हरियाणा की भाजपा सरकार ने ऐलान किया है कि वो अब प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेंगे. इसके लिए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कई कदम उठाने का ऐलान किया. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है आतंकवाद निरोधी दस्ता बनाने का ऐलान. प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि ATS में डीआईजी और एसपी रैंक के अधिकारियों की नियुक्ति होगी. ये अधिकारी ही इस दस्ते का संचालन करेंगे.
हरियाणा सरकार के इस कदम के मायने समझने के लिए आपको पंजाब में हुए हालिया सत्ता परिवर्तन को समझना पड़ेगा. पंजाब में अब तक कांग्रेस की सरकार थी. अंत के कुछ महीने अगर छोड़ दें तो बाकी वक्त वहां कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे. अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए खालिस्तानियों का वहां पनपना मुश्किल था.
विधानसभा चुनावों में सत्ता परिवर्तन हुआ. आम आदमी पार्टी की सरकार बनी. भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री बने. चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी पर लगातार ऐसे आरोप लगे कि वो खालिस्तानियों का परदे के पीछे से समर्थन करते हैं. आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि डॉ. कुमार विश्वास ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर कई आरोप लगाए थे.
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खालिस्तानी गतिविधियां बढ़ी
डॉ. कुमार विश्वास के आरोप बड़े गंभीर थे. डॉ. कुमार विश्वास ने कहा था कि पंजाब में अगर आदमी पार्टी आती है तो खालिस्तानी आतंकियों को बढ़ावा मिलेगा. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई और जो बात डॉ. कुमार विश्वास कह रहे थे- वही हुआ. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद खालिस्तानी आतंकियों ने देश में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं.
आइए, एक नज़र डालते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद खालिस्तानियों ने क्या-क्या किया ?
9 मई को पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) से हमला.
8 मई को पंजाब पुलिस ने पाकिस्तानी सीमा से लगे जिले से 2 लोगों को गिरफ्तार करके डेढ़ किलो आरडीएक्स बरामद किया.
5 मई को हरियाणा पुलिस ने करनाल के पास एक टोल प्लाजा से 4 खालिस्तानी आतंकियों को ढाई किलो वजन के 3 आईडी ले जाते हुए गिरफ्तार किया.
धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर के मुख्य गेट पर खालिस्तान के झंडे लगे मिले.
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हरियाणा ATS तैयार
इन घटनाओं को देखते हुए एक बात साफ तौर पर कही जा सकती है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद खालिस्तानी आतंकियों ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. पंजाब से निकलकर हरियाणा और हिमाचल तक खालिस्तानी अपनी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में हरियाणा सरकार का ATS बनाने का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है. दरअसल, हरियाणा दिल्ली और पंजाब के बीच का रास्ता है. पंजाब से अलग होकर ही हरियाणा अलग राज बना है. ऐसे में इसकी संभावना बढ़ जाती है कि खालिस्तानी आने वाले वक्त में हरियाणा और हरियाणा से आगे बढ़कर दिल्ली तक अपने पैर फैलाए.
पंजाब सरकार पर खालिस्तानियों के प्रति ‘सॉफ्ट-कॉर्नर’ रखने का आरोप लगता रहा है. ऐसे में अब अगर खालिस्तानी पंजाब से आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे तो हरियाणा ATS उनसे निपटने के लिए तैयार रहेगी.
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