भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है। देश में क्रिकेट की इतनी ज्यादा लोकप्रियता है की जब कोई क्रिकेट मैच होता है तो लोग अपने काम को भी छोड़कर अपने देश का समर्थन करते हैं। भारतीयों के लिए क्रिकेट एक भावुक खेल है जहां खेल प्रसंशक अपनी टीम के जीत के लिए प्रार्थना करते हैं पर जब क्रिकेट को लेकर नाकारत्मक खबरें आती हैं तो सबसे अधिक इन्हीं क्रिकेट प्रसंशक को धक्का पहुंचता है। दरअसल एक बार फिर क्रिकेट सर्मसार हो गया है। आपको बतादें की इस बार भारत का लोकप्रिय आईपीएल मैच में फिक्सिंग के खुलासे के बाद से क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया है।
CBI के अधिकारियों द्वारा
मैच फिक्सिंग को लेकर सीबीआई के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान से “इनपुट के आधार पर” 2019 इंडियन प्रीमियर लीग मैचों के कथित फिक्सिंग से संबंधित दो अलग-अलग मामलों के संबंध में सात संदिग्ध व्यक्तियों को नामजद किया है। अधिकारियों ने आगे कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने देश भर में जांच शुरू कर दी है और दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर और जोधपुर में सात स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। आपको बतादें कि सीबीआई ने अपनी पहली प्राथमिकी में जिन सात लोगों को चिन्हित किया है उनमें रोहिणी, दिल्ली में रहने वाले दिलीप कुमार और हैदराबाद स्थित गुरराम वासु और गुरराम सतीश को आरोपी बनाया है, जबकि सज्जन सिंह, प्रभु लाल मीणा, राम अवतार और अमित कुमार शर्मा, सभी राजस्थान से हैं।
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FIR में खुली कई परतें
सीबीआई द्वारा दायर प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्राप्त सूचना में यह भी कहा गया है कि आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी की आड़ में संलिप्त व्यक्ति सट्टा लगाने के लिए प्रेरित कर जनता को ठग रहे हैं। “इस उद्देश्य के लिए, उन्होंने अज्ञात बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी पहचान और केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके बैंक खाते खोले हैं।
”एफआईआर में यह भी कहा गया है की ये लोग जाली खाते विवरण, जैसे कि फर्जी जन्म तिथि और बैंक अधिकारियों द्वारा किए गए उचित जांच के बिना करके खोले गए हैं। अधिकारियों ने कहा की इस तरह की सट्टेबाजी गतिविधियों के कारण भारत में आम जनता से प्राप्त धन का एक हिस्सा हवाला लेनदेन का उपयोग करके विदेशों में स्थित उनके सहयोगियों के साथ भी साझा किया जा रहा है। सीबीआई को मिले प्राप्त जानकारी से यह पता चला है कि दिल्ली निवासी दिलीप कुमार ने हैदराबाद निवासी गुरराम सतीश और गुरराम वासु के साथ मिलकर अनैतिक वित्तीय गतिविधियाँ का खुलासा किया। तीनों लोग पाकिस्तानी संदिग्ध वकास मलिक के संपर्क में थे।
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”एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है की सतीश के बैंक खातों में वर्ष 2012-13 से 2019-20 के दौरान 4.58 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जमा है वहीं वासु के बैंक खातों में घरेलू नकद जमा राशि वर्ष 2012-13 से 2019-20 के दौरान 5.37 करोड़ रुपये से अधिक है। अभी इस मामले में पूरी जांच चल रही है लेकिन जिस तरह से आईपीएल पर मैच फिक्सिंग का साया आया है उससे क्रिकेट प्रेमियों को बहुत ही निराशा लगी है। करोड़ो लोग टेलीविज़न पर और लाखों लोग मैदान में अपना कीमती समय और पैसा लगाकर क्रिकेट मैच देखने जाते हैं पर इस तरह की ख़बरें सुनकर क्रिकेट प्रेमियों का भरोसा ख़त्म हो जाएगा।