Business 101: अडानी का ‘स्वयं विक्रेता, स्वयं उपभोक्ता’ मॉडल अभूतपूर्व है

यूं ही व्यापार की दुनिया के ‘धीरूभाई अंबानी’ नहीं बन गए अडानी!

Adani acc cement

Source: tfipost.in

जब पैसा आए तो बहुत ख़ुश या फिर जब पैसा जाए तो बहुत दुखी नहीं होना चाहिए, इस बात में यकीन करने वाले एक शख्स ने 1988 में केवल 5 लाख रुपये की पूंजी से अपने व्यापार की शुरुआत की थी– और आज उसी शख्स की गिनती पूरी दुनिया के 10 सबसे अमीर शख्सियतों में की जाती है। उस शख्स का नाम है गौतम अडानी। भारत का सबसे तेजी से बढ़ते व्यापार का मालिक।

एक सवाल अक्सर उठता है कि आखिरकार गौतम अडानी ने इतनी तरक्की कर कैसे ली? गौतम अडानी, मुकेश अंबानी तो थे नहीं, जिन्हें पैतृक संपत्ति मिली हो।  उन्हें तो कंपनियां और करोड़ों की संपत्ति बनी-बनाई नहीं मिली- बल्कि एक-एक पैसा जोड़कर उन्होंने अपना साम्राज्य खड़ा किया है। इस सवाल का जवाब बहुत आसान है- गौतम अडानी ‘प्रयोग’ में विश्वास करते हैं- वो बने-बनाए औद्योगिक नीतियों पर नहीं चलते बल्कि अपने लिए स्वयं नीतियां बनाते हैं- मानक तय करते हैं और फिर उसी के अनुसार काम करते हैं।

और पढ़ें: अब बदल जाएगी यूपी की तस्वीर- आ रहे हैं अडानी

अडानी समूह ने हाल ही में स्विस निर्माण सामग्री निर्माता होल्सिम लिमिटेड की भारत की संपत्ति अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिटेड को $ 10.5 बिलियन (80,000 करोड़ रुपये) में खरीदा। यह अधिग्रहण किसी भारतीय समूह द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। इस अधिग्रहण के साथ ही अडानी ग्रुप सीमेंट के क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी बन गया है।

अब यहीं पर हमें अडानी की सोच और व्यापार को लेकर रणनीति को समझने की जरुरत है। अडानी पहले से देश में बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा कर चुके हैं। अडानी के अधिग्रहण की अगर बात करें तो पिछले एक साल में ही अडानी ने 17 अरब डॉलर के खर्चे से करीब 32 अधिग्रहण किए हैं। अडानी भारत की बंदरगाह क्षमता का 24 फीसदी नियंत्रित करते हैं।

और पढ़ें: अडानी और अंबानी के बीच का ‘अधिग्रहण-युद्ध’ कहां तक जाएगा ?

करीब-करीब ऐसी ही उनकी पकड़ एयरपोर्ट पर भी है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के बुनियादी ढांचे पर भी अडानी निरंतर काम कर रहे हैं। कोयला खनन, बिजली उत्पादन और वितरण, खाद्य तेल शोधन, फसलों से लेकर डेटा तक का भंडारण तक अडानी का साम्राज्य फैला है। इसके साथ ही अडानी शहरी आवासीकरण में भी बड़ा निवेश कर रहे हैं।

ऐसे में यह बिल्कुल साफ है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर की बहुत सारी परियोजनाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सीमेंट की आवश्यकता होती है। नए निर्माण के लिए सीमेंट की आवश्यकता होगी। लेकिन भारत में सीमेंट की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक देश है, इसके बाद भी सप्लाई चेन में दिक्कत होने की वज़ह से सीमेंट का सही तरीके से वितरण नहीं हो पाता।

ऐसे में अडानी हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रहे बल्कि उन्होंने इस समस्या को सुलझाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। अंबुजा और ACC सीमेंट को ही खरीद लिया। अब अडानी समूह अपनी कंपनी में ही सीमेंट का उत्पादन करेगा। और अडानी समूह अपनी परियोजनाओं में अपने ही सीमेंट का इस्तेमाल भी करेगा। यानी कि अडानी ही विक्रेता होंगे- अडानी ही ग्राहक होंगे।

और पढ़ें: हर क्षेत्र में अपना सिक्का जमाने को आतुर हैं गौतम अडानी

इसको समझाते हुए गौतम अडानी ने कहा, “हमारे बुनियादी ढांचे के कारोबार में बड़ी संख्या में निर्माण गतिविधियां चलती रहती हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि हम अपने खुद के सीमेंट कारोबार के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक होंगे।”

ऐसे में एक बात तो साफ है कि अडानी ग्रुप तमाम तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट तेजी से देश में चला रहा है जोकि देश के विकास के लिए अति आवश्यक हैं। अडानी के ‘स्वयं उत्पादक, स्वयं ग्राहक’ मॉडल से इन प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी और देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।


TFI के बेहतरीन वीडियो देखें:

Exit mobile version