हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और हर कथा के दो दृष्टिकोण होते हैं। अंतर इस बात से पड़ता है कि आपने किस दृष्टिकोण पर अधिक ध्यान दिया है और किस विचारधारा पर अधिक विश्वास रखते हैं। इस लेख में हम रनवे 34 के इसी पहलू को जानेंगे। जानेंगे कि कैसे ये दर्शकों को अपने दृष्टिकोण से प्रभावित कर सकती है।
किस बारे में है रनवे 34?
विभिन्न हवाई दुर्घटनाओं की सच्ची कथाओं पर आधारित रनवे 34 अजय देवगन द्वारा निर्देशित एक थ्रिलर / कोर्टरूम ड्रामा है, जिसमें प्रमुख भूमिका में है अजय देवगन, रकुल प्रीत सिंह, अमिताभ बच्चन, बोमन ईरानी इत्यादि। ये कथा है कैप्टन विक्रांत खन्ना की, जो एक सफल पायलट हैं, परंतु एक विषम परिस्थिति में फंस जाते हैं। क्या वे अपनी फ्लाइट को उस परिस्थिति से बाहर निकाल पाते हैं, और क्या वे अपने आप को निर्दोष सिद्ध कर पाते हैं, रनवे 34 इसी बारे में है।
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रनवे 34 के ट्रेलर को देखने से प्रतीत होता है कि ये फिल्म एक प्राकृतिक आपदा पर आधारित थी, परंतु फिल्म देखने पर पता चलता है कि इसके एक नहीं, अनेक पहलू है, जो आपको काफी समय तक अपने सीट से बंधे रहने के लिए विवश कर देगी। एक अच्छे फिल्म की निशानी वही होती है जो आपको अपनी कुर्सी से हिलने तक न दे, और रनवे 34 ने इस दिशा में अच्छा काम किया है।
अजय देवगन ने लोगों को निराश नहीं किया है
जब आप अभिनय के साथ निर्देशन का भी दायित्व संभाल रहे हो, तब यह जांचना कठिन हो जाता है कि आप कितने योग्य सिद्ध हुए हैं, परंतु इस दिशा में अजय देवगन ने लोगों को निराश नहीं किया है। यूं कहिए कि रनवे 34 इन्हीं के मजबूत कंधों पर टिकी हुई है, और जिन्होंने इनके निर्देशन के फिल्मों को ध्यान से देखा है, वे ये देखकर भी प्रसन्न होंगे कि यह धीरे धीरे एक निर्देशक के रूप भी निखर रहे हैं। कभी ‘यू मी और हम’ जैसी फिल्में बनाने वाले अजय देवगन ने ‘शिवाय’ के जरिए VFX के क्षेत्र में अपनी रुचि बढ़ाई और अब ‘रनवे 34’ के जरिए उन्होंने सिद्ध किया है कि यदि उन्हें सही अवसर प्राप्त हो, तो वे एक उच्चतम मनोरंजक फिल्म बना सकते हैं जिसमें कथा भी दमदार होगी, जिस कमी से बॉलीवुड सबसे अधिक जूझता है।
रही बात दम की, तो अजय देवगन का अन्य अभिनेताओं ने भी बखूबी साथ दिया है। पिछली फिल्मों के अनुसार अमिताभ बच्चन का रोल आपको थोड़ा बार बार दोहराया हुआ लग सकता है, परंतु कम से कम उन्होंने अपनी भूमिका में निराश तो बिल्कुल नहीं किया है। अपनी भूमिकाओं में रकुल प्रीत सिंह और बोमन ईरानी ने भी बराबर न्याय दिया है। इस फिल्म में सभी के चहेते यूट्यूबर Carryminati भी हैं, लेकिन उनकी भूमिका इस फिल्म में उतनी ही है जितनी तमिलनाडु में शिवसेना की सक्रियता या यूपी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्राप्त हुई सीटें, आगे आप समझदार हैं।
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फिल्म में कुछ कमियां भी रहीं
लेकिन इस फिल्म में कुछ कमियां भी रहीं, जिन्हे अगर दूर किया जाता, तो ‘द कश्मीर फाइल्स’ के अतिरिक्त ‘रनवे 34’ भी एक बेजोड़ फिल्म बन सकती थी। उदाहरण के लिए जब फिल्म एक सस्पेंस थ्रिलर से कोर्टरूम थ्रिलर में परिवर्तित होती है, तो कई दृश्य लोगों को रोचक शायद न लगे। इसके अलावा दूसरे हाफ के कुछ दृश्य जो आवश्यकता से अधिक ही खींच दिए गए।
परंतु इनके अतिरिक्त ‘रनवे 34’ एक एंटी हीरो के अंतर्मन को परखती एक दिलचस्प कथा है, जो बॉलीवुड के ऊपर के इस कलंक को भी धो सकती है कि वह एक रोचक कथा को बुन नहीं सकती। अजय देवगन उन चंद कलाकारों में से एक हैं, जो प्रयोग से नहीं डरते, चाहे वो किसी भी क्षेत्र में हो, और रनवे 34 से उन्होंने यही सिद्ध किया है। TFI की ओर से इसे मिलने चाहिए 5 में से 3.5 स्टार।