उफ्फ, ये दुख, दर्द, कष्ट, पीड़ा, इसे देखकर तो कोई भी पाषाण हृदय पानी पानी हो जाए। कैसे नहीं होगा, दीपिका पादुकोण जो ठहरी, कैसे गलत हो सकती हैं। लेकिन क्या यह वास्तव में उतनी पीड़ित हैं, जितना दिखाती हैं?
हाल ही में दीपिका पादुकोण ने वोग इंडिया मैगज़ीन को दिए साक्षात्कार में इस बात का रोना रोया कि कैसे उन्हे उनके दक्षिण भारतीय परिवेश के लिए काफी विरोध का सामना करना पड़ा था और उन्हे भय था कि कहीं इसके कारण उनका करियर खत्म न हो जाए.
How much has this woman suffered?
Struggle
'My Choice' Dilemma
Depression
Racism pic.twitter.com/5h4Ooc3YLX— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) May 9, 2022
अरे! रे रे रे, बड़ा दुख हुआ जानकर दीपिका जी हमें कि आपको इतने भेदभाव का सामना करना पड़ा। चलिए चलिए, इतनी ओवरएक्टिंग तो केआरके, स्वरा भास्कर और साकेत गोखले भी ट्विटर पर नहीं करते होंगे। जितनी आपने इस इंटरव्यू में अकेले कर दी। इतना ‘बेचारापन’ लाती कहाँ से है आप? तनिक हम लोगों को भी बताइए।
शाहरुख के साथ आई पहली फिल्म
ज़रा ठहरिए, ये प्रथम ऐसा अवसर नहीं है जब दीपिका पादुकोण ने विक्टिम कार्ड की ऐसी अश्रु गंगा बहाई हो। ज़रा समय का पहिया घुमाइए और चलिए उस समय की ओर, जब महोदया ने दावा किया थी कि इन्हे अपने सपनों को प्राप्त करने के लिए कितना स्ट्रगल करना पड़ा था। किसको उल्लू बना रही हैं आप? जिसका पहला म्यूज़िक वीडियो हिमेश रेशमिया के साथ आया हो, जिसकी पहली फिल्म शाहरुख खान के साथ आई हो और जिसके पिता बैडमिंटन के सुपरस्टार हो, उसे स्ट्रगल करना पड़ा होगा?
अब आते हैं दीपिका पादुकोण के उस दावे पर, जहां वह कहती हैं कि उनकी दक्षिण भारतीय बोली के कारण बॉलीवुड में उन्हे ‘विरोध’ का सामना करना पड़ा। अब इनके तर्क से तो फिर हेमा मालिनी, वैजयंतीमाला, रेखा, जया प्रदा, विद्या बालन, ऐश्वर्या राय जैसी अभिनेत्रियों को कभी काम ही नहीं मिलना चाहिए था।
वैजयंतीमाला और वहीदा रहमान का नाम तो आज भी बड़े सम्मान से सब लेते हैं। इनके बिना बॉलीवुड की कल्पना करना लगभग असंभव है। ये कहाँ से आए थे? चंद्रमा से? दोनों ही दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु से संबंध रखते थे, और दोनों ही मुंबई स्थित बॉलीवुड फिल्म उद्योग में अधिक प्रसिद्ध हुए।
और पढ़ें: 5 सरल उपायों से बॉलीवुड अपना अस्तित्व बचा सकती है
अब इनमें से कई अभिनेत्रियाँ तो ऐसी भी थी, जिन्होंने प्रारंभ किया क्षेत्रीय उद्योग की फिल्मों से और बॉलीवुड में आकर प्रसिद्धि पाई। जैसे भानुरेखा गणेशन यानी रेखा, जया प्रदा, विद्या बालन, ऐश्वर्या राय। रेखा और ऐश्वर्या राय जैसी अभिनेत्रियाँ तो लगभग 2010 के प्रारंभ तक बॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्रियों में शामिल थी। तो आखिरकार दीपिका पादुकोण किस ‘भेदभाव’ की बात कर रही थी?
श्रीदेवी पहली फीमेल सुपरस्टार
ये तो कुछ भी नहीं है, अगर हम चर्चा करें श्रीदेवी की। “बिजली गिराने मैं हूँ आई” गीत की भांति श्रीदेवी ने पूरे बॉलीवुड में अपने अभिनय से तहलका मचाया हुआ था। क्या हिन्दी, क्या तमिल, क्या तेलुगु, आप जो भाषा बोलिए, श्रीदेवी हर फिल्म उद्योग में धमाल मचाए हुई थी। उनकी लोकप्रियता ऐसी थी कि ‘कटक से अटक’ तक उनके चाहने वालों की लाइन लग जाती थी।
जब ‘इंग्लिश विंगलिश’ से उन्होंने फिल्म उद्योग में वापसी की थी, तो जनता ने उन्हे सर आँखों पर लिया और आज भी श्रीदेवी का नाम हर उद्योग में सम्मान से लिया जाता है। तो कृपया दीपिका पादुकोण ये समझाएँ कि किस प्रकार का भेदभाव उन्हें सहना पड़ा था?
अब बात करें अगर दक्षिण भारतीय होने की तो जब वास्तव में उन्हे अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला था तो इन्होंने क्या किया था? क्या हम भूल गए कि ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में इन्होंने क्या किया था? एक तमिल लड़की के रूप में इन्होंने तमिल लोगों का जो उपहास उड़ाया था, उसके बाद तो कृपया ये दक्षिण भारतीय होने और उसके कारण भेदभाव होने पर ज्ञान तो बिल्कुल न दे, अच्छा नहीं लगता।
और पढ़ें: बुल, बिस्वास, दसवीं – अभिषेक बच्चन, जिन्हें बॉलीवुड में अब तक उचित सम्मान नहीं मिला