देश में हर विभाग और हर क्षेत्र तक सरकार नहीं पहुंच पाती है, इसके लिए संविधान कुछ विशेष आयोगों की संरचना की स्वीकृति देता है। लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अब तक यूपीए शासन में इन आयोगों पर भी चमचे और चाटुकारों को स्थान दिया जाता रहा, ऐसे में उन्हें उगाही का एक स्त्रोत बहुत ही आसानी से मिल जाता था। इसके बाद उस आयोग से क्या ही उम्मीद की जा सकती है जब वो स्वयं ही फर्ज़ीवाड़े से पोषित हो।
और पढ़ें- केजरीवाल के नकली शिक्षा मॉडल की जड़ें हिलाने आ गए हैं NCPCR Chairman प्रियांक कानूनगो
वर्ष 2014 के बाद बहुत कुछ बदल गया
वर्ष 2014 के बाद यह रीत बदली और आज केंद्र सरकार के अधीन आने वाले सभी आयोग उसी काम पर लगे हैं जिस काम के लिए आयोग बनाया गया है। इसका हालिया सबसे बड़ा उदाहरण अगर कुछ है तो वो है राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), जिसके नेतृत्व में एक लंबे समय से बाल अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है और उसका नेतृत्व कर रहे हैं उसके चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो। सबसे ताजा मामला है जहांगीरपुरी हिंसा जहां हिंसा करने और भड़काने के लिए नाबालिग बच्चों का सहारा लिया गया और अब NCPCR उन सभी पर एक्शन लेने का मन बना चुकी है।
कल दिल्ली में हुए दंगे में हिंसा करवाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किए जाने के मामले को @NCPCR_ ने संज्ञान में लिया है एवं आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) April 17, 2022
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने रविवार को उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक दिन पहले हुई सांप्रदायिक हिंसा में नाबालिगों और बच्चों की कथित संलिप्तता पर संज्ञान लिया और कहा कि इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग प्रमुख प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया कि, “कल दिल्ली में हुए दंगे में हिंसा करवाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किए जाने के मामले को @NCPCR_ ने संज्ञान में लिया है एवं आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।”
ज्ञात हो कि, यह प्रियंक कानूनगो की अपने काम और दायित्व के प्रति कटिबद्धता के लिए जाना जाता है। 2018 में आयोग का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद से ही उन्होंने इस आयोग के सभी कामों और निर्णयों को प्रभावी ढंग से करने के परिणामस्वरूप ही सरकार ने 2021 में पुनः नियुक्ति कर उनके कार्यकाल को 3 वर्ष और बढ़ा दिया था। बाल अधिकारों उनके हितों के संरक्षण के लिए NCPCR जितनी सजग प्रियंक कानूनगो के कार्यकाल में रही है उससे अधिक शायद ही कभी और रही होगी। औचक निरिक्षण, तत्काल फैसले और त्वरित कार्रवाई के लिए जाने जाने वाले प्रियंक ने अब जहांगीपुरी के इस प्रकरण में शामिल लोगों की गर्दन दबोचनी शुरू कर दी है।
और पढ़ें- जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा अंसार
प्रियंक कानूनगो का ट्वीट वीडियो सामने आने के बाद आया
प्रियंक कानूनगो का ट्वीट सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आने के बाद आया है जिसमें बच्चों को शनिवार की हाथापाई में भाग लेते दिखाया गया है। जिसमें दोनों समुदायों- हिंदुओं और मुसलमानों ने एक दूसरे पर खूनी संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया है। एक वीडियो में, एक भीड़ आवासीय परिसर की तरह दिखने वाले स्थान पर पथराव करती दिखाई दे रही है। इस पूरे घटनाक्रम में जितनी तीव्रता से NCPCR ने पैनी निगाह के साथ काम किया है वो आम बात नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने अब तक कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक अंसार को साजिशकर्ताओं में से एक माना जाता है, जबकि दूसरे असलम ने अपनी पिस्तौल से गोली चला दी थी। गिरफ्तार किए गए सभी लोग स्थानीय निवासी हैं और उनकी उम्र 21-35 वर्ष है। पुलिसकर्मियों और एक स्थानीय समेत नौ लोग घायल हो गए। पुलिस ने घटना की जांच के लिए 10 टीमों का गठन किया है।
हिंसा शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे उस समय हुई जब हनुमान जयंती की शोभायात्रा इलाके से गुजर रहा था। स्थानीय लोगों के अनुसार, जहांगीरपुरी में मुख्य रूप से तीन ब्लॉकों के माध्यम से झड़पें हुईं, हिंदू बहुल जी और एच ब्लॉक के निवासियों का सामना सी ब्लॉक के अपने मुस्लिम समकक्षों से हुआ।
प्रकरण पर न्यायोचित कार्रवाई की जा रही है पर इससे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की सजगता और दृढ़ता झलकती है कि वो किस भांति सारे मामलों की तह तक जाकर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कटिबद्ध है।