बाल गृह काण्ड में बालिकाओं पर हुए जघन्य अपराध के मामले कई वर्षों से सामने आ रहे हैं। बिहार बल गृह काण्ड से तो आप परिचित होंगे हीं। समाजसेवा के नाम पर छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के कई घटना सामने आए हैं जिसको लेकर कई स्वयंसेवी संगठनों ने भी कई बार यह मामला सरकार के सामने उठाया है। आज देश में इस तरह की घटनाओं ने लोगों का ध्यान खींचा है। बाल गृह काण्ड जैसी घटना फिर सामने आया है। दरअसल झारखंड के रांची में एक पूर्व नौकरशाह द्वारा चलाए जा रहे बाल गृह में सात साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस खबर के शिकायत मिलने के बाद एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो मंगलवार (26 अप्रैल 2022) को मामले की जांच के लिए रांची पहुंचे।
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प्रियांक कानूनगो ने ट्विटर के जरिए
इस बात की जानकारी देते हुए कहा, आज मैं झारखंड के रांची में हूं। इधर एक बाल गृह में यौन हिंसा और उसके बाद स्टाफ द्वारा एक बच्चे को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। इसी के साथ कानूनगो ने अपने अगले ट्वीट में रांची पहुंचने की घटना का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, यह शर्म की बात है कि झारखंड पुलिस बाल यौन शोषण के संज्ञेय अपराध में भी प्राथमिकी दर्ज करने पर परिवार को शिकायतकर्ता बनाने पर जोर दे रही है। न खुद मुकदमा कर रहे हैं और न ही एनसीपीसीआर को शिकायतकर्ता बना रहे हैं। इसके साथ ही राज्य के सीएम हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए प्रियांक कानूनगो ने पूछा कि कौन दबाव में है?
गौरतलब है कि हाल ही में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एनसीपीसीआर में शिकायत दर्ज कराई थी कि रांची के धुरवा थाना क्षेत्र स्थित रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा संचालित रेनबो चिल्ड्रन होम में 7 अप्रैल को गार्डों द्वारा एक आदिवासी लड़की का यौन शोषण किया गया था। इस मामले में बालिका को न्याय दिलाने की बजाय बाल गृह के प्रबंधक ने घटना को दबाने का प्रयास किया। इस मामले में मचे बवाल के बाद सम्बंधित आयोग ने इसका संज्ञान लिया है।
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अनियमितताओं का आरोप
इसी तरह पूर्व आईएएस अधिकारी और कथित परोपकारी हर्ष मंदर द्वारा संचालित बाल गृह (अमन घर) में भी लड़कों के यौन शोषण का मामला सामने आया था। इस चिल्ड्रन होम के मालिक हर्ष मंदर हैं। एसपी (रांची ग्रामीण) नौशाद आलम ने कहा, “जब से मामला हमारे संज्ञान में आया, हमने बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। उन्होंने कहा, “एनसीपीसीआर अध्यक्ष के सामने सामने आए दो बच्चों के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
आपको बतादें, कि हर्ष मंदर पर 2020 के हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के लिए हिंसक भीड़ को उकसाने के आरोपों का सामना करना पड़ा है। दंगों से पहले नफरत भरे भाषण देने के लिए दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में उनका नाम भी शामिल है। अलग से ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उस व्यक्ति की जांच की जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि ईडी की छापेमारी और मंदर के खिलाफ मामला भी एनसीपीसीआर द्वारा उनके खिलाफ दायर एक प्राथमिकी से उपजा था, जिसमें आयोग ने ‘कार्यकर्ता’ पर उससे जुड़े दो बच्चों के घरों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
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