साम-दाम-दंड-भेद: कैसे अनुराग ठाकुर ने AAP की हिमाचल इकाई को पनपने से पहले ही रौंद डाला

हिमाचल में AAP के साथ तो खेला हो गया!

Anurag Thakur

Source- TFI

हवा बदलने और हवा बनाने, दोनों में एक बड़ा अंतर यह है कि हवा बदलने में क्षणभर नहीं लगता है पर हवा बनाने में समय कब, कहां और कितना लग जाए कोई अनुमान नहीं होता। इस हवा बनने और बदलने का सरोकार राजनीति में कुछ इस तरह है कि आज का राजा कल का रंक और फ़कीर भी हो सकता है। इसे भूल जाने वाले नेताओं के लिए एक ही कथन है कि कांग्रेस की स्थिति देख लीजिये और पूर्व लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमारी जी की भाषा में कहें तो “बैठ जाईये, बैठ जाइए।”

आम आदमी पार्टी देश की राजधानी दिल्ली से निकलकर अब विस्तार को आमादा है, पंजाब की जीत ने तो यह प्रमाणित भी कर दिया है कि सत्ता की सनक में अब वो साम-दाम-दंड-भेद सभी के साथ मिलकर अन्य राज्यों में भी घात करेगी। वो बात अलग है कि वर्तमान में उनकी यह साम दाम दंड भेद वाली नीति उन्हीं पर केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने चल दी है। हिमाचल प्रदेश में आज आम आदमी पार्टी चेहरा विहीन है, राज्य इकाई भंग है और 6 महीने में चुनाव हैं। “आप” की ऐसी दुर्दशा का कारक और कोई नहीं मूल रूप से हिमाचली अनुराग ठाकुर ही हैं, जिन्होंने आम आदमी पार्टी की हिमाचल इकाई को पनपने से पहले ही रौंद डाला है।

और पढ़ें: AAP ने हिमाचल प्रदेश मे चुनाव से पहले ही भाजपा की जीत सुनिश्चित कर दी है 

दरअसल, हिमाचल प्रदेश की आम आदमी पार्टी (AAP) इकाई में हालिया तख्तापलट हुआ, जिसमें भाजपा के कुछ प्रमुख नेताओं की सहभागिता रही तथा “AAP” को उसी की नीति के साथ धोबिया पछाड़ दे दिया और उसके साथ ही भाजपा उसकी राज्य इकाई को अपने कब्जे में लेने में कामयाब रही है। अब आगामी विधानसभा चुनाव में चेहरा कौन होगा वो बाद की बात है, फिलहाल तो पार्टी को राज्य इकाई के अपने नए चेहरे की तलाश है क्योंकि जो था उसे तो भाजपा ले उड़ी। इससे न केवल अटकलों और AAP की संभावनाओं पर पानी फिर गया, बल्कि सही समय पर सही झटका देने के इस भाजपा के क्रोनोलॉजी ने आम आदमी पार्टी को पस्त कर दिया है।

भाजपा की चाल के आगे फेल हो गए केजरीवाल

ध्यान देने वाली बात है कि पंजाब में जीत मिलने के बाद अति आत्मविश्वास से लबरेज़ आम आदमी पार्टी बौखला गई और पहुंच गई हिमाचल प्रदेश। 6 अप्रैल को मंडी पहुंचकर पार्टी के सर्वेसर्वा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक रोड शो किया। रोड शो को बीते 48 घंटे भी नहीं हुए थे कि पार्टी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता “आप” छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इन नेताओं को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। जो काम गुजरात में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी कांग्रेस के नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर कर रही है, उसकी शुरुआत भाजपा ने हिमाचल में उसके जमीनी और राजनीतिक अस्तित्व को मिटा पहले ही कर दी थी।

बता दें कि 8 अप्रैल की आधी रात को हिमाचल प्रदेश AAP के अध्यक्ष अनूप केसरी और AAP के अन्य नेता जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए थे। ऐसा अमूमन बहुत कम होता है जब आधी रात को पार्टी में सेंधमारी हो और किसी भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ही पाला बदल ले। इस सेंधमारी का पूरा श्रेय अबतक केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को दिया जा रहा है, जो उस दिन मध्यरात्रि में हुए इस खेला से कुछ घंटे पहले, राजधानी दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में ‘फ्रेंडली मैच’ खेल रहे थे।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर इलेवन और एमपी इलेवन में ठाकुर ने उस दिन नाबाद 47 रनों की शानदार पारी खेली पर जीत दिल्ली पुलिस कमिश्नर इलेवन की हुई। इस खेल में हार और राजनीतिक खेला में विजयी हुए ठाकुर ने उसी रात हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक बड़ी राजनीतिक जीत हासिल की। मैच खत्म होने के बाद पुरस्कार वितरण समारोह से पूर्व ही ठाकुर स्टेडियम से निकल आए थे, ताकि हिमाचल प्रदेश आप अध्यक्ष को भाजपा में शामिल किया जा सके। खबरों की मानें तो ठाकुर ने मैच शुरू होने से पहले सब कुछ प्लान कर लिया था और सभी घटनाक्रम जेपी नड्डा के निर्देशन में सुनिश्चित किए गए कि यह प्रक्रिया उसी रात होनी है।

और पढ़ें: यह हिमाचल प्रदेश में AAP के अंत की शुरुआत है

हिमाचल से तो AAP का सूपड़ा साफ हो गया 

यही नहीं, इधर शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में AAP की पार्टी इकाई का प्रमुख छिटका, तो सोमवार को जब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश में थे तब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश आप महिला विंग की प्रमुख ममता ठाकुर और अन्य नेताओं को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल करना सुनिश्चित करके एक और तख्तापलट कर दिया। इसके बाद विवश होकर आम आदमी पार्टी को अपनी राज्य इकाई को भंग करना पड़ा, जिसकी औपचारिक विज्ञप्ति हिमाचल प्रदेश चुनाव प्रभारी और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने साझा की थी। ध्यान देने वाली बात है कि हिमाचल प्रदेश में AAP के इतने प्रमुख चेहरे जिस प्रकार पार्टी छोड़ रहे थे, उसने पार्टी के ग्राफ को राज्य में जमींदोज़ कर दिया था, ऐसे में पार्टी की स्थिति रसातल तक पहुंचती उससे पूर्व ही पार्टी ने राज्य इकाई को भंग करने में ही अपनी भलाई समझी, क्योंकि ज्यादा देरी का मतलब था कि नए नेता पार्टी जाते और फिर खबर बनती और फिर फजीहत होती।

इस पूरे घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी के भीतर की आपसी फूट सबसे बड़ी वजह बनकर सामने आई थी, जिसका फायदा अनुराग ठाकुर ले गए और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की राह के एक बाधक को हटाने का काम किया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे का खेला किस ओर होता है क्योंकि अब आम आदमी पार्टी का अस्तित्व हिमाचल में निल बटे सन्नाटा है, जिसे जीवित करना 6 महीने के अंतराल में थोड़ा मुश्किल जान पड़ता है क्योंकि अब संगठन विस्तार में भी समय लगेगा और केजरीवाल की चुनावी रणनीति पर डबल कामों का डबल अटैक हो गया है।

और पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में अब खालिस्तानियों की खैर नहीं, भाजपा सरकार के फैसले ने उड़ाई आतंकियों की नींद

Exit mobile version