राजनीति बड़ी विचित्र है, यहां कोई किसी का सगा नहीं होता। कल ही एक विवादास्पद बयान के पीछे सत्ताधारी भाजपा ने अपने ही प्रवक्ताओं, नूपुर शर्मा एवं नवीन कुमार जिंदल को बाहर का रास्ता दिखा दिया, तो वहीं कश्मीरी पंडितों को लेकर विधानसभा में ठहाके लगाने वाली आम आदमी पार्टी अब जंतर मन्तर पर उनके पक्ष में लड़ रही है। कश्मीर में लक्षित हत्याओं यानी टारगेट किलिंग का दौर लौट आया है। घाटी में आतंकवादी चुन-चुनकर कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है, जिसके चलते कश्मीरी पंडितों में भय का माहौल है। इन्हीं कश्मीरी पंडितों के दर्द का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए करना चाहती है। केवल मोदी सरकार को घेरने हेतु AAP कश्मीरी पंडितों के दर्द का सहारा ले रही है, जिनसे उनका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है।
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केजरीवाल के घड़ियाली आंसू
असल में कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग के विरोध में आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर आई है। रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर में टारगेट किलिंग को लेकर AAP ने विरोध प्रदर्शन किया। AAP के इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली विधानसभा में बेशर्मी से कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचारों पर हंसने वाले अरविंद केजरीवाल से लेकर उनकी पार्टी के दूसरे कई नेता जैसे मनीष सिसोदिया, संजय सिंह भी शामिल हुए।
इस दौरान अपने एक भाषण में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि BJP कश्मीर में फेल हो चुकी है। आतंकी हमले रोकने के लिए इनके पास कोई प्लान नहीं है। ये सिर्फ मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं। केजरीवाल बोले, “बहुत हो गई मीटिंग। लोग मर रहे हैं। भारत अब एक्शन चाहता है। जनता अब एक्शन चाहती है। देश को एक्शन प्लान बताओ।“ केजरीवाल ने आगे यह भी कहा, “कश्मीर में भाजपा के शासनकाल के दौरान ही पंडितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है। 30 साल में BJP दो बार कश्मीर में सत्ता में रही और दोनों बार कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा।”
यह वही केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी है, जिनके विधायक दिल्ली की भरी विधानसभा में कश्मीरी पंडितों की पीड़ा पर ठहाके लगाते नजर आए थे। कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म को जिन्होंने झूठी फिल्म बताते हुए इसे टैक्स फ्री करने से इनकार कर दिया और फिल्म को यूट्यूब पर डालने की सलाह दी थी, आज उसी केजरीवाल को अगर कश्मीरी पंडितों की इतनी चिंता होगी, कश्मीरी पंडितों के लिए घड़ियाली आंसू बाहेंगे, तो जाहिर सी बता है उनकी मंशा पर शंका तो होगा ही।
अब कश्मीरी पंडितों के लिए रजा अकादमी भी उठा रही आवाज
इसके अलावा कश्मीरी पंडितों के लिए कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन रजा अकादमी भी आवाज उठा रहा है, जो चौंकाने वाला है। अब समाज में विष घोलने वाला संगठन, देश में दंगा-फसाद फैलाने वाला संगठन अगर शांति की बात करेगा, तो हैरानी तो होगी ही। दरअसल, कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग के विरोध में रजा अकादमी ने शनिवार को मुंबई में विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों ने अपने हाथों में तख्ती भी थी, जिस पर लिखा था- कश्मीर में टारगेट किलिंग रुकनी चाहिए।
रजा अकादमी ने ही बीते दिनों BJP की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के इंटरव्यू में पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए एक बयान को लेकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया था। रजा अकादमी ने नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग की थी, जिसके बाद इस पर बवाल इतना बढ़ गया कि नूपुर शर्मा को दुष्कर्म और उनके परिवार का सिर काटने जैसी धमकियां तक दी जाने लगी थी। हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने वाली यह रजा अकादमी अब कश्मीरी हिंदुओं के साथ खड़े होने का ढोंग रच रही है।
कश्मीरी में टारगेट किलिंग के कारण भय का माहौल है। सुरक्षाबल कश्मीर हिंदुओं को निशाना बना रहे आतंकियों से निपटने हेतु एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं और हो सकता है कभी-कभी सरकार के प्रयास हमें अधूरे और अपर्याप्त लगे, परंतु जिस प्रकार से उनका विरोध करने के लिए आम आदमी पार्टी और रज़ा अकादमी जैसे लोग सामने आते हैं, उनकी अवसरवादिता देख क्रोध कम और हंसी अधिक आती है।
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