TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने 'चिकन नेक' को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत ने ‘चिकन नेक’ को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने 'चिकन नेक' को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत ने ‘चिकन नेक’ को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

निचली जाति के ईसाई, दलित सिख और निचली जाति के मुस्लिम: जानें गैर हिंदू धर्मों में क्या है जाति व्यवस्था का हाल

'फर्जी' इतिहासकारों ने जाति व्यवस्था पर जानबूझकर हिंदू धर्म को बदनाम किया है!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
2 May 2022
in ज्ञान, समीक्षा
Muslim, Sikhs and Christians

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

सनातन सार्वभौम है। सनातन एकमेव सत्य है। यह केवल मानव मात्र नहीं किंतु संपूर्ण सृष्टि और प्राणी मात्र के उत्कृष्ट अस्तित्व का सार्थक विज्ञान है। शायद इसीलिए एक सच्चा सनातनी होने के नाते आपको इसे मानने के बजाय अंगीकार करने की आवश्यकता है। अतः जिस क्षण आप एक उत्कृष्ट और वैज्ञानिक जीवन शैली को आत्मसात करते हैं, उसी क्षण आप सनातनी हो जाते हैं। परंतु, कुछ छद्म बुद्धिजीवी, पक्षपाती इतिहासकार और निकृष्ट इस्लामिक उलेमाओं ने इस संस्कृति के बारे में गलत बातें और भ्रांतियों को प्रचारित कर इसे कलुषित और अपमानित करने का कृत्य किया है। उन्हीं में से एक है हिंदू धर्म में व्याप्त जाति व्यवस्था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक सनातनी के निजी जीवन को चार भागों में विभक्त किया गया है जिसमें ब्रह्मचर्य, गृहस्थ वानप्रस्थ और संन्यास है।

ठीक इसी तरह सनातनी समाज को भी कर्म के आधार पर चार भागों में विभक्त किया गया है जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र हैं। इसे वर्ण व्यवस्था कहते हैं और किसी भी सभ्यता संस्कृति में आपको निजी तथा सामाजिक जीवन का इतना श्रेष्ठ और वैज्ञानिक वर्गीकरण देखने को नहीं मिलेगा। पर दुर्भाग्य है कि कुछ दुष्टों ने इसे जाति व्यवस्था के रूप में प्रचारित किया। उनके इस प्रोपेगेंडा के पीछे एक कारण यह भी रहा है कि स्वयं अब्राह्मिक मजहब जाति व्यवस्था के इतने जटिल दुष्चक्र में फंसे हुए है कि उन्होंने कभी वर्ण व्यवस्था के वैज्ञानिक आधार की कल्पना भी नहीं की होगी। खैर, आज हम आपको इन्हीं अब्राह्मिक धर्मो तथा सिखों में व्याप्त जाति व्यवस्था के स्याह चेहरों से अवगत कराएंगे।

संबंधितपोस्ट

“जगन्नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है,” राज्यपाल महोदय टिप्पणी करने से पहले मान्यताएं जान लीजिए

कैसे एक षड्यंत्र के तहत भारत को जाति के आधार पर बांटा गया? एक एक कड़ी समझिए

और लोड करें

और पढ़ें: जब अफ्रीका से टकराई अब्राहमिक धर्मों की लहर, तो अफ्रीका रहा न पहले जैसा

मुस्लिम

मुस्लिम समाज में दो गुटों- अशरफ और अजलाफ, के बीच व्यापक पैमाने पर भेदभाव मौजूद है। दरअसल, मुस्लिम समाज खुद को दो श्रेणियों में विभाजित करता है- अरब या अन्य हमलावर समूहों के वंशज (जिन्हें ‘अशरफ’ भी कहा जाता है) और स्थानीय धर्मान्तरित (जिन्हें ‘अजलाफ’ के नाम से जाना जाता है)। ये शब्दावली तब सामने आई जब पश्चिम के इस्लामी आक्रमणकारियों ने भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सों पर हमला किया और तलवार की नोक पर स्थानीय हिंदुओं को परिवर्तित कर दिया। इस विभाजन के अलावा, मुसलमानों की अजलाफ श्रेणी के बीच हिंदू वर्ण-व्यवस्था मौजूद है, जो उस जाति पर आधारित है जो उनके इस्लाम में परिवर्तित होने से पहले थे (जैसे- मुस्लिम राजपूत)।

मुस्लिम जाति पदानुक्रम के शीर्ष पर सैयद हैं, जिन्हें इस्लामी पैगंबर मोहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज माना जाता है। सैयद परंपरागत रूप से अपनी जाति के भीतर ही शादी करते हैं। माना जाता है कि सैयद इस्लामिक पैगंबर मोहम्मद के पोते हुसैन इब्न अली के वंशज हैं, जबकि हसन इब्न अली (हुसैन के भाई) के वंशजों को ‘शरीफ’ कहा जाता है। ये दो समुदाय अक्सर मुस्लिम सामाजिक पदानुक्रम में सबसे आगे होते हैं और इस्लामी समाज में बहुत प्रभावशाली होते हैं।

मुस्लिम समाज के निचले हिस्से में अजलाफ श्रेणी के पसमांदा हैं, जिनमें ‘शूद्र’ और आदिवासी धर्मांतरित शामिल हैं। पसमांदा का अर्थ है- ‘जो पीछे रह गए हैं’। पसमांदा भारतीय मुसलमानों के भीतर सबसे अधिक भेदभाव वाला समूह है। कुल भारतीय मुस्लिम आबादी का 85 फीसदी पसमांदा भारत में हैं, ये मुस्लिम समुदाय के भीतर राजनीतिक रूप से सबसे कम प्रतिनिधित्व वाला समूह है। पहली और तेरहवीं लोकसभा के बीच लगभग 7,500 सांसद चुने गए थे। उनमें से 400 मुस्लिम थे और केवल 60 मुस्लिम सांसद पसमांदा समुदाय से थे। अशरफ, हालांकि भारत की मुस्लिम आबादी के सिर्फ 2.01 प्रतिशत हैं, पर इस समुदाय के नेताओं ने पहली और तेरहवीं लोकसभा के बीच 4.5% सीटों का प्रतिनिधित्व किया है।

मुस्लिम बहुल इलाकों में दलित हलालखोरों (स्वीपर जाति) और मेहतर जातियों के लिए पीने के पानी के अलग-अलग ‘लोटे’ हैं। इसी तरह मस्जिदों में भी स्पष्ट भेदभाव है, जहां उच्च जाति के मुसलमान आगे की पंक्तियों में नमाज अदा करते हैं जबकि निचली जाति के मुसलमान पीछे की पंक्तियों में नमाज अदा करते हैं। कुछ जगहों पर, दलित मुसलमानों को अशरफों के लिए आरक्षित सार्वजनिक कब्रगाहों में जाने की अनुमति नहीं है। एक धर्म के रूप में भी इस्लाम ने इस तरह के भेदभाव का सहारा लिया है। हदीस के अनुसार, केवल कुरैश जनजाति (जिसके मोहम्मद थे) का सदस्य ही इस्लामी खलीफा हो सकता है।

ईसाई

हाल ही में भारत के एक कैथोलिक चर्च में अधिकारिक तौर पर पहली बार यह बात मानी है कि दलित ईसाइयों को छुआछूत और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। नीतिगत दस्तावेजों के जरिए यह जानकारी सामने आई जिसमें कहा गया कि उच्च स्तर पर नेतृत्व में दलित ईसाइयों की सहभागिता न के बराबर है। कई कैथोलिकों ने कैथोलिक चर्च के सदस्य द्वारा उनके साथ किए जाने वाले भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई है। वामा कास्टिंग नाम के एक दलित कार्यकर्ता ने ऐसी किताबें लिखी है जो दक्षिण भारत के चर्चों में नमन और पुजारियों द्वारा भेदभाव की आलोचना करती है।

मदुरा मिशन के जेसुइट्स द्वारा ईसाई धर्म में परिवर्तित होने वाले पहले लोग नादर, मारवार और पल्लार के सदस्य थे। दलितों द्वारा आयोजित जाति आधारित व्यवसाय भी एक स्पष्ट अलगाव दिखाते हैं जो ईसाई बनने के बाद भी कायम रहा। उत्तर-पश्चिम भारत में दलित ईसाइयों के बीच हाथ से मैला ढोने की प्रथा प्रचलित है, कहा जाता है कि वे दलित हिंदुओं के समान हैं। दलित ईसाइयों के लिए व्यावसायिक भेदभाव न केवल रोजगार को प्रतिबंधित करता है, बल्कि कुछ मामलों में स्वच्छता और पानी के लिए भी सीमित है।

ईसाइयों के बीच अंतरजातीय विवाह भी आमतौर पर नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए, केरल में सीरियाई ईसाई दलित ईसाइयों से शादी नहीं करते हैं। गोवा में बामन और शूद्र के बीच अंतर्विवाह भी काफी असामान्य है। दलित ईसाइयों के खिलाफ भेदभाव जातियों के बीच बातचीत और तौर-तरीकों में भी बना रहा। उदाहरण के लिए, पहले के दिनों में ‘निम्न जाति के ईसाइयों’ को एक सीरियाई ईसाई से बात करते समय अपना मुंह बंद करना पड़ता था। धर्मांतरण अलगाव के बाद भी, प्रतिबंध, पदानुक्रम और श्रेणीबद्ध अनुष्ठान शुद्धता कुछ हद तक बनी रही। डेटा से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में अधिक भेदभाव और कम वर्ग गतिशीलता है, जहां सभी धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों में जातिगत भेदभाव की घटनाएं अधिक हैं।

कई मामलों में चर्चों ने दलितों को ‘नए ईसाई’ के रूप में संदर्भित किया। यह कथित तौर पर एक अपमानजनक शब्द है जो दलित ईसाइयों को अन्य ईसाइयों द्वारा नीचा दिखाने के लिए वर्गीकृत करता है। ईसाई धर्म के शुरुआती दिनों में, दक्षिण भारत के कुछ चर्चों में दलितों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था थी या उन्हें बाहर से सभा में शामिल होना पड़ता था। दलित ईसाइयों के बारे में भी कहा जाता है कि कुछ स्थानों पर पादरियों के बीच उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है।

और पढ़ें: Jesus सहस्रनाम – धर्मांतरण का एक बचकाना और हास्यास्पद प्रयास

सिख

ध्यान देने वाली बात है कि सिख धर्म को शुरुआत से ही समाज के पदानुक्रमित संस्थागत जातिवाद को नष्ट करने के लिए बनाया गया था। गुरु नानक देव सहित हर सिख गुरु इसके खिलाफ काफी मुखर थे। सिखों के अंतिम गुरु, गुरु ग्रंथ साहिब ने सिख धर्म के जाति व्यवस्था के विरोध को भी संस्थागत रूप दिया। गुरु ग्रंथ साहिब में दिए गए सिद्धांतों के कार्यान्वयन की देखरेख करने के लिए कोई मानव शक्ति नहीं थी। परिणामस्वरूप, सिख समाज पहले से कहीं अधिक भ्रमित हो गया।

सिखों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में रखा जाता है-कोर सिख और दलित सिख। दलित सिख अक्सर इस तथ्य पर शोक व्यक्त करते हैं कि उन्हें अन्य सिखों द्वारा अनुचित भेदभावपूर्ण प्रथाओं के अधीन किया गया है। इसीलिए जब चरणजीत सिंह चन्नी (एक दलित सिख) को पंजाब का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया, तो यह इतनी बड़ी खबर बन गई। अन्य समूहों में वर्गीकृत कुल 11 जातियां सिख धर्म के जाति विभाजन का मूल हैं। जाट और कम्बो को कृषि श्रेणी में रखा गया है, जबकि खत्री और अरोड़ा को हिन्दू श्रेणी में, जो व्यवसायों के माध्यम से अपनी आजीविका कमाते हैं। कारीगर होने की जिम्मेदारी तारखान, लोहार, नई और छिम्बा जातियों के कंधों पर आती है। कलाल, चमार और चूहरा सिख धर्म की तीन अन्य मुख्य जातियाँ हैं। इनमें से चमार और चूहरा को बहिष्कृत दलित कहा जाता है।

दलित सिखों की बात करें तो इस श्रेणी में भी बहुत सारी जातियां हैं जैसे- रविदासियास, रामदसियास (जिससे चरणजीत सिंह चन्नी संबंधित हैं), मझाबी, रंगरेतास, रईस, सांसिस। यहां तक ​​कि इस दलित वर्ग को भी ऐसे पदानुक्रमों में विभाजित किया गया है। यद्यपि रामदासियों और रविदासियों की उत्पत्ति चमारों से हुई थी, वे स्वयं को उनसे श्रेष्ठ मानते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सिखों में जाति विभाजन इतना प्रचलित है कि वे इसे जहां भी जाते हैं, इसका निर्यात कर देते हैं। वास्तव में, इस घटना को समझने और इससे उत्पन्न होने वाले किसी भी संभावित संघर्ष को हल करने के लिए, ब्रिटेन में रहने वाले सिखों के बीच विभाजन को डिकोड करने के लिए इंटरनेट पर शोध पत्र भी उपलब्ध हैं।

वहीं, अगर बात करें तो सनातन संस्कृति जाति व्यवस्था को नहीं मानती। यह वर्ण व्यवस्था में सुधार करती है जो कि सामाजिक वर्गीकरण और कर्मों के निर्धारण का एक स्वैच्छिक मार्ग है। इसके बावजूद अन्य पंचों और मजहब के लोगों तथा इतिहासकारों ने जाति व्यवस्था को हिंदू धर्म के अभिन्न अंग के रूप में प्रचारित किया, जबकि अन्य दूसरे धर्म जिनमें जाति व्यवस्था निचले स्तर तक फैली हुई है उनको अनदेखा कर दिया गया। यही उनके आर्थिक राजनीतिक तथा सामाजिक न्याय में बाधक है। समाज के उद्धारकों तथा बुद्धिजीवियों द्वारा इस पर जरूर विचार किया जाना चाहिए।

और पढ़ें: ‘Abrahamism’ नामक एक नया धर्म आ रहा है, और इसमें इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म तीनों सम्मिलित होंगे

Tags: अजलाफगैर हिंदूजाति व्यवस्था
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

“कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसके पति की 3 पत्नियां हों”, UCC पर हिमंता ने स्पष्ट किया रूख

अगली पोस्ट

हिमाचल की AAP इकाई के लिए “खालिस्तान की मांग संवैधानिक अधिकार है”

संबंधित पोस्ट

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार
क्राइम

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

8 November 2025

बेतिया की तपती दोपहर में, जब हवा में चुनावी उत्साह की गर्माहट और जनता के चेहरों पर परिवर्तन की आस्था झलक रही थी, तब प्रधानमंत्री...

कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश
चर्चित

कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

8 November 2025

बांग्लादेश की राजनीति आज एक खतरनाक मोड़ पर खड़ी है। मोहम्मद यूनुस सरकार की कट्टरपंथी नीतियों, अल्पसंख्यकों पर हिंसा और लोकतांत्रिक संस्थाओं की उपेक्षा ने...

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल
क्राइम

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

7 November 2025

हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा मोड़ उस वक्त आया, जब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की वह याचिका खारिज...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited