डेमोक्रेट शासित कनेक्टिकट ने 29 अप्रैल को खालिस्तानी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मान्यता दी

कभी पूरा नहीं होगा खालिस्तानियों का भारत विरोधी मंसूबा

कनेक्टिकट खालिस्तान

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1980 के दशक की शुरुआत में कट्टरपंथी अलगाववादियों ने पंजाब और उत्तरी भारत के अन्य हिस्सों में खालिस्तान के रूप में एक स्वतंत्र, धार्मिक सिख राज्य बनाने के लिए एक खूनी अभियान चलाया। 2022 में भी खालिस्तानियों द्वारा इस मामले को लेकर विश्व भर में उपद्रव देखने को मिलता रहता है। भारत में भी आज फिर से खालिस्तानी सक्रीय दिखने लगे है। आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार बने हुए अभी कुछ महीने ही हुए है तभी से यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि पंजाब में खालिस्तान का फिर से उदय होने का डर था लेकिन पंजाब ही नहीं अब अमेरिका और पश्चिम देशों में खालिस्तान की सक्रियता बढ़ रही है और यही कारण है कि अमेरिका की जो बाइडन की पार्टी के नेतृत्व वाली कनेक्टिकट ने खालिस्तान स्वतंत्रता दिवस घोषित किया है ।

वीडियो में सिख भारत विरोधी बातें कर रहे  थे

आपको बता दें कि 29 अप्रैल को यूट्यूब पर एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें कुछ सिख समुदाय के लोग  कुछ अमेरिकी अधिकारियों के साथ एक मंच पर खड़े नजर आ रहे थे। वीडियो कनेक्टिकट में शूट किया गया था। वीडियो में मौजूद सिख भारत विरोधी बातें कर रहे  थे। मंच पर मौजूद अधिकारी ने घोषणा की कि कनेक्टिकट राज्य ने 29 अप्रैल को सिख स्वतंत्रता दिवस के रूप में मान्यता देने का फैसला किया है। इसका मतलब यह है कि अब से कनेक्टिकट के अधिकारी सिखों को भारत का आधिकारिक हिस्सा नहीं मानते हैं।

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मंच पर मौजूद अधिकारी ने घोषणा की कि “कनेक्टिकट महासभा सिख स्वतंत्रता की घोषणा की 36 वीं वर्षगांठ के सम्मान में विश्व सिख संसद को अपनी ईमानदारी से बधाई देती है। हम आपके, आपके दोस्तों और आपके परिवार के साथ पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर में स्थित ‘सरबत खालसा’, सिख राजनीतिक केंद्र के रूप में जानी जाने वाली सामूहिक सिख राष्ट्र सभा द्वारा 29 अप्रैल, 1986 को पारित ऐतिहासिक प्रस्ताव की स्मृति में शामिल किये जाते हैं।

इस मामले को लेकर हड़कंम्प मच गया और जैसे ही यह मामला भारत के संज्ञान में आया तो भारत की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। इस मामले को लेकर भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने रविवार को ट्वीट किया, “अमेरिका में कनेक्टिकट राज्य ने 29 अप्रैल को सिख स्वतंत्रता की घोषणा की वर्षगांठ के रूप में” मान्यता दी है। यह बेहद निंदनीय है और बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। @JoeBiden सरकार को इस मामले को लेकर हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि यह भारत के भीतर एक स्वतंत्र राज्य, ‘खालिस्तान’ के लिए खुला समर्थन कर रहे है।”

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अमेरिकी राज्य के उकसावे पर जतायी गयी चिंता

आपको बता दें कि भारतीय विश्व मंच ने खालिस्तान समर्थक समूहों के अमेरिकी राज्य के उकसावे पर चिंता जतायी। फोरम ने कहा कि यूएस स्टेट ऑफ कनेक्टिकट द्वारा पारित प्रस्ताव खालिस्तान को प्रभावित करता है और बढ़ावा देता है और इस तरह भारत की संप्रभुता को चुनौती देता है। ज्ञात हो की यह पंजाब में शिवसेना और खालिस्तान समर्थक समूहों के बीच संघर्ष के कुछ दिनों बाद आया है।

ध्यान देने वाली बात है कि खालिस्तान आंदोलन एक सिख अलगाववादी आंदोलन है जो पंजाब क्षेत्र में खालिस्तान (‘खालसा की भूमि’) नामक एक संप्रभु राज्य की स्थापना करके सिखों के लिए एक मातृभूमि बनाने की मांग कर रहा है।

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