योगी आदित्यनाथ राजनीति का एक ऐसा नाम है जिन्हे अपनी ईमानदारी और कर्मठता के लिए जाना जाता है। उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर जीरो टोलेरेंस वाली नीति से गुनहगारों में खौफ का माहौल बना रहता है। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के बाद योगी आदित्यनाथ फिर से अपने पुराने कार्यों में जुट गए हैं जिनमें प्रमुखता से अपराध, जालसाजी और कानून को लेकर कई कड़े फैसले लिए हैं।
आपको बतादें कि अधिक पारदर्शिता लाने के प्रयास में, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी नौकरशाहों और मंत्रियों से अपनी चल और अचल संपत्ति को सार्वजनिक करने को कहा। योगी का यह बयान मंगलवार को मंत्रिपरिषद की विशेष बैठक में जारी कई निर्देशों में से एक प्रमुख निर्देश था।
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कुछ प्रमुख निर्देश
इस अवसर पर उन्होंने यह भी आदेश दिया कि सरकार में मंत्रियों के परिवार के सदस्यों का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। अगले विधानसभा सत्र से पहले मंत्रियों को राज्य का दौरा करने के लिए कहते हुए, उन्होंने सोमवार और मंगलवार को लखनऊ में रहने और शुक्रवार से रविवार तक अपने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने का भी निर्देश दिया।
सभी लोक सेवकों (आईएएस/पीसीएस) को अपनी और परिवार के सदस्यों की सभी चल/अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए। इन विवरणों को जनता के अवलोकनार्थ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। साथ ही सभी मंत्री यह सुनिश्चित करें कि उनके परिवार के सदस्यों का सरकारी कार्यों में कोई हस्तक्षेप ना हो।
आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने विधान परिषद की 36 सीटों में से 33 पर जीत हासिल की, जो 9 अप्रैल को हुए मतदान में हुई थी। 100 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन की संख्या 70 तक पहुंच गई, यह लगभग पहला अवसर था। 4 दशक जब सत्तारूढ़ दल के पास विधानसभा और विधान परिषद दोनों में बहुमत है। इससे प्रमुख कानूनों को पारित करने की यूपी सरकार की क्षमता को बल मिलने की उम्मीद है।
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37 का साल का रिकॉर्ड तोड़ा
वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सीएम के रूप में दूसरा कार्यकाल हासिल करके 37 साल पुराने इतिहास को तोड़ दिया। अपने वोट शेयर को 39.67% से बढ़ाकर 41.29% करने के बावजूद, बीजेपी को 255 सीटें मिलीं। अपना दल (एस) और निषाद पार्टी ने 12-12 और 6 सीटें जीतीं, 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 273 सीटें हैं
आपको बतादें कि योगी आदित्यनाथ के कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं और उनका कद आज किसी भी अन्य नेताओं से काफी बड़ा है। योगी आदित्यनाथ आने वाले समय के प्रधानमंत्री भी हो सकते हैं ऐसे उनका फैसला लेने की क्षमता को देखते हुए भाजपा के अंदर कयास लगाए जा रहे हैं। यह योगी का चेहरा ही था जिसके कारण भाजपा ने फिर से उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आ पाई है और उनकी यही कार्यशैली को देख कर विपक्षी भी परेशान रहते हैं।
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