रावण से की गई सम्राट पृथ्वीराज चौहान की तुलना, अब अक्षय कुमार की फिल्म से कोई उम्मीद नहीं बची

वरुण ग्रोवर जैसा ‘कम्युनिस्ट’ अगर सम्राट पृथ्वीराज चौहान के गीत लिखेगा, तो कचरा ही करेगा!

Fibnal

Source- TFIPOST.in

कभी चंद्रशेखर आज़ाद की तुलना तैमूर लंगड़े जैसे से हो सकती हैं? कभी पेशवा बाजीराव की तुलना अलाउद्दीन खिलजी के साथ हो सकती है? हाल ही में डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी द्वारा निर्देशित फिल्म पृथ्वीराज का ट्रेलर सामने आया है। सम्राट पृथ्वीराज चौहान और उनकी शौर्यगाथा पर आधारित इस फिल्म को लेकर लोग जितने उत्साहित थे, उसका ट्रेलर देखकर उतने ही हतोत्साहित हो गए हैं।

इस फिल्म में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की भूमिका में हैं अक्षय कुमार, जो दूर-दूर तक सम्राट पृथ्वीराज चौहान का अंश मात्र भी नहीं दिख रहें, पर उस बारे में फिर कभी।

हाल ही में इस फिल्म का मुख्य गीत ‘हरी-हर’ यूट्यूब पर रिलीज किया गया, जो काफी चर्चा में भी है। इस गीत को अब तक 2 करोड़ से कुछ अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं। ऐसे में यह कहना ग़लत नहीं होगा कि इस गीत ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित अवश्य किया है, परंतु जिस बात पर कम ही लोगों का ध्यान गया है, वो ये कि इस गीत में पृथ्वीराज की शौर्य गाथा के नाम पर उलटे उनका अपमान अधिक किया गया। जब गीत के प्रारंभ में ही ये बोल हों कि पृथ्वीराज रावण समान है’, तो आप फिल्म में उनकी भूमिका के साथ न्याय की आशा कैसे कर सकते हैं?”

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पृथ्वीराज चौहान रावण समान? जिस व्यक्ति ने भारत का इस्लामीकरण रोकने का प्रयास किया। जिस व्यक्ति ने सुल्तान मुहम्मद गौरी को तराई के युद्ध में पराजित किया। जो व्यक्ति अनेक प्रकार की युद्ध कला में निपुण था- उसकी तुलना एक धूर्त, कपटी और घमंडी राक्षस रावण से की गई।

भले अगले छंद में बोल दे, ऐसा एक पृथ्वीराज जैसे रावण को राम सतावन, परंतु गोकुल में मोहन, कुरुक्षेत्र में अर्जुन के साथ लंका में दशानन कैसे? जिस रावण ने कई प्राणियों को सताया जिसने वेदवती के सतीत्व पर प्रहार किया, जिसने माता सीता का हरण किया, उस रावण को एक महानायक के रूप में चित्रित किया जा रहा है?

परंतु हम भूल रहे हैं कि गीतकार कौन है? ये वो वरुण ग्रोवर हैं, जो छाती ठोंककर कहते हैं कि हम कागज नहीं दिखाएंगे। यह वो वरुण ग्रोवर हैं जिनके लिए रानी पद्मिनी और उनका जौहर उपहास का विषय और कल्पना की उड़ान है।

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यह वही वरुण ग्रोवर हैं, जिन्होंने समय-समय पर भारत की अखंडता और अक्षुण्णता का उपहास उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और इन्ही वरुण ग्रोवर को सम्राट पृथ्वीराज चौहान की शौर्यगाथा में गीत रचने का कार्यभार डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी जैसे मंझे हुए निर्देशक ने आखिरकार सौंप कैसे दिया ?

अभी तो हमने इस फिल्म में उर्दू के प्रयोग पर चर्चा भी प्रारंभ नहीं की है और यदि ऐसा ही फिल्म में भी रहा तो एक और महानायक की शौर्यगाथा बॉलीवुड के वामपंथियों की कुंठित सोच की भेंट चढ़ जाएगी। माना कि हर कोई ‘तान्हाजी’ की भांति सम्पूर्ण निष्ठा से इतिहास को चित्रित नहीं कर सकता, परंतु कम से कम पृथ्वीराज चौहान की तुलना रावण से तो मत कीजिए।

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