एक बेहद चिंघाड़ती मसाला फिल्म की आंधी में दो अच्छी फिल्में भी पिट गईं

बेहतरीन एक्टिंग और अच्छी कहानी के बाद भी शाहिद कपूर और अजय देवगन की फिल्में डूब क्यों गईं?

Source: TFI

कुछ भी कहिए पर इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ‘KGF– Chapter 2’ ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया है। करीब 100 करोड़ से कुछ अधिक के बजट में बनी यह फिल्म अब तक लगभग 1220 करोड़ से अधिक का कुल वैश्विक कलेक्शन कर चुकी है। परंतु जैसे हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती, वैसे हर वित्तीय रूप से सफल फिल्म आवश्यक नहीं कि दमदार भी हो। KGF का द्वितीय संस्करण सफल फिल्म अवश्य है, परंतु वह निस्संदेह एक मास्टररपीस तो कतई नहीं है। इस फिल्म के कारण भले ही बॉलीवुड के वर्चस्व पर लगाम लगी परंतु कई अच्छी फिल्में भी पिट गई, जिनका दोष केवल इतना था कि वे KGF के तुरंत बाद प्रदर्शित हुईं।

इनमें से दो प्रमुख फिल्में थी– जर्सी और रनवे 34। दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर KGF की आंधी में पिट गई और दोनों ही अपना मूल बजट तक नहीं वापस जुटा पाईं। जर्सी का कुल कलेक्शन 35 करोड़ के मूल बजट के मुकाबले मात्र 27 करोड़ रहा जबकि 65 करोड़ के बजट में बनी रनवे 34 का कुल कलेक्शन कुछ 46.77 करोड़ रुपये रहा।

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पर क्या ये दोनों ही फिल्में बुरी थी? बिल्कुल भी नहीं। कभी ‘हैदर’ और ‘पद्मावत’ जैसी फिल्मों के लिए विवादों के घेरे में रहने वाले शाहिद कपूर ने मानो ‘कबीर सिंह’ के बाद ठान लिया है कि अब सिर्फ अपने अभिनय को तराशने पर ही ध्यान देना है। ‘कबीर सिंह’ के प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद उन्होंने एक बार फिर ‘जर्सी’ में सिद्ध किया कि उनके अभिनय के कला की इतनी प्रशंसा क्यों की जाती है।

गौतम तिन्नानुरी द्वारा निर्देशित ये फिल्म उन्ही के द्वारा रचित 2019 की सुपरहिट तेलुगु फिल्म ‘जर्सी’ का ही हिन्दी वर्जन हैं। अब रीमेक के साथ बॉलीवुड का काफी खट्टा मीठा रिश्ता रहा है, और लोग भी रीमेक को रचनात्मकता के अभाव से अधिक जोड़ते हैं। परंतु यहाँ इन दोनों का ही कोई स्थान नहीं था।

‘जर्सी’ उन चंद रीमेक्स में से एक थी। जहां मूल विषय और कथा के साथ सम्पूर्ण न्याय भी हुआ परंतु KGF के खुमार में लोग ऐसा डूबे हुए थे कि उन्होंने इसकी ओर घास तक नहीं डाली। शाहिद कपूर का अविस्मरणीय अभिनय, मृणाल ठाकुर और पंकज कपूर का बेहतरीन प्रदर्शन लगभग पूरी तरह से व्यर्थ हो गया। इसके अलावा इस बात का भी ठप्पा लगा हुआ था कि वह एक तेलुगु फिल्म की रीमेक है और भारत की जनता पहले से ही बॉलीवुड की ‘रीमेक प्रवृत्ति’ से त्रस्त थी।

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परंतु ‘रनवे 34’ में तो ऐसी कोई समस्या न थी। अभिनय के साथ-साथ निर्देशन का भी दायित्व संभालने पर यह जांचना कठिन हो जाता है कि आप कितने योग्य सिद्ध हुए हैं परंतु इस दिशा में अजय देवगन ने लोगों को निराश नहीं किया है।

‘रनवे 34’ इन्हीं के मजबूत कंधों पर टिकी हुई थी और कई वर्षों के बाद बॉलीवुड को एक दमदार थ्रिलर देखने को मिली थी। जिन लोगों ने अजय देवगन के निर्देशन की फिल्मों को देखा वो यह देखकर प्रसन्न होंगे कि वो अजय देवगन धीरे-धीरे एक निर्देशक के तौर पर भी निखर रहे हैं।

कभी ‘यू मी और हम’ जैसी फिल्में बनाने वाले अजय देवगन ने ‘शिवाय’ के जरिए VFX के क्षेत्र में अपनी रुचि बढ़ाई और अब ‘रनवे 34’ के जरिए उन्होंने सिद्ध किया है कि यदि उन्हें सही अवसर प्राप्त हो तो वे एक उच्चतम मनोरंजक फिल्म बना सकते हैं। ऐसी फिल्म जिसमें कथा भी दमदार होगी, जिसकी कमी से बॉलीवुड सबसे अधिक जूझता है। परंतु इसके बाद भी ‘रनवे 34’ बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी और KGF का रथ बॉक्स ऑफिस पर अनवरत चलता रहा।

परंतु इस रथ पर अब लगाम लगी है क्योंकि सभी की आशाओं के विपरीत ‘भूल भुलैया 2’ ओपनिंग वीकेंड में 55 करोड़ कमा चुकी है। ये निस्संदेह एक अप्रतिम फिल्म तो नहीं है परंतु जनता का मनोरंजन करते हुए इस फिल्म ने बॉलीवुड के महीनों के सूखे को समाप्त किया है।

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