हिमंता ने बिना बुलडोजर के ही असम में विपक्षियों को कुचल डाला है

भाजपा का अभेद्य दुर्ग बनता जा रहा है असम!

असम भाजपा

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भाजपा के उदय के बाद किसी ने शायद ही ऐसा सोचा होगा कि यह पार्टी एक दिन देश के हर कोने में अपना परचम लहराएगी। कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक और गुजरात से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक अब भाजपा हर जगह जोर-शोर से उभर कर सामने आ रही है। 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद पार्टी का कद पूर्वोत्तर राज्यों में भी काफी तेजी से बढ़ा। मौजूदा समय में पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्यों में भाजपा की सरकार है और पूर्वोत्तर अब देश की अर्थव्यवस्था में अपना अभूतपूर्व योगदान भी दे रहा है।

अगर हम असम की बात करें तो इस राज्य में कांग्रेस ने काफी लंबे समय तक शासन किया, लेकिन कांग्रेस द्वारा किए गए विकास कार्यों पर क्या ही टिप्पणी करना। ये तो सर्वविदित है कि कांग्रेस जिस राज्य में भी सत्ता में रहती है, वहां की स्थिति क्या होती है। हालांकि, जब से असम में भाजपा की सरकार आई, असम का मानों भाग्य ही बदल गया। मौजूदा समय में हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम स्वर्णिम अक्षरों में अपना भविष्य लिख रहा है। स्थिति ऐसी हो गई है कि राज्य में भाजपा का मुकाबला करना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है। इसी बीच खबर है कि भाजपा ने गुवाहाटी में हुए निकाय चुनाव में विपक्षियों को ऐसे रौंदा है कि वो आने वाले कुछ वर्षों तक पनप भी नहीं पाएंगे।

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दरअसल, भाजपा ने गुवाहाटी में हुए निकाय चुनाव में अपने सहयोगियों के साथ कुल 60 वार्डों में से 58 में जबरदस्त जीत हासिल की। तीन वार्डों में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए। कांग्रेस जहां खाता खोलने में नाकाम रही, वहीं वार्ड नं. 42 में आम आदमी पार्टी की मासूम बेगम ने जीत दर्ज की। क्षेत्रीय दल असम जातीय परिषद की एक वार्ड में जीत हुई। इस बार के निकाय चुनावों में 52 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया। गुवाहाटी में ये निकाय चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह पहली बार था जब सभी बूथों पर ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था। गुवाहाटी निकाय चुनाव में 60 वार्डों से कुल 197 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

भाजपा ने 53 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से तीन निर्विरोध चुने गए। सत्ताधारी पार्टी के सहयोगी असम गण परिषद ने सात वार्डों से चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने 54, आप ने 38, असम जातीय परिषद ने 25 और सीपीएम ने चार वार्डों में चुनाव लड़ा था। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में कांग्रेस को पूरी तरह से असम की राजनीति से बेदखल कर दिया है। अगर बात की जाए इस चुनाव की, तो एजेपी और आप ने जिन वार्डों में जीत हासिल की, वे अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र हैं जिन्हें पहले कांग्रेस का क्षेत्र माना जाता था। वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी इस चुनाव में अपना खाता खोला है। बता दें कि आम आदमी पार्टी की मासूम बेगम ने हाटीगांव क्षेत्र के वार्ड-42 से जीत हासिल की, जबकि एजेपी के हुकुम चंद अली बख्शी ने गरीगांव के वार्ड-1 से जीत हासिल की।

गुवाहाटी निकाय चुनाव में प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि जिन वार्डों में नई पार्टियों ने जीत हासिल की, वे कांग्रेस के “वोट बैंक” थे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब शून्य है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने जो सीट जीता है वह अल्पसंख्यक सीट है।” इस जीत के बाद राजनीतिक पंडितों का कहना है कि आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस की तरह अल्पसंखयक वोट में अपना जनाधार खोज रही है, पर गुवाहाटी नगर निगम में प्रचंड जीत के बाद राज्य और देश में हिमंता की जय-जयकार हो रही है। हिमंता ने बिना बुलडोज़र चलाए हुए विपक्षी पार्टियों को धूल चटा दिया है और भविष्य की राजनीति में विपक्षी पार्टियों को शून्य पर पहुंचा दिया है।

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