भारत कितना सामर्थ्यवान है यह उसके उस कौशल से प्रदर्शित होता है कि विदेशी तंत्र भारत पर टकटकी लगाए रखता है। यहां भारत से कौशल छिटका नहीं कि वहां विदेशी उसे लपक लेते हैं। इसी क्रम में भारतीय मूल के पूर्व आईसीसी अंडर -19 विश्व कप विजेता कप्तान उन्मुक्त चंद जिन्होंने पिछले साल भारतीय क्रिकेट छोड़ दिया और संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए जो अब भारत के विरुद्ध भी खेल सकते हैं क्योंकि यूएस वेस्टइंडीज के साथ टी20 विश्व कप 2024 की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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क्रिकेट के प्रसार में लगा है आईसीसी
जिस खिलाड़ी ने एक बार भारत को अंडर 19 वर्ल्ड कप दिलाया आज वो उसी भारत के खिलाफ यूएसए के लिए खेलने को कमर कस चुका है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) क्रिकेट का प्रसार अन्य उन सभी देशों में करने के भरसक प्रयास कर रहा है जहां यह केवल कुछ देशों तक ही सीमित रह गया है। निश्चित रूप से क्रिकेट लाखों लोगों द्वारा देखा जाता है लेकिन यह केवल कुछ देशों तक ही सीमित है जिसको ICC बदलना चाहता है। इसी परिप्रेक्ष्य में ICC ने संयुक्त राज्य अमेरिका और वेस्टइंडीज को 2024 के लिए T20 विश्व कप की मेजबानी के अधिकार से सुशोभित किया है, जो उत्तरी अमेरिका में होने वाला पहला बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए यूएसए वेस्टइंडीज के साथ शामिल होगा।
जहां अब तक संघर्ष करते आ रहे उन्मुक्त चंद अपने अस्तित्व की लड़ाई में भारतीय क्रिकेट से बीते वर्ष संन्यास ले लिया था और बीते कुछ समय से वो यूएसए क्रिकेट टीम के लिए खेलने भी लगे। अब संभवतः उन्मुक्त चंद टी 20 विश्व कप 2024 में यूएसए के लिए खेलेंगे और भारतीय टीम के प्रतिद्वंद्वी होंगे। उन्मुक्त चंद ने पिछले साल अगस्त में 28 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट छोड़ दिया और कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में चीजें “सुचारू” नहीं रही हैं और “अवसरों से वंचित किया गया है।”
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उन्मुक्त अकेले नहीं लिस्ट में और भी हैं खिलाड़ी
देखा जाए तो उन्मुक्त अकेले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं जो मूल रूप से भारतीय होकर अब भारत के विरुद्ध खेलेंगे। दुनिया भर के कई प्रमुख खिलाड़ी पहले से ही अमेरिकी रंग में रंग चुके हैं। 2024 में होने वाले इस टूर्नामेंट में उन्मुक्त चंद के अलावा कोरी एंडरसन (न्यूजीलैंड) और रस्टी थेरॉन (दक्षिण अफ्रीका) भी अपने-अपने देशों के खिलाफ यूएसए के झंडे के नेतृत्व में खेल सकते हैं।
अप्रैल 2012 में भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के साथ मेजबान टीम को शामिल करते हुए एक सीरीज़ खेली। बल्लेबाजी करते हुए चंद ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार 94 रन बनाकर भारत को 63 रनों से मैच जीतने में मदद की। उन्होंने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक धमाकेदार शतक के साथ नाबाद 112 रन बनाए, जिसमें 9 चौके और 6 छक्के शामिल थे और अंत में उन्होंने भारत को 7 विकेट से जोरदार जीत दिलाई।
जून 2012 में, एसीसी अंडर -19 एशिया कप में खेलते हुए, फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 121 रन बनाया और इससे पहले, चंद सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 116 के साथ एक बार फिर इस निर्णायक पड़ाव पर पहुंचे। उन्होंने दोनों मैचों में मैन ऑफ द मैच का ख़िताब अपने नाम किया। वह 3 मैचों में 286 रन के साथ टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी थे।
26 अगस्त 2012 को ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 2012 आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में चंद ने जीत के लिए अंडर-19 कप्तान के रूप में भारत का नेतृत्व किया। अपने कौशल से चंद ने टीम को जीत दिला दी, इस मैच में चंद ने अपनी कप्तानी पारी खेली।
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लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं चंद
3 मार्च 2013 को, चंद ने असम के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी फाइनल में दिल्ली के लिए 116 रन बनाए और टूर्नामेंट के फाइनल में बड़े शतक बनाने की अपनी क्षमता दिखाई। दिल्ली ने 95 रन से खेल को जीत लिया और पहली बार खिताब जीता। यह ग्राफ बढ़ता ही रहा पर जो जितना बढ़ता है उसकी टांग खींचने के लिए उतने ही लोग खड़े हो जाते हैं। भारतीय क्रिकेटर रहते हुए उन्मुक्त चंद इसी का शिकार हुए जिसका लाभ अब अंग्रेज़ उठा रहे हैं।
निश्चित रूप से यदि इन सभी प्रतिष्ठित क्रिकेटरों को अमेरिकी राष्ट्रीय टीम में शामिल किया जाता है तो यह निस्संदेह अमेरिकी टीम ही नहीं अपितु किसी भी टीम के लिए फायदे का ही सौदा होगा।