बिजली मंत्री आरके सिंह ने जानकारी देते हुए कहा “साइबर अटैक के खिलाफ हमारी रक्षा मजबूत है। ये दिसंबर, जनवरी और फरवरी में हुए हमलों के प्रयास हुए थे जो सफल नहीं हुए, लेकिन हम जागरूक हैं।” उन्होंने बताया कि यह हमले लद्दाख को निशाना बनाने के लिए किए गए थे। उन्होंने कहा “चीनी हैकरों द्वारा लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के दो प्रयास किए गए, लेकिन वे सफल नहीं हुए। ऐसे साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए हमने अपनी रक्षा प्रणाली को पहले ही मजबूत कर लिया है”
और पढ़ें : क्या ड्रोन तय करेंगे आधुनिक युद्ध का भविष्य?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिन संयंत्रों को निशाना बनाया गया है उनके द्वारा सीमा क्षेत्र के आसपास बिजली आपूर्ति व नियंत्रण का कार्य किया जाता है। हैकर्स ने ShadowPad नाम के ट्रोजन का प्रयोग किया था। माना जाता है कि इस ट्रोजन का निर्माण चीन के रक्षा मंत्रालय से संबंध किसी कांट्रेक्टर कंपनी द्वारा किया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट यह भी बताती है कि ऐसे साइबर अटैक न केवल पावर स्टेशन पर किए गए हैं बल्कि घरेलू आपातकाल से जुड़े राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली पर भी हुए हैं। साथ ही एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के भारतीय सहयोगी कंपनी को भी निशाना बनाने का प्रयास किया गया।
और पढ़ें : चीन के मंसूबों पर फिरेगा पानी, भारत बड़े पैमाने पर दे रहा साइबर सुरक्षा को बढ़ावा
पहले भी साइबर अटैक से तंग करता रहा है चीन
महत्वपूर्ण बात है कि लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व वर्ष 2020 के अक्टूबर महीने में चीन द्वारा मुंबई पर साइबर हमला करके बिजली आपूर्ति को बाधित किया गया था। पूरी जांच के बाद सरकार ने मार्च में यह बात स्वीकार की थी कि मुंबई में हुए ब्लैकआउट के पीछे चीन का हाथ था। इसके बाद सरकार ने साइबर सुरक्षा की तैयारियां और तेज कर दीं। भारत सरकार ने प्रमुख फ्रांसीसी रक्षा समूह थेल्स के साथ कार्य शुरू किया। इसके अतिरिक्त भारत इजराइल और ताइवान के साथ मिलकर भी इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
इतना ही नहीं भारत में साइबर वॉर में आक्रामक नीति अपनाने का निर्णय भी किया है। दिसंबर 2021 में चीन ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह चीन पर साइबर अटैक कर रहा है। लंबे समय तक साइबर वार फेयर एक ऐसी युद्ध कला थी जिसमें चीन को महारथ हासिल थी किंतु भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार के साथ मिलकर भारत की साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं जिसका परिणाम यह है कि आज चीन के लिए भारत की साइबर सुरक्षा में सेंध लगाना मुश्किल हो गया है।
और पढ़ें : “भारत और ताइवान हम पर Cyber Attack कर रहे हैं”, चीन ने बिलबिलाते हुए किया स्वीकार


























