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रमजान के साथ ही शुरू हो गई है तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों की तुष्टीकरण की राजनीति

गजब सेक्युलरिज्म है!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
7 April 2022
in राजनीति
तुष्टीकरण की राजनीति

Source- TFIPOST

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह नए साल का पहला महीना है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह साल का 9वां महीना है। इस प्रकार, नवरात्रि और रमजान, दोनों पवित्र पर्व अप्रैल महीने में शुरू हो चुके हैं। इस प्रकार क्या आपको नहीं लगता राज्य सरकारों को दोनों धर्मों का सम्मान करने के लिए आदेश और दिशानिर्देश जारी करने चाहिए।लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति का क्या करें? कुछ राज्य सरकारें केवल तुष्टीकरण की राजनीति पर ही चल रही हैं और इस प्रकार उनके लिए त्योहारों को भी सांप्रदायिक बनाना आवश्यक हो जाता है। ऐसे में राजस्थान, महाराष्ट्र और दिल्ली की राज्य सरकारें रमज़ान पर उपवास करने वाले मुसलमानों के पक्ष में तुष्टीकरण की राजनीति के साथ वापस आ गई हैं।

और  पढ़ें: जगन सरकार अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के एजेंडे के लिए आंध्र प्रदेश को ऋण जाल के गर्त में धकेल चुके हैं

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रमजान के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति

जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जिसे गहलोत सरकार के तहत चलने वाली जोधपुर डिस्कॉम के नाम से भी जाना जाता है, उसने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने का आदेश दिया है। इसने 10 जिलों में अपने इंजीनियरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रमजान के दौरान सभी “मुस्लिम बहुल क्षेत्रों” में बिजली कटौती न हो।

जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंताओं को 1 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया कि ”रमजान का महीना 4 अप्रैल से शुरू हो रहा है। अतः निर्बाध बिजली आपूर्ति बनी रहे।” अब हिंदू समुदाय पूछता है कि हिंदुओं के हित में कोई आदेश क्यों जारी नहीं किया गया, क्योंकि नवरात्रि का पर्व भी तो मनाया जा रहा है। गहलोत सरकार के इस आदेश की भाजपा सदस्यों ने कड़ी आलोचना की है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस आदेश को एक “तुगलकी फरमान” करार दिया है, जिसमें राजस्थान की कांग्रेस सरकार को किसी भी सांप्रदायिक आदेश से बचने के लिए कहा गया है। बैकलैश को देखते हुए, DISCOM अधिकारियों ने मंगलवार को अपने आदेश को संशोधित करते हुए कहा, “इस साल उच्च तापमान और आने वाले महीनों में पड़ने वाले त्योहारों को ध्यान में रखते हुए, सार्वजनिक सुविधा और उचित जल आपूर्ति के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें।”

और पढ़ें: कभी वीरों की भूमि रही राजस्थान अब हिंदुओं के लिए नरक बन गई है!

रमजान के दौरान मुसलमानों के लिए छोटी छुट्टी

यह केवल राजस्थान सरकार ही नहीं है जो धर्मनिरपेक्ष है, बल्कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल भी एक ‘तथाकथित धर्मनिरपेक्ष’ होने के लिए बदनाम हैं। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने भी एक सर्कुलर जारी कर अपने मुस्लिम कर्मचारियों को रमज़ान के दौरान रोज़ाना काम से दो घंटे का ब्रेक देने की अनुमति दी थी। हालांकि, सोमवार को बोर्ड ने इस आदेश को रद्द कर दिया।

दरअसल, सक्षम प्राधिकारी ने संबंधित डीडीओ/नियंत्रक अधिकारी द्वारा मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के दिनों के दौरान यानी 3 अप्रैल से 2 मई तक या इडु की तारीख तक छोटी छुट्टी (लगभग दो घंटे एक दिन) की अनुमति देने की मंजूरी दी थी l हो-हल्ला मचाने के बाद इसमें बदलाव करते हुए यह कहा गया कि उन्हें छुट्टी इस शर्त के अधीन मिलेगी कि वे शेष कार्यालय समय के दौरान अपना काम पूरा करेंगे ताकि कार्यालय का काम प्रभावित न हो।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सर्कुलर पर कहा,“एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी में हजारों ठेके नवरात्रि के दौरान 25 प्रतिशत छूट देकर शराब की बिक्री को प्रोत्साहित कर रहे हैं, और दूसरी तरफ दिल्ली रमजान के दौरान नमाज अदा करने के लिए जल बोर्ड के कर्मचारियों को काम से 2 घंटे की छुट्टी दी गई है। यह तुष्टिकरण नहीं तो और क्या है?”

केसीआर की लीला भी गजब की है!

इसके अलावा, केसीआर के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार ने भी तुष्टीकरण की राजनीति का सहारा लिया है और घोषणा की है कि सभी मुस्लिम कर्मचारी रमजान के दौरान एक घंटे पहले कार्यालय छोड़ सकते हैं। सरकार की ओर से जारी परिपत्र कहता है कि “सभी मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों/अनुबंध/आउट-सोर्सिंग/बोर्डों/सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को रमज़ान के महीने के दौरान 03.04.2022 से 02.05.2022 (दोनों दिन सम्मिलित) के दौरान कार्यालयों/स्कूलों को एक घंटे पहले छोड़ने की अनुमति।” ऐसे में ये तो स्पष्ट हो गया कि ये ढोंगी ‘धर्मनिरपेक्ष’ सरकारें हैं। धर्मनिरपेक्षता ऐसी है कि वे मुसलमानों को खुश करने के लिए हिंदू समुदाय की उपेक्षा करते हैं। लेकिन उनका यह चाल भी काम नहीं करता, क्योंकि अगर उनका यह दांव काम करता, तो भाजपा, जो तुष्टीकरण की राजनीति से परहेज करती है, कई राज्यों में शासन नहीं कर रही होती।

और पढ़ें: सोने–चाँदी की आड़ में तुष्टीकरण की दुकान चला रहे तनिष्क को हिंदुओं ने दिया कड़ा संदेश

Tags: कांग्रेस सरकारकेसीआरगहलोत सरकाररमजान
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