भारतीय होकर गोरों को जवाब? लिबरल जमात, जयशंकर पर बौखलाई

लिबरल बाप बाप चिल्ला रहे हैं!

जयशंकर

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अब्बा को जवाब कैसे दे दिया? यह हाल है भारत के उन लिबरल तथाकथित पत्रकारों का जिनकी रोटियां 2014 के बाद से चलनी बंद हो गईं और वे स्वयं बेरोज़गार भी हो गए। अमेरिकी तंत्र को सत्यवादी हरिश्चंद्र और अपना अब्बा मानने वाले यही पत्रकार आज इतने व्यथित है कि भला कैसे भारत के नेतृत्व में ऐसी क्षमता कैसे आ गई जो वो अमेरिकी तंत्र को दो टूक जवाब दे दे।

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जयशंकर ने अमेरिकी तंत्र को चारों खाने चित्त कर दिया

हाल ही में, भारत के रक्षा और विदेश मंत्री- राजनाथ सिंह और डॉ. एस जयशंकर अमेरिकी दौरे पर थे जहां वो 2+2 संवाद और आभासी शिखर सम्मलेन में शामिल होने के उद्देश्य से गए थे। यूं तो अमेरिका का उद्देश्य भारत को नीचा दिखाना और उस पर दबाव बनाना था पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ही बॉल में अमेरिकी तंत्र को चारों खाने चित्त कर दिया और फिर शुरू हुआ भारत के उस वर्ग का विधवा विलाप जो अमेरिका को अब्बू मान आज तक उसकी जीहुजुरी करने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर पाया है।

कथित लिबरल पत्रकार और बेरोज़गारी की असल मार झेल रहे YouTuber अभिसार शर्मा ने हाल ही में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर “अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की टिप्पणी पर चुप रहने” के लिए निशाना साधा था। अपनी कथित ज्ञान के माध्यम से अभिसार के अनुसार, ब्लिंकन ने देश में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए भारत पर निशाना साधा था। अपने लाइव वीडियो में, अभिसार ने कहा कि, “ब्लिंकन ने देश के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर भारत को पस्त कर दिया, और दोनों भारतीय मंत्रियों राजनाथ सिंह और एस जयशंकर ने एक शब्द भी नहीं कहा।”

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अभिसार शर्मा का एजेंडा

दरअसल, सोमवार को शीर्ष अमेरिकी और भारतीय मंत्रियों के 2+2 संवाद के बाद एक संयुक्त समाचार सम्मेलन में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका भारत में हाल के कुछ “संबंधित घटनाक्रमों”की निगरानी कर रहा है, जिसमें उन्होंने “मानवाधिकार हनन में वृद्धि”कहा है। कुछ सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा अधिकारों का हनन हो रहा है ऐसी बात वार्ता में उल्लेखित की गई। अभिसार ने भी इतनी बात कही और बताया कि यह भारत के लिए शर्मनाक क्षण था, चूंकि एजेंडा चलाना था तो 12 अप्रैल को ही अभिसार ने यह वीडियो बनाई और डाल दी।

जिस प्रकार इस आरोप पर 13 अप्रैल को एस जयशंकर ने ब्लिंकन और उनके आरोप पर उन्हें  सौम्यता से धोबीपछाड़ दिया जिससे अमेरिका के मुंह में दही जम गया। ज्ञानबहादुर बनना ही था तो कुछ समय रूककर बन लेते, समय से पूर्व ज्ञान बांटना बहुत घातक होता है। अभिसार के इन आरोपों पर स्वयं दर्शकों, सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों और भारत के प्रति सौम्य और अपनत्व की भावना रखने वाले लोगों ने उन्हें भिगा-भिगा कर मारा। जिस प्रकार लिबरल जमात जयशंकर पर बौखलाई उसका प्रतिकूल जवाब भारतीय लोगों ने ही देकर उन सभी तत्वों के मुंह पर तमाचा जड़ दिया।

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एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने क्या लिखा

एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने लिखा कि, अभिसार – डॉ. जयशंकर ने बिना किसी झंझट या तीखे प्रतिउत्तर के इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला। उन्होंने ब्लिंकन को सुना और इस तरह से जवाब दिया जो उनके कद के अनुरूप है। उनकी प्रतिक्रिया दृढ़, स्पष्ट थी और उन्होंने विरोधाभासों और अंतर्विरोधों की ओर इशारा किया। अभिसार, यह आप से परे है। कृपया आराम करें।

कोई कह रहा है कि अभिसार का स्थान विशेष उष्मित ज्वाला का शिकार हो गया है।

कोई कहता दिखा कि, “Pre mature ejaculation of Dalla Abhisar”

किसी ने लिखा कि, 😃😃 बिना फंडिंग के चॅनल चलाके बताओ. कुछ भी बकवास करते हो. embarrass हुआ, ए हुआ, वॊ हुआ. कुछ भी बकवास.यह हिंदुस्थान हैं, तुम बिकाऊ लोग नहीं समझ पाओगे. जब तक देश के खिलाफ नहीं बोलोगे. तुम्हारी रोजी रोटी और परिवार कैसे चलेगा?

https://twitter.com/Kartike69812242/status/1514593982386683905

ऐसे अनेकों जवाब हैं जहां अभिसार को लोगों ने आइना दिखाने का प्रयास किया, पर झूठ और फेक एजेंडा फैलाने के आदी अभिसार शायद ही इससे सीख लेंगे क्योंकि अब यह भी बंद कर दिया तो आमदनी का स्त्रोत राम को प्यारा हो जाएगा। ऐसे में यह एजेंडा भी चलता रहेगा और साथ ही इस एजेंडे की बखियां  उधेड़ने का क्रम भी इसी प्रकार जारी रहेगा क्योंकि अमेरिकी जूते पॉलिश करने वालों को जवाब देने वाले आज के भारत के लोग ही काफी हैं।

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