सुरजेवाला पगला गया है

कांग्रेस का सेवक मालिक के विरोध में!

Surjewala

Source- TFIPOST

यदि रणदीप सिंह सुरजेवाला के बारे में नहीं सुना है, तो किस लोक में हो भाई? कांग्रेस के सबसे अनंत सेवकों में से एक हैं रणदीप सिंह सुरजेवाला। जमीन फट जाए या आसमान निगल जाए, पर मजाल है कि नेहरू गांधी परिवार की चाकरी में जनाब ने कभी कोई कसर छोड़ी हो। लेकिन अब सुरजेवाला ने भी कह दिया, बस हमसे न हो पाएगा। परंतु ऐसा भी क्या हुआ जिसके कारण रणदीप सुरजेवाला भी अपने पार्टी के विरुद्ध बागी तेवर अपनाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं? असल में अब हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई है, जिसमें रणदीप सुरजेवाला की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

अभी एक हफ्ता पूर्व कांग्रेस हाइकमान ने उदयभान को हरियाणा कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया। उदयभान न केवल हरियाणा कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता हैं, अपितु पूर्व सी एम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खास भी हैं। इसलिए पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के दौरान कुलदीप बिश्नोई, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला अनुपस्थित रहे। इस विषय पर प्रेस को संबोधित करते हुए रणदीप ने अपनी व्यथा जताई और कहा कि वे कैसे एक ‘अन्य उम्मीदवार’ कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में आए थे और कैसे वे हरियाणा कांग्रेस इकाई के सबसे अच्छे अध्यक्ष होते, परंतु अंत में ‘उनके समर्थकों की नहीं सुनी गई’। बिश्नोई जी भी काफी ‘क्रोधित’ थे, पर उन्होंने अपने समर्थकों से संयम बरतने को कहा।

दरअसल, रणदीप सिंह सुरजेवाला पार्टी के उन सदस्यों में से एक है, जिनकी ‘निष्ठा’ पर बहुत कम ही लोग प्रश्न उठा सकते हैं। ऐसे में यदि उन्हें पार्टी हाइकमान के किसी निर्णय से आपत्ति है, तो समझ जाइए कि स्थिति बहुत ही खराब है। वैसे भी कांग्रेस का जनाधार धीरे-धीरे करके देश के हर कोने से खिसकता ही जा रहा है। हरियाणा में भी वह किसी तरह विपक्ष में बने हुए हैं और जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी अब दिल्ली और पंजाब के बाहर अपने पांव पसारना चाहती है, उसे देख तो ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस की वह जगह भी अब सुनिश्चित नहीं है।

लेकिन रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जिस प्रकार से आपत्ति जताई है, उससे स्पष्ट चलता है कि जिस बीमारी ने कांग्रेस की पंजाब में लंका लगाई थी, जिस बीमारी के कारण कांग्रेस आज देश भर में हास्य का पात्र बनी हुई है, आज उसी बीमारी यानी कांग्रेस हाइकमान के कारण इस पार्टी का हरियाणा से भी पत्ता साफ होना तय है और रणदीप सुरजेवाला के बगावती तेवर इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है!

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