कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम एक और बड़े मामले में बुरी तरह से एक्सपोज़ हो गए हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के विरुद्ध नया मामला दर्ज किया है. कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने 250 चीनी नागरिकों को भारतीय वीजा दिलवाया, जिसके बदले में उन्हें 50 लाख की रिश्वत मिली.
9 ठिकानों पर छापेमारी
इस मामले को लेकर आज सीबीआई ने चिदंबरम के घर और कार्यालय समेत 9 ठिकानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक, पंजाब और उड़ीसा में की गई. सीबीआई का आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने यूपीए के कार्यकाल में (2010-2014) 250 चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाया. इसके बदले में उन्हें 50 लाख रुपये की रिश्वत मिली. सीबीआई के मुताबिक यह चीनी नागरिक किसी पावर प्रोजेक्ट के लिए भारत आकर काम करना चाहते थे.
पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के विरुद्ध पहले से ही सीबीआई INX Media मामले में जांच कर रही है. Foreign Investment Promotion Board (FIPB) क्लीयरेंस को लेकर यह जांच चल रही है. इसी जांच के दौरान सीबीआई को इन 50 लाख रुपये के लेनदेन का पता चला.
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कार्ति चिदंबरम पर सीबीआई का यह आरोप बहुत ही गंभीर है. चीन के साथ कांग्रेस और उसके नेताओं के ‘कनेक्शन’ की जैसी ख़बरें आती हैं, उसके बाद इन आरोपों की गंभीरता और ज्यादा बढ़ जाती है.
कांग्रेस का चीनी कनेक्शन!
राहुल गांधी चीन को लेकर हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहे हैं. कई बार राहुल गांधी चीन के प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाते हुए भी दिखते हैं.
कांग्रेस और चीन को लेकर उस वक्त बड़े सवाल खड़े हुए जब डोकलाम विवाद के दौरान राहुल गांधी ने गुपचुप तरीके से चीनी अधिकारियों से मुलाकात की.
राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी फंडिंग
एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2005 से लेकर 2008 तक राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन की सरकार ने डोनेशन दी. राजीव गांधी फाउंडेशन ने वर्ष 2005-06 की वार्षिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी की कि पीपुल रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूतावास ने राजीव गांधी फाउंडेशन को फंडिंग की थी. इसके साथ ही चाहे कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का राहुल गांधी को बधाई देना हो या फिर हाल ही में नेपाल में चीन की राजदूत के साथ राहुल गांधी का पार्टी करना हो कई बार ऐसे मौके आए हैं, जब साफ तौफ पर कांग्रेस और चीन का कनेक्शन दिखा है.
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इतिहास में अगर पीछे जाएं तो हम देखेंगे कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत को मिलने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता प्लेट में सजाकर चीन को गिफ्ट कर दी थी. इसके बाद कई बार भारत को इस बात के लिए पछताना पड़ा कि उसके पास वीटो पावर नहीं है.
ऐसे में अब कांग्रेस के दिग्गज नेता के बेटे और कांग्रेस के सांसद का चीन के साथ कनेक्शन सामने आना बड़ा संकेत है. यह संकेत है कि सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के दूसरे नेता भी चीन की तरफ झुकाव रखते हैं.
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