सेना की वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का सपना हजारों युवा देखते हैं। ऐसे ही देश की सेवा करने के जुनूनी युवाओं के लिए केंद्र सरकार एक योजना लेकर आई, जिसका नाम है अग्निपथ स्कीम। योजना के तहत देशभर में अग्निवीरों को तैयार किया जाएगा। सरकार की तरफ से जबसे ही इस योजना का ऐलान किया गया है, तब से ही अग्निपथ स्कीम चर्चाओं में हैं। हालांकि कुछ लोग अग्निपथ स्कीम के खामियां निकालकर इसके विरोध में सड़कों पर भी उतर आए हैं।
आजादी के बाद पहली बार सैनिकों की भर्ती के तरीके में बहुत बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है, जिसे देश की तकदीर बदलने वाले कदम की तरह देखा जा रहा है। आइए जानते हैं कि कैसे यह स्कीम युवाओं के साथ देश की बेहतरी में भी मील का पत्थर साबित हो सकती हैं?
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आखिर यह अग्निपथ स्कीम है क्या?
देश के युवाओं को सेनाओं से जोड़ने और सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए यह योजना लाई गई है। योजना के अंतर्गत साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को सेना में सेवा देने का अवसर प्रदान होगा। हालांकि यह भर्ती केवल चार सालों के लिए ही होगी। इसके बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही सेना में आगे काम करने का मौका दिया जाएगा और बाकी 75 प्रतिशत को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना को सकारात्मक पहल बताया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इससे सेना में काम करने का अवसर तलाश रहे युवाओं को सुनहरा मौका मिलेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इन सबके अलावा सेना में रहते हुए मिले अनुभव से युवा विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी कर पाएंगे।
अग्निपथ योजना युवाओं को सेना में काम करने का अवसर तो प्रदान करेगा ही। इसके साथ ही युवाओं में आत्मविश्वास और अनुशासन बढ़ेगा। उन्हें फिटनेस के प्रति सचेत करेगा। 4 सालों तक सेना में काम करने के बाद युवाओं में बड़ा बदलाव आएगा। वो पहले के मुकाबले अधिक सजग, जागरूक और अनुशासित नागरिक बनकर निकलेंगे। जो समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के लिए परिचित होंगे। युवाओं को इसके तहत बढ़िया सैलरी पैकेज भी दिया जाएगा।
पहले साल 30 हजार और चौथे साल 40 हजार सैलरी दी जाएगी। चार सालों तक अग्निवीरों के तौर पर सेवा देने के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज के तहत 11 से 12 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिसका इस्तेमाल वे अपना भविष्य बनाने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा उनको मिले कौशल प्रमाणपत्र और बैंक लोन के जरिए दूसरी नौकरी करने में मदद की जाएगी। इसके साथ ही अग्निपथ योजना के अंतर्गत अग्निवीरों के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा तीन वर्षीय स्नातक कौशल डिग्री देने का भी प्लान तैयार किया गया है, जो इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) द्वारा दी जाएगी।
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गृह मंत्रालय ने ऐलान किया
4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CRPF और असम राइफल्स में प्राथमिकता दी जाएगी। कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम और मणिपुर की सरकारों ने ऐलान कर दिया है कि राज्य पुलिस में अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी। सर्विस के दौरान तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह ही अग्निवीरों को भी अवॉर्ड, मेडल और इंश्योरेंस कवर दिए जाएंगे।
अग्निपथ योजना का एक लाभ यह भी होगा कि सरकार पर पेंशन का बोझ कम होगा। अभी हमारे देश के कुल रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा पेंशन और वेतन देने पर खर्च हो जाता है। 2022-23 में ही पेंशन पर 1.19 लाख करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। ऐसे में अगर एक सीमित अवधि के लिए सेना में भर्ती होने से पेंशन का खर्च बचेगा। इससे लाभ यह होगा कि यह खर्च बचाकर रक्षा बजट का अधिक इस्तेमाल सेना के आधुनिकीकरण पर किया जा सकेगा। हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया है कि योजना लाने के पीछे उनका मकसद बचत करना नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना के लिए तो सरकार ज्यादा खर्च करने को तैयार है।
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कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अग्निपथ योजना भारतीय सेना को मजबूती देने के साथ साथ युवाओं को भी बेहतर अवसर प्रदान करेगीं। हालांकि योजना से संबंधित उचित जानकारी नहीं होने की कई जगहों पर युवा इसका विरोध कर रहे हैं। इसलिए जरूरत है योजना के बेहतर ढंग से समझने की कि कैसे यह रक्षा क्षेत्र में बदलावों के लिए ऐतिहासिक योजना साबित हो सकती है।
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