मोहाली में जो हुआ वह शिमला में भी हो सकता है

राज्य प्रमुखों के जागने का समय आ गया है !

jayraam

Source- TFI

कितने शर्म की बात है कि पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग मुख्यालय पर खालिस्तानी आतंकियों ने रॉकेट दागे और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के दरवाजे पर अपने पोस्टर चस्पा किए। उससे भी बड़ा शर्म यह है कि अपने घर के भीतर छिपे हुए राजनीतिक जयचंद के कारण ही चन्नू पन्नू नाम का कोई उच्च विदेश में बैठकर भारतीय सेना और संप्रभुता को चुनौती देता है।

किंतु, अब तो शर्म की सारी सीमा पार हो गई जब मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग मुख्यालय पर रॉकेट चालित ग्रेनेड दागे जाने के एक दिन बाद, खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चेतावनी देते हुए कहा कि यह हमला शिमला पुलिस मुख्यालय पर भी हो सकता है। एसएफजे का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक ऑडियो संदेश में चेतावनी देते हुए कहा – “यह ग्रेनेड हमला शिमला पुलिस मुख्यालय पर भी हो सकता था।” समूह ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से मोहाली ग्रेनेड हमले से सबक सीखने के लिए कहा। उसने यह कहते हुए चेतावनी दी कि सिख समुदाय को उकसाया नहीं जाना चाहिए।

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मोहाली में क्या हुआ था?

सोमवार को मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग मुख्यालय पर एक रॉकेट से चलने वाला ग्रेनेड दागा गया, जिससे एक विस्फोट हुआ जिससे खिड़कियां टूट गईं।  हालांकि हमले में कोई घायल नहीं हुआ। घटना के बाद एक बयान में, मोहाली पुलिस ने कहा- “पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय सेक्टर 77, एसएएस नगर में शाम लगभग 7.45 बजे एक मामूली विस्फोट की सूचना मिली थी।  किसी नुकसान की सूचना नहीं है।  वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं और मामले की जांच की जा रही है।  फोरेंसिक टीमों को बुलाया गया है।”

इस विस्फोट ने एक बार फिर सीमावर्ती राज्य में सुरक्षा को लेकर दहशत पैदा कर दी है, जो ड्रोन के माध्यम से सीमा पार से विस्फोटकों, हथियारों और दवाओं की अधिक आमद से परेशान  है। पुलिस ने बताया कि दो संदिग्ध सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार में पहुंचे और खुफिया कार्यालय की इमारत से करीब 80 मीटर की दूरी से आरपीजी लॉन्च किया। मामले की जांच के दौरान, पुलिस को विस्फोट स्थल के करीब तीन मोबाइल फोन टावरों से करीब 7,000 मोबाइल फोन के नेटवर्क मिले हैं।

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भारत की सुरक्षा

देश की सुरक्षा के साथ कोई भी खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। भारत की संप्रभुता सर्वोच्च है और उस को चुनौती देने वाले हर इंसान, देश या फिर संस्था को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। पुनः, कुछ नेताओं की गद्दारी के कारण पंजाब में खालिस्तान सर उठा रहा है। कभी पटियाला में काली मां के मंदिर पर हमला करते हुए बीच चौराहे पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं तो कभी केजरीवाल सरकार खालिस्तान समर्थक ढेसी के चरणों में शीश नवाते हैं।

अब खबर यह भी है कि इसी स्थिति का फायदा उठाकर पाकिस्तान के आतंकी संगठन या यूं कहें वहां की खुफिया एजेंसी ने लश्कर ए खालिस्तान नाम की संगठन की नींव भी रखी है और अपने एजेंडे में k 2 को शामिल किया है। जिसका अर्थ है खालिस्तान और कश्मीर दोनों की आजादी। इसके लिए जिहादी जी जान से जुटे हुए हैं। कभी ड्रोन से सीमा पर हथियार भेजते हैं तो कभी अफगानी लड़ाकू और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों द्वारा उन्हें लड़ने की ट्रेनिंग दिलवा रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है की RPG  से मुख्यालय पर किया गया हमला आने वाले हम लोग के पहले की टेस्टिंग थी। ऐसे में केंद्र सरकार और पंजाब से लगने वाले राज्य सरकारों को सतर्क होते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा अगर यह खालिस्तानी अलगाववादी फिर से अपना सर उठा लेंगे।

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