योगी आदित्यनाथ द्वारा 2017 में उत्तर प्रदेश (UP) में शुरू की गई विकास और निवेश की गति का अनुसरण उनके दूसरे कार्यकाल में भी किया जा रहा है। योगी 2.0 लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य के साथ निवेशकों का एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहा है। सैफई महोत्सव में बॉलीवुड की डांस पार्टी आयोजित करने से लेकर निवेशक शिखर सम्मेलन तक, यूपी ने योगी के नेतृत्व में एक लंबा सफर तय किया है। इससे पहले, राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था और अनैतिक व्यापार कानूनों के कारण, निवेशक और कंपनियां यूपी में निवेश करने से हिचक रही थी। दंगे, लूट और हिंसा के कारण प्रचलित रहे इस राज्य में कंपनियां निवेश करने से कतराती थी। लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद, कानून और व्यवस्था में सुधार ने राज्य को युवाओं के लिए रोजगार और अन्य अवसर पैदा करने में मदद की है।
राज्य का निर्यात आंकड़ा 33 फीसदी तक पहुंचा
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, योगी के पहले कार्यकाल में यूपी ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया। नीतियों में व्यापार के अनुकूल सुधारों और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार ने इसे निवेश के लिए शीर्ष गंतव्य में से एक बनाने में मदद की है। इससे पहले, यूपी सरकार द्वारा आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 में INR 4.28 लाख करोड़ का निवेश लेकर आई थी। 2020-21 के लिए यूपी का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 19.4 लाख करोड़ रुपये है। इसने गुजरात और तमिलनाडु जैसे औद्योगिक राज्यों को पीछे छोड़ते हुए GSDP में दूसरा स्थान हासिल किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार के अनुकूल नीतियों के कारण राज्य से निर्यात बढ़कर 33 फीसदी तक पहुंच गया है।
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अब UP में टैक्स के पैसे सैफई महोत्सव जैसे कार्यक्रमों में खर्च नहीं होते हैं
ध्यान देने वाली बात है कि जहां पिछली सरकारों ने यूपी को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, वही योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी विकास की नई बुलंदियों को छू रहा है। सैफई महोत्सव यूपी में समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान आयोजित एक वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम था। यह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का जन्मस्थान है। इसकी जमकर आलोचना हुई, क्योंकि बॉलीवुड हस्तियों के नृत्य कार्यक्रम पर तब राज्य के खजाने से हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि दूसरी ओर राज्य के लोग स्वास्थ्य, भोजन या पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण मर रहे थे। योगी सरकार आने के बाद काफी मामलों में जबरदस्त परिवर्तन देखने को मिला और फालतू कार्यों पर जनता के धन की बर्बादी को रोका गया। इसके अलावा अब सरकार ने राज्य में पूंजी लाने के लिए व्यापार और निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित करना शुरू कर दिया है।
किसी राज्य की वृद्धि और विकास उसकी सुदृढ़ आर्थिक नीति पर निर्भर करता है। निवेश या व्यवसाय किसी राज्य में पूंजी लाता है और रोजगार पैदा करने में मदद करता है। व्यापार, पूंजी, रोजगार और खर्च का आवर्ती प्रभाव करों के संग्रह में मदद करता है और आम लोगों के जीवन को और आसान बनाता है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी दूसरे राज्यों को आगे की राह दिखा रहा है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने और निवेश के बीच समानता एक राज्य के विकास की कुंजी है। सरकार द्वारा लक्षित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति बदलने वाली है।
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