बाला साहब ठाकरे के पोते और इंदिरा गांधी के पोते के बीच जंग छिड़ी है

एक फटी जेब में हाथ डालता है-आंख मारता है-आलू से सोना बनाता है तो दूसरा मुठ्ठी भींचकर ‘चे ग्वेरा’ बनने में लगा है!

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Source- TFIPOST.in

कांग्रेस पार्टी के ‘युवा नेता’ राहुल गांधी और शिवसेना के ‘युवा नेता’ अदित्य ठाकुर में अगर कोई समानता है तो वह है जो जाने अनजाने में ऐसे बयान दे जाते हैं जिनसे उन्हीं की पार्टी कई बार ऐसे मुश्किल हालातों में फंस जाती है की शक होने लगता है कि ये युवा नेता किसकी तरफ से और किसके खिलाफ लड़ रहे हैं. दोनों को ही राजनीती का उतना अनुभव नहीं लेकिन दोनों ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करते है यद्यपि वे दोनों ही तमाम कोशिशों के बाद भी असफल ही होते हैं. राहुल गांधी का एक वाकया गुजरात चुनाव के समय का है जिसको भुलाया नहीं जा सकता है जब उन्होने अपने भाषण में कहा ”ऐसी मशीन लगाउंगा, इधर से आलू घुसेगा और उस साइड से सोना निकलेगा. इस साइड से आलू डालो, उधर से सोना निकालो. इतना पैसा बनेगा, आपको पता नहीं होगा क्या करना है पैसे का.” इन दोनों युवाओ को ये भी नही पता है की इनको बोलना क्या है और बोल क्या जाते है?

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महाराष्ट्र में महाखेल

सियासत का तख्तापलट होने के आसार दिख रहे हैं. महाराष्ट्र की पहचान शिवसेना के 40 नेता अपनी ही सेना से ऐसे रूठे की असम में डेरा डालकर बैठ गए हैं और पार्टी के विरुद्ध स्वर छेड़ चुके हैं. जहाँ एक तरफ  महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने बागियों  के नेता एकनाथ शिंदे सहित 15 बागियों को अयोग्यता नोटिस भेजा है जिसका जवाब देने के लिए उनके पास सोमवार तक का समय है। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने बीएमसी चुनाव के लिए शिवसैनिकों के साथ क्षेत्रवार बैठकें शुरू कर दी हैं.

शनिवार शाम एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युवा सेना प्रमुख और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे, जिनके बीएमसी चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने की उम्मीद है, उन्होंने बागी विधायकों पर एक संक्षिप्त चेतावनी के साथ हमला  करते हुए कहा, “‘याद रखें जब आप मुंबई हवाई अड्डे पर उतरते हैं, तो यह ध्यान रखना कि विधानभवन तक पहुँचने वाली  सड़कें वर्ली, बांद्रा, परेल और भायखला (शिवसेना के गढ़) से होकर गुजरती है। केंद्र को सेना या सीआरपीएफ तैनात करने को कह दो।” उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट और नारे के बीच घोषणा की कि शिवसेना में विद्रोहियों के लिए कोई जगह नहीं होगी।

उन्होंने आगे कहा, “हमने पिछली बगावत को कुचल दिया है, वो लोग अब दिखाई भी नहीं देते। हम ऐसे बागियों से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते हैं।” उनके इस बयान के बाद उनकी सेना से एक और मंत्री उदय सामंत भी जाकर एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहटी में बैठ गए हैं और इस तरह शिवसेना का एक और नेता बागी हो गया.

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आदित्य ठाकरे से कुछ दिन पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी अपने सेना के बागी विधायकों को एक सूक्ष्म चेतावनी जारी करते हुए अपने ट्वीट में उन्होंने कहा था, “आप कितने समय तक गुवाहाटी में रहेंगे, आखिरकार आपको चौपाटी वापस आना होगा”। हालात अब ऐसे हैं कि संजय राउत ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं. और यह ट्रेंड उद्धव सरकार की सेना के पक्ष में तो कतई नहीं लगता.

हालाँकि राउत के ट्वीट पर किसी ने अधिक ध्यान नहीं दिया लेकिन आदित्य ठाकरे की घोषणा के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई और शिवसेना के 15 बागी विधायकों को वाई प्लस ग्रेड सुरक्षा मुहैया कराई है।

मुंबई में होने वाले बीएमसी पोल पर सबकी नज़रें हैं और साथ ही महाराष्ट्र में चल रहे शिवसैनिकों के बीच के इस घमासान पर देश की नज़रें अटकी पड़ी हैं. ऐसे में आदित्य ठाकरे का ऐसा उत्तेजित करने वाला बयान जो हिंसा को जन्म देने की संभावना रखता है वह उनकी पार्टी को कहीं और मुश्किलों में लाकर खड़ा न कर दे. जाने अनजाने में उन्होंने बागियों के नहीं बल्कि लोगों के मन मैं अपनी पार्टी के प्रति डर की भावना पैदा कर दी है जिसकी कीमत उनकी पार्टी को चुकानी पड़ सकती है.

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