संसार में कुछ भी संभव है। सूर्य पश्चिम से उग सकता है, जल से अग्नि प्रज्वलित हो सकती है, सर्प और नेवले में मित्रता हो सकती है, भारत और पाकिस्तान भी एक हो सकते हैं, पर बॉलीवुड योग्यता और प्रतिभा को सम्मान दे दे, ऐसा तो कतई नहीं हो सकता! जब जब हमारे अंदर का प्रशंसक सोचता है कि नहीं भाई, अभी बॉलीवुड एक मस्त फिल्म से सबकी बोलती बंद कर देगा, तब तब हमारे नेपोटिज्म के ठेकेदार की अंतरात्मा मानो बोल उठती है, बिल्कुल नहीं! इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर क्यों बॉलीवुड को योग्यता और प्रतिभा से सख्त चिढ़ है और आखिर क्यों यही एलर्जी उसे ले डूबेगी।
इस समय बॉलीवुड के बहुत बुरे हाल हैं। एक के बाद हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट रही है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को छोड़ दें, तो एक भी फिल्म 100 करोड़ तो छोड़िए, अपना मूल बजट तक रिकवर नहीं कर पाई और ‘RRR’ एवं ‘KGF – Chapter 2’ के तूफान में सब के सब बह गए। हाल ही में प्रदर्शित हुई ‘जयेशभाई जोरदार’ 3500 स्क्रीनों पर प्रदर्शित होने के बाद भी पहले दिन मात्र 3.25 करोड़ ही कमा पाई। ऐसे में बॉलीवुड को क्या करना चाहिए? क्या उन्हें अपनी रणनीति बदलनी चाहिए? क्या उन्हें स्क्रिप्ट चुनने की नीति परिवर्तित करनी चाहिए? क्या उन्हें योग्यता के मापदंड परिवर्तित करने चाहिए? निस्संदेह उन्हें इन बिंदुओं पर काम करना चाहिए, परंतु वे शायद ये सब करना ही नहीं चाहते।
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The Archies नेपोटिज्म का नंगा नाच है
इसी बीच बॉलीवुड के एक OTT प्रोजेक्ट का प्रोमो सामने आया है, जिसका नाम ‘The Archies’। ये संभवत प्रसिद्ध कॉमिक बुक शृंखला ‘Archie’ का रूपांतरण है, जिसे भारत के परिप्रेक्ष्य में सजाया गया है। 60 के दशक में सेट इस प्रोजेक्ट को निर्देशित करेगी जोया अख्तर, जिसमें प्रमुख भूमिका में होंगे अगस्त्य नन्दा, खुशी कपूर, डॉट सहगल, मिहिर आहूजा, वेदांग रैना, युवराज मेंडा, सुहाना खान।
तो फिर समस्या क्या है बंधु? समस्या है कि यह प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट कम और नेपोटिज्म का नंगा नाच अधिक है। हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं, इस प्रोजेक्ट को निर्देशित कर रही हैं जोया अख्तर, जो जावेद अख्तर और शबाना आजमी की बेटी हैं एवं फरहान अख्तर की बहन हैं। अब सोचिए अगस्त्य नन्दा कौन हैं? यह महोदय अमिताभ बच्चन के पोतेश्री हैं। डॉट सहगल दिवंगत रॉक संगीतज्ञ अमित सहगल की बेटी है, खुशी कपूर बोनी कपूर और श्रीदेवी कपूर की बेटी एवं जाह्नवी कपूर की बहन हैं और सुहाना खान कोई और नहीं, शाहरुख खान की बेटी है!
बॉलीवुड का कुछ हो ही नहीं सकता!
जानते हैं बॉलीवुड कहां पीछे रह जाता है? जब आपके समक्ष फिल्मों में RRR, The Kashmir Files जैसे प्रतिद्वंदी हो, मनोरंजन फिल्मों के क्षेत्र में KGF और पुष्पा जैसी फिल्में और OTT के क्षेत्र में पंचायत, द फैमिली मैन जैसे प्रोजेक्ट आ रहे हों, जिसमें आवश्यक नहीं कि सभी लोग आप ही के जैसे हों, तो आपको चाहिए कि आप भी अपनी ओर से तगड़े दावेदार इन क्षेत्रों में पेश करें। लेकिन जिस प्रकार से एक के बाद एक बॉलीवुड की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट रही हैं और जिस प्रकार से जनता बॉलीवुड के विरुद्ध अपना मन बना चुकी है, उससे ‘The Archies’ जैसे प्रोजेक्ट केवल आग में पेट्रोल डालने का ही काम करेंगे।
हाल ही में ‘मेजर’ फिल्म के प्रोमोशन के दौरान फिल्म के निर्माता और प्रसिद्ध तेलुगु स्टार जी महेश बाबू ने दावा किया था कि वो भले कुछ लोगों को अकड़ू लगें, परंतु उन्हें शायद हिन्दी फिल्में करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उनके फिल्मों को डब करके हिन्दी में रिलीज किया जा सकता है। इस पर काफी बवाल मचा था और इसमें भी बॉलीवुड विरुद्ध अन्य का विवाद उत्पन्न हो गया था। अब हो सकता है कि अपनी फिल्म को प्रोमोट करने में महेश भाई भावनाओं में कुछ ज्यादा ही बह गए, परंतु यदि बॉलीवुड को ऐसा प्रतीत होता है कि वह ‘The Archies’ जैसे प्रोजेक्ट्स के बल पर भारतीय फिल्म उद्योग में वापसी करेगा, तो प्यारे बॉलीवुड वालों आपकी ये हसरत भी अधूरी रह जाएगी।