पाकिस्तान भारत के विरुद्ध तमाम तरीके की साज़िशें रचता रहता है। पाकिस्तान का उद्देश्य होता है किसी भी तरीके से भारत को नुकसान पहुंचाया जाए लेकिन कई बार पाकिस्तान मुंह की खाता है।
अब एक बार फिर पाकिस्तान ने ऐसी ही हरकत की है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चुंबकीय बमों और UBGL (अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) ले जा रहे एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया है।
पुलिस मीडिया सेंटर जम्मू ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कठुआ के थाना राजबाग में सर्च पार्टी ने एक ड्रोन को मार गिराया। ड्रोन के साथ एक पेलोड अटैचमेंट भी मिला है।
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नॉर्थ कोरिया, चीन और पाकिस्तान
आमतौर पर पाकिस्तान की सीमा से जो ड्रोन आते हैं वो अक्सर चीनी ड्रोन होते हैं लेकिन इस बार जो ड्रोन भारतीय सीमा में घुसा है वो उत्तर कोरियाई ड्रोन है। उत्तर-कोरियाई ड्रोन का भारतीय सीमा में पाकिस्तान की तरफ से घुसना बड़ी साज़िश की ओर इशारा करता है।
साज़िश इशारा इसलिए क्योंकि उत्तर कोरिया को भी चीन ही ड्रोन सप्लाई करता है। ऐसे में उत्तर कोरियाई ड्रोन अगर आया है तो उसका कुछ ना कुछ संबंध चीन से भी है।
इसमें अब कोई संदेह नहीं रह गया है कि पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए परमाणु तकनीक विकसित करने में मदद की है। इसके साथ ही इसमें भी दुनिया में किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पाकिस्तान और उत्तर-कोरिया दोनों को चीन समर्थन देता है। अगर कहें कि चीन अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए दो राक्षसों को बड़ा कर रहा है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।
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अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा!
पाकिस्तान द्वारा उत्तर कोरियाई ड्रोन का उपयोग तीनों देशों के गहरे-भयानक सहयोग को दर्शाता है। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि उत्तर कोरिया जैसा देश जो अपनी आबादी का पेट भी ठीक से नहीं भर पाता है, वो अन्य देशों के लिए ड्रोन कैसे विकसित करेगा और कैसे निर्यात करेगा?
रिपोर्टों से पता चलता है कि चीनी विदेशी सहायता का लगभग 50 फीसदी उत्तर कोरिया को जाता है। हालांकि उत्तर कोरिया के विरुद्ध कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध कई देशों को उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने की अनुमति नहीं देते हैं लेकिन चीनी अन्य माध्यमों से उनका समर्थन करते हैं। इसके अलावा, चीन उत्तर कोरिया की आधुनिक हथियार प्रणाली की क्षमता निर्माण में सीधे तौर पर शामिल है और पाकिस्तान द्वारा उत्तर कोरियाई ड्रोन का इस्तेमाल इस बात का सबूत है।
तीनों, चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया परमाणु सक्षम देश हैं और तीनों ही कानून के शासन में विश्वास नहीं करते हैं। परमाणु हथियार पर बैठे हुए वे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं।
चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के बीच सहयोग भारत के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करेगा। चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान दोनों को सैन्य हथियार क्षमता निर्माण का समर्थन कर रहा है। इसके अलावा, एक सामान्य प्रवृत्ति रही है कि जब भी चीन और पाकिस्तान दोनों में आंतरिक बहाव बढ़ता है, नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) अस्थिर हो जाती है।
ऐसे में उत्तर कोरिया का ड्रोन पाकिस्तान द्वारा भारत में आना, एक बड़ी साज़िश की तरफ इशारा करता है। ऐसे में भारत को इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए।
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