चुनावी सीजन खत्म हुए अभी एक महीना भी ठीक से नहीं हुआ होगा कि अभी से अगले वर्ष के चुनावों की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी है। भाजपा की कर्नाटक इकाई ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अगला चुनाव वर्तमान नेतृत्व के अंतर्गत ही लड़ेंगे, यानी मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई के अंतर्गत ही भाजपा कर्नाटक 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। निस्संदेह यह स्वागत योग्य निर्णय है और ये इस बात को भी दर्शाता है कि कैसे भाजपा अब धीरे-धीरे हर राज्य में सशक्त नेतृत्व को बढ़ावा देने में लगी हुई है। लेकिन एक और भी बात है जिसके पीछे भाजपा पर विशेष दृष्टि बनी रहेगी और वो हैं योगी आदित्यनाथ, जिनकी आगामी कर्नाटक चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है।
वह कैसे? योगी आदित्यनाथ भले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वो एक लोकप्रिय राजनेता भी हैं और साथ ही साथ वो नाथ संप्रदाय द्वारा संचालित गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ पीठ के अध्यक्ष भी हैं। यह पद उन्हें अपने आध्यात्मिक गुरु एवं राजनीतिक नेता, महंत अवैद्यनाथ से विरासत में मिला था। तो नाथ संप्रदाय का कर्नाटक से क्या नाता? असल में कर्नाटक में नाथ संप्रदाय का एक प्रमुख वर्ग वास करता है और नाथ संप्रदाय के महंत को इनके अनुयायी अपने आराध्य का दर्जा भी देते हैं। वर्ष 2018 में भी योगी जब भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में कर्नाटक आए थे, तो कहीं न कहीं उनके इसी व्यक्तित्व की कुछ भूमिका अवश्य थी, जिसके कारण भाजपा 108 सीटें प्राप्त करने में सफल रही थी।
योगी ने कर्नाटक में कुल 24 जगहों पर रैलियां की थी। जिन इलाकों में योगी की रैली हुई थी, वहां की अधिकांश सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को अप्रत्याशित बढ़त मिली थी। उसके बाद से ही हिंदुत्व छवि वाले योगी की मांग चुनाव प्रचार के लिए हर राज्य में होने लगी और आने वाले वर्षों में योगी की छवि न केवल एक कुशल प्रशासक, अपितु एक लोकप्रिय नेता के रूप में भी उभरने लगी, जो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ सके। उनके ‘बुलडोज़र मॉडल’ के बारे में तो जितना लिखा जाए, उतना कम है।
तो इस बार क्या नया होगा?
इस बार कर्नाटक में हिन्दुत्व अपने चरमोत्कर्ष पर है और कर्नाटक प्रशासन ने भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी स्थिति में तुष्टीकरण को कोई बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, जिसका प्रमाण हिजाब प्रकरण और हलाल, झटका के विषय पर देखने को मिला है। इसके अतिरिक्त योगी आदित्यनाथ एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश में सत्ता वापसी करने में सफल रहे हैं। ऐसे में यदि वो भाजपा के लिए कर्नाटक में प्रचार करते हैं, तो ये न केवल भाजपा के लिए सोने पर सुहागा होगा, अपितु इससे यह भी सिद्ध होगा कि आज भी हिन्दुत्व भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसमें योगी आदित्यनाथ जैसे दमदार नेता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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