WhatsApp को निजी मैसेजिंग के लिए बनाया गया था। आज ये मैसेंजिंग एप हमारे जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा बन चुका है। जिसके जरिए अपने करीबी दोस्तों और परिवार के लोगों से तो जुड़ ही सकते हैं साथ ही व्यवसाय संबंधी बातचीत भी कर पाते हैं। वैसे, अनदेखा करने वाली बात ये भी नहीं है कि हाल के दिनों में कई ऐसे WhatsApp खाते देखने को मिलते है जो फर्जी और नकारत्मक प्रचार के लिए जिम्मेदार होते हैं। भारत सरकार हमेशा से व्हाट्सएप अथवा सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रचार के खिलाफ मुखर रही है इसीलिए वो नए आईटी नियम को लागु कर ऐसे खातों पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग करती आयी है। जो देश की सम्प्रभुता और सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकती हैं और अब WhatsApp भी मोदी सरकार के इस आईटी नियम के अनुसार कार्रवाई करता दिख रहा है। आपको बता दें कि इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने इस साल मार्च में भारत में 1.85 मिलियन खातों पर प्रतिबंध लगा दिया।
कई खातों के विरुद्ध कार्रवाई की गई
व्हाट्सएप ने भारतीय कानूनों और व्हाट्सएप सेवाओं की शर्तों का उल्लंघन करने वाले कई खातों के विरुद्ध कार्रवाई की है। सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 के तहत आने वाली व्हाट्सएप की मासिक रिपोर्ट के तहत पता चलता है कि मार्च 2022 में कुल 597 शिकायत रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें से 112 लेखांकन सहायता से संबंधित थीं वहीं 407 रिपोर्ट प्रतिबंध अपील से संबंधित थीं, 37 उत्पाद समर्थन से संबंधित थीं, 13 सुरक्षा से संबंधित थीं, और 28 अन्य समर्थन से संबंधित थीं।
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एक बयान में, व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा: “भारतीय आईटी नियम 2021 के अनुसार, हमने मार्च 2022 के महीने के लिए अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस उपयोगकर्ता-सुरक्षा रिपोर्ट में प्राप्त उपयोगकर्ता शिकायतों का विवरण और इसके द्वारा की गई कार्रवाई शामिल है। एक अन्य तालिका में, व्हाट्सएप ने बताया कि उसने 1 मार्च से 31 मार्च, 2022 के बीच भारत में 1,805,000 खातों पर प्रतिबंध लगा दिया है। व्हाट्सएप का कहना है कि वह खातों को प्रतिबंधित करने के लिए अपने दुरुपयोग का पता लगाने की सुविधा का उपयोग करता है। व्हाट्सएप ने आगे कहा कि “पिछले कुछ वर्षों में, हमने लगातार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एक अन्य अत्याधुनिक तकनीक, डेटा वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों में निवेश किया है, और प्रक्रियाओं में, अपने उपयोगकर्ताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखने में प्रतिबद्धता दिखाई है। यही नहीं नए आईटी नियम 2021 के तहत 50 लाख से अधिक यूजर्स वाले बड़े डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी।
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मनमाना रवैया अब नहीं चलेगा
ज्ञात हो कि पहले विश्व की बड़ी सोशल मीडिया संसथान मनमाने तरीके से अपना कार्य करती थी और दुसरे देशों के कानून को ताक पर रख देती थी पर जब से भारत में मोदी सरकार आई है तब से भारत में इन जैसे बड़े सॉइल मीडिया कंपनी का मनमानापन बंद हो गया है। मोदी सरकार ने कई मोर्चे पर इस बात को उठाया है कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय संस्था भारत के नियम के अनुसार ही काम करेगी चाहे वो कितनी भी बड़ी कंपनी क्यों ना हो ?और आज जिस तरह से व्हाट्सएप के फर्जी खातों पर कार्रवाई कर रहा है उससे भारत का बढ़ता कद और विदेश और आर्थिक नीति स्पष्ट झलक रही है।
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