व्यापार करेंगे भारत में, कमाएंगे भारत में परंतु नियम भारत के नहीं मानेंगे। ट्विटर ने तो इसे ही अपनी पॉलिसी बना लिया है। तमाम चेतावनियों के बावजूद ट्विटर भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का सही तरीके से पालन नहीं कर रहा है। परंतु अब बस और नहीं। ट्विटर की यह मनमानी और नहीं चलेगी। भारत सरकार ने ट्विटर को “आखिरी चेतावनी” देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि हर हाल में उसे सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना ही होगा।
दरअसल, नियमों का पालन करने के लिए ट्विटर को 4 जुलाई 2022 तक का अल्टीमेटम दिया गया है। द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को नोटिस भेजकर साफ किया कि वो नए नियमों को जल्द से जल्द पूरी तरह से लागू करे, नहीं तो वे गंभीर परिणामों को भुगतने के लिए तैयार रहें।
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27 जून सोमवार को आईटी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिस के अनुसार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर नए आईटी नियमों के दिशा-निर्देशों को मानने में विफल साबित हुई है। रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर ने सरकार द्वारा जारी किए गए दो नोटिस का जवाब भी नहीं दिया। सरकार ने आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत कुछ अनुचित कंटेट हटाने के निर्देश दिए थे।
यह दोनों नोटिस 6 जून और 9 जून को जारी किए गए थे। परंतु ट्विटर ने इन नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं की। आपको बता दें कि नए आईटी नियमों के तहत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सरकार के नोटिस पर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करना अनिवार्य है। परंतु ट्विटर इन नियमों का बार-बार उल्लंघन कर रहा है। ट्विटर को कई बार नोटिस जारी कर कार्रवाई करने के मौके भी दिए गए।
गौरतलब है कि सरकार ने सोशल मीडिया की अराजकता पर लगाम कसने के लिए नए आईटी नियम लागू किए हैं। ट्विटर शुरूआत से ही आईटी नियमों का पालन करने को लेकर बेहद ही लापरवाही वाला रूख अपनाता आया है। नियमों को लागू करने को लेकर सरकार और ट्विटर के बीच काफी तकरार भी होती हुई दिखी। मई 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ट्विटर को स्पष्ट किया गया कि अगर वो भारत में रहना चाहता है, तो नए आईटी नियमों का पालन करना ही होगा। बावजूद इसके ट्विटर अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा और नियमों का लगातार उल्लंघन किए जा रहा है। हालांकि अगर ऐसा जारी रहता है तो सरकार ट्विटर के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है।
नियमों का पालन ना करने पर ट्विटर को बतौर इंटरमीडियरी मिलने वाली छूट खत्म हो सकती है। यानी ट्विटर मध्यवर्ती का दर्जा खो सकता है, जिसके बाद प्लेटफार्म पर मौजूद सारे कंटेंट की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ उसकी होगी। प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने वाली सभी सामग्री के लिए वो स्वयं जिम्मेदार होगा।
अब तक प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने वाली गैर-कानूनी सामग्री के लिए यूजर को जिम्मेदार माना जाता था। परंतु अगर ट्विटर से इंटरमीडियरी का दर्जा छिन जाता है, तो वो भी यूजर के साथ सह-अपराधी होगा और इसके लिए उसके विरुद्ध कोर्ट में मामला भी दर्ज कराया जा सकेगा।
इसके साथ ही ट्विटर ने अगर नियमों का पालन नहीं किया तो सरकार दूसरे कड़े फैसले भी कर सकती है। आईटी नियमों के तहत सरकार ट्विटर के विरुद्ध कार्रवाई भी कर सकती है।
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