की साजिश कर रहे हैं। हालांकि केंद्र द्वारा लगातार पश्चिम बंगाल में चल रही आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है किंतु राज्य सरकार द्वारा उस स्तर पर सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है जैसी असम सरकार द्वारा दिखाई जा रही है। बांग्लादेश की सीमा से जुड़े सभी राज्यों को देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए असम के मॉडल को आदर्श मानकर कार्य करना चाहिए।
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