बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी था, “आप” की हर साख पर उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा! यह कथन अभी आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार पर एकदम सटीक बैठता है। पंजाब चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए लोकप्रिय पंजाबी गायक और रैपर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। संयोग या प्रयोगवश यह तब हुआ जब राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशानुसार पंजाब पुलिस द्वारा पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा में कटौती कर दी गई।
17 जून 1993 को जन्मे शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला मनसा जिले के मूस वाला गांव के रहने वाले हैं। एक चर्चित और लोकप्रिय रैप सिंगर होने के साथ ही मूसेवाला आए दिन अपने गानों के लिए सुर्ख़ियों में बने रहते थे। मूसेवाला ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी और अपने कॉलेज के दिनों में संगीत सीखा था और बाद में कनाडा चले गए थे। बीते किसान आंदोलन में भी मूसेवाला ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और साथ ही उनके ऊपर खालिस्तानी कनेक्शन के भी आरोप लगे थे। पंजाब चुनावों से पहले वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
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सिद्धू मूसेवाला ने अपने गृह क्षेत्र मानसा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्हें आम आदमी पार्टी के डॉ. विजय सिंगला ने 63,323 मतों के अंतर से हराया था। ज्ञात हो कि यह वही सिंगला हैं जिन्हें हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भगवंत मान सरकार से स्वास्थ्य मंत्री के पद स बर्खास्त कर दिया गया था। मानसा जिले के एक गांव मूसा के रहने वाले मूसेवाला पिछले साल नवंबर में काफी धूमधाम से कांग्रेस में शामिल हुए थे।
कांग्रेस ने उन्हें मनसा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। इसको लेकर मनसा के तत्कालीन विधायक नज़र सिंह मनशाहिया ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और कहा था कि वह विवादास्पद गायक की उम्मीदवारी का विरोध करेंगे।
पिछले महीने सिद्धू मूसेवाला ने अपने गीत ‘बलि का बकरा’ में आम आदमी पार्टी और उसके समर्थकों को निशाना बनाने के बाद एक विवाद खड़ा कर दिया था। गायक ने अपने गाने में “आप” समर्थकों को ‘गद्दार’ (देशद्रोही) कहा था।
यह हत्या मान सरकार पर बड़ा सवाल इसलिए है क्योंकि सिद्धू मूसेवाला को तब मारा गया जब एक दिन पूर्व राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा में कटौती की थी।
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डीजीपी वीके भावरा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला गैंगवार का है। सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगनप्रीत का नाम मोहाली में हुए विक्की मिड्डूखेड़ा के मर्डर में आया था। शगनप्रीत ऑस्ट्रेलिया में है। उसका बदला लेने के लिए लॉरेंस विश्नोई गैंग ने यह मर्डर करवाया है। इसकी जिम्मेदारी कनाडा बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार ने ले ली है।
ऐसे में पंजाब सरकार पर बड़े सवाल खड़े होते हैं। दरअसल, राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होतीत जा रही है। इस महीने यह दूसरी बड़ी हिंसक घटना है। इससे पहले 9 मई को हमलावरों ने मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड (RPG) से हमला किया था।
वहीं पिछले महीने कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह की भी हत्या कर दी गई थी और कहा गया था कि इसके पीछे खेल को नियंत्रित करने को लेकर गैंगस्टरों के बीच हुई खींचतान एक वजह थी जिसके लिए पैसा विदेश से आया था।
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