इस तस्वीर को ध्यान से देखिए, यह फ़ोटो आज से 28 साल पहले यानी 1994 की है। बैकग्राउंड में दुनिया की सबसे ताक़तर इमारत कही जाने वाली व्हाइट हाउस की बिल्डिंग है।
उस बिल्डिंग की बाउंड्री के बाहर कुर्ता-पाजामा पहने, झोला लटकाए जो आम-सा दिखने वाला शख्स खड़ा है। वो कोई और नहीं नरेंद्र मोदी हैं।
अब इस तस्वीर को देखिए, ये वो दौर था जब नरेंद्र मोदी को अमेरिका ने वीज़ा देने से इनकार कर दिया था। उन्हें अमेरिका जाने से रोक दिया गया था। अब आप सोच रहे होंगे कि आज हम आपको यह सब क्यों बता रहे हैं। यह सब तो आप पहले से जानते हैं। हो सकता है आप जानते हो, लेकिन आज हम एक 12 सेकंड के वीडियो का एनालिसिस करने जा रहे हैं, जो आपको अहसास कराएगा कि इसी कुर्ता-पाजामा वाले आम से दिखने वाले शख्स ने भारत को कहां से कहां पहुंचा दिया है।
जर्मनी में जी-7 देशों का 48वां शिखर सम्मेलन हो रहा है। जी-7 का भारत सदस्य नहीं है लेकिन पिछले कई वर्षों से भारत को नियमित तौर पर शिखर सम्मेलन में बुलाया जा रहा है। इसके पीछे की वज़ह यह है कि इकॉनोमी के अनुसार देखें तो असल में भारत ही जी-7 में होने का हक़दार है लेकिन पुराने नियम-कायदों की वज़ह से वो नहीं है। तो इसी जी-7 शिखर सम्मेलन से आए एक वीडियो का एनालिसिस हम करने जा रहे हैं।
वीडियो का एनालिसिस
अब इस वीडियो को ध्यान से देखिए। इस वीडियो के मायने क्या हैं वो हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले फ्रेम वाइज़ इस वीडियो को देखते हैं- तो देखिए, जर्मन चांसलर ओलाफ़ शोल्ज़, यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, विश्व स्वाथ्य संगठन के अध्यक्ष टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस और एक और नेता का साथ छोड़कर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आगे दूसरी तरफ बढ़ते हैं। बाइडन जब बढ़ रहे हैं, तो यह नेता उनकी तरफ देख रहे हैं।
मानो कह रहे हो अरे- ये हमें छोड़कर कहां चल दिए? जब बाइडन चल रहे हैं तो उनकी बॉडी लैंग्वेज देखिए- ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बहुत उम्मीद के साथ, अपने आदर्श की तरफ देखते हुए, थोड़ा झुककर जा रहे हो। मानो कोई छात्र अपने गुरु से मिलने जा रहा हो। अब बाइडन आगे बढ़े- इसी दौरान फ्रेम में तीन और लोगों की एंट्री होती है। जो ब्लैक कोट वाला एक शख्स आपको दिख रहा है, इसे छोड़ दीजिए। इससे आगे आपको दो और शख्स दिख रहे हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। ट्रूडो, पीएम मोदी का हाथ पकड़े खड़े हैं। दोनों नेता हँस रहे हैं, लेकिन उन्हें छोड़िए, पीछे देखिए- पीछे। पीछे से बाइडन का हाथ आगे बढ़ता है। जी हां, आप सही देख रहे हैं। देखते जाइए। बाइडन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे के नीचे हाथ रखते हैं। मानो कह रहे हो- मोदी जी हमसे भी मिल लीजिए। मोदी जी तुरंत पलटकर देखते हैं। देख रहे हैं ना आप। मोदी जी ने देखा- अरे यह तो बाइडन हैं। बाइडन ने अपना हाथ बढ़ाया।
पीएम मोदी ने भी मिलाया हाथ
मोदी जी ने भी अपना हाथ बढ़ा दिया। ऐसा कुछ नहीं कि मोदी जी दौड़कर उनके गले मिलने के लिए आगे बढ़ गए हो- जबकि मोदी जी दुनिया भर में गले लगाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन यहां उन्हें पता था कि अमेरिका भारत के पास चलकर आया है। तो भारत ने भी उतना ही किया- जितना अमेरिका ने किया। मोदी जी ने हाथ मिला लिया। ट्रूडो को भी देखिए, मोदी जी बाइडन से मिलने लगते हैं। ट्रूडो दूसरी तरफ देखते हैं- उधर कोई नहीं है। ओह! अब क्या करें? दोबारा इधर मुड़कर मोदी और बाइडन को देखने लगते हैं।
अब आगे के फ्रेम पर बढ़ते हैं। दोनों नेता आपस में बातचीत कर रहे हैं। हँस रहे हैं। आगे देखिए, पहले बाइडन ने एक बार हाथ हिलाया। इसके बाद पीएम मोदी ने भी एक बार हाथ हिला दिया। कुछ भी बकाया नहीं रखते मोदी जी, ऑन द स्पॉट हिसाब कर देते हैं। उस ब्लैक कोट वाले जिस शख्स को हमने छोड़ दिया था- उसको भी नोटिस कीजिए।
आज के भारत की तस्वीर
वो बाइडन से हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाकर खड़ा है लेकिन बाइडन मोदी का हाथ पकड़े खड़े हैं। यह तस्वीर आज की वैश्विक राजनीति की तस्वीर है। यह तस्वीर आज के भारत की तस्वीर है। यह तस्वीर आज के भारत की ताकत की तस्वीर है। आप इस वीडियो को अपने बच्चों को दिखाइए- अपने परिवारवालों को दिखाइए- अपने पड़ोसियों को दिखाइए और उन्हें बताइए कि यह है हमारा भारत।
जी हां, यह वही भारत है जिसने रूस और यूक्रेन के युद्ध पर पश्चिमी देशों के तमाम प्रयासों और दबाव की रणनीतियों के बावजूद भी अपने हितों को प्राथमिकता दी और वही किया जो उसे सही लगा। जी हां, यह वही भारत है जिसे अभी कुछ दिन पहले ही तमाम तरीकों से पश्चिमी देश धमकाना और डराना चाहते थे लेकिन हुआ क्या- जवाब आपके सामने है।
अपने साथियों को- अपने बच्चों को बताइए कि हमारा भारत अब झुकता नहीं, अब सुनता नहीं, अब गिड़गिड़ाता नहीं, अब रेंगता नहीं, अब सिर उठाकर चलता है और वही करता है जो उसे सही लगता है। दुनिया की कोई भी ताकत क्यों ना हो- हमारा भारत उसकी आंखों में आंखें डालकर बात करता है और यही सनातन धर्म हमें सिखाता है।
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