पाकिस्तान कभी भी दिवालिया घोषित हो सकता है

पाकिस्तान को इस बार कोई ‘भीख’ भी नहीं देगा!

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Source- TFIPOST.in

आप सभी लोग इस समय देख रहे है कि एशिया के दो देश इन दिनों आर्थिक संकट की बुरी स्थिति से जूझ रहे हैं। श्रीलंका के दिवालिया होने के बाद अब आतंकपरस्त देश पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी ख़राब हो चुकी है। अब पाकिस्तान धीरे-धीरे बिगड़ती घरेलू राजनीतिक और आर्थिक स्थिति के कारण श्रीलंका जैसी संकट की स्थिति की ओर आगे बढ़ रहा है।

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो एक दिन पाकिस्तान दिवालिया हो सकता है क्योंकि मौजूदा सरकार ने पेट्रोलियम की कीमत बढ़ाने के बजाय सब्सिडी जारी रखने का फैसला किया है। पाकिस्तान की इस स्थिति का श्रेय मौजूदा पाकिस्तान सरकार को जाता है। इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिफॉर्म्स (आईपीआर) की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान एक और श्रीलंका बन सकता है अगर वो श्रीलंका वाली गलती दोहराता है। आपको बतादें की श्रीलंका में आसमान छूती महंगाई और आवश्यक वस्तुओं के अचानक गायब हो जाने को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। श्रीलंका सरकार ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी और सेना को जिम्मेदारी सौंप दी और प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों के घरों में आग लगा दी।

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क्या पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है?

ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तान की नई सरकार भी इसी तरह की आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। उन कारणों की जांच करने और समझने की तत्काल आवश्यकता है जिनके कारण श्रीलंका मे आर्थिक तबाही हुई ताकि पाकिस्तान के नीति निर्माताओं द्वारा इस तरह के नुकसान से बचा जा सके।

इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिफॉर्म्स (आईपीआर) की सिफारिश है कि पाकिस्तान सरकार को हर साल राजकोषीय और चालू खाते के घाटे के लिए लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और पाकिस्तान सरकार आयात को सीमित करके, विदेशी ऋण के पुनर्भुगतान के लिए $30 बिलियन के प्रेषण का एक हिस्सा भी निर्धारित कर सकती है। अप्रत्यक्ष करों के अलावा, GoP को प्रत्यक्ष करों में वृद्धि करनी चाहिए और छूट को कम करना चाहिए। और हमें अंतरराष्ट्रीय लेनदारों से कर्ज राहत के लिए जाना पड़ सकता है। उधारदाताओं को यह समझाने के लिए कि हम भविष्य के संकटों से बचना चाहते हैं, हमें आर्थिक विकास और अभिजात वर्ग के विशेषाधिकार में सुधार के लिए एक ठोस योजना के साथ जाना चाहिए।

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आर्थिक परेशानी से तंग पाक

पाकिस्तान की आर्थिक परेशानी का एक मुख्य कारण पाकिस्तानी रूपए का गिरना भी शामिल है और यही नहीं विश्लेषकों को डर है की पकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता आने वाले दिनों में हिंसक हो सकती है, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, जिससे डिफ़ॉल्ट की स्थिति हो सकती है। पाकिस्तान के दिवालिया होने की तरफ बढ़ने के पीछे विदेशी मुद्रा भंडार का तेजी से गिरना बताया जा रहा है।अगस्त 2021 में पाकिस्तान के स्टेट बैंक के पास विदेशी मुद्रा भंडार 20 अरब डॉलर था। नौ महीनों में ही ये घटकर 10.1 अरब डॉलर हो गया है।

कुछ हफ़्तों हफ्तों में ही स्टेट बैंक से लगभग 6 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा खत्म हो गई है और बैंक के पास विदेशी कर्जों को चुकाने और पाकिस्तान के पास विदेशी कर्जों को चुकाने और चालू खाता घाटे की भरपाई के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा नहीं है। यह सभी को पता है की अब पाकिस्तान को कोई भीख नहीं देने वाला है। अमेरिका की तरफ से लताड़ पड़ने के बाद अब चीन भी उसकी एक नहीं सुन रहा है। अगर पाकिस्तान का यही हालत रहता है आने वाले दिनों में तो पाकिस्तान की जनता भी श्रीलंका की तरह सड़क पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा।

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