अखिलेश यादव, सीएम योगी के मजे लेना चाहते थे, देने पड़ गए

योगी जी ऐसा 'ट्रोल' करेंगे, अखिलेश ने सोचा भी नहीं होगा!

योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव Photo

Source: TFI

स्कूल के दिनों में हिंदी की कक्षा में आपने एक मुहावरा ज़रूर पढ़ा होगा- ‘अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना’, इस मुहावरे का अर्थ है- खुद को मुसीबत में डाल लेना। आम आदमी कई बार ऐसा कर लेता है- ग़लती से या फिर अनजाने में, वो कुछ ऐसा कर लेता है जिससे उसका अपना ही नुकसान होता है लेकिन अगर कोई राजनेता ऐसा करे तो समझ लेना चाहिए कि नेता अभी परिपक्व नहीं है। उस नेता को अभी और राजनीति सीखने की ज़रूरत है।

ऐसे ही एक अबोध नेता बनकर प्रस्तुत हुए हैं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव। उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में अखिलेश यादव को ऐसा लपेटा कि सपा प्रमुख बुरी तरह से सकपका गए। उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या करें- और क्या न करें? बोलें तो बोलें क्या?

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दरअसल, अखिलेश यादव ने विधानसभा में ‘ज्ञानी’ और ‘हास्य’ से लबरेज दिखने की नाकामयाब कोशिश की। इस दौरान अखिलेश यादव ने सदन में राहुल गांधी का नाम भी लिया। बस, यहीं अखिलेश यादव ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली।

अखिलेश यादव ने सोमवार को विधानसभा में बजट पर बोलते हुए बेसिक शिक्षा पर सवाल उठाया था और अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा था, “मैं एक बार एक स्कूल में गया और बच्चे से पूछा कि मुझे जानते हो? बच्चे ने कहा- हां, आप राहुल गांधी हैं।” अखिलेश यादव के इस बयान पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा था।

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अखिलेश यादव के इस बयान को सीएम योगी आदित्यनाथ ने छोड़ा नहीं। उन्होंने तुरंत अखिलेश यादव को घेर लिया। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए, योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि “बच्चे निर्दोष हो सकते हैं, लेकिन ईमानदार भी होते हैं। बच्चे ने जो भी बोला बहुत सोच समझकर बोला होगा। वैसे भी आपमें (अखिलेश) और राहुल गांधी में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है, बस एक फर्क है- राहुल देश के बाहर देश की बुराई करते हैं और आप प्रदेश के बाहर प्रदेश की बुराई करते हैं।”

सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शायरना अंदाज दिखा। उन्होंने कहा, “नेता प्रतिपक्ष अपने बजट भाषण में मुद्दों को बढ़ाते हुए कुछ ऐसी बाते कह गए, जिसका खामियाजा प्रदेश अतीत में भोग चुका है, इस पर मैं दुष्यंत कुमार की पंक्तियां कहूंगा- कैसे-कैसे मंजर सामने आने लगे हैं, गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं।”

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सीएम योगी आदित्यनाथ की अखिलेश यादव पर इस चुटीली टिप्पणी के बाद सदन में ठहाके गूंजने लगे। हर कोई हंस रहा था- अखिलेश यादव भी मुस्कुराते दिख रहे थे लेकिन उनके चेहरे के हाव-भाव साफ बता रहे थे कि वो अपने बचकाने बयान पर अब पछता रहे हैं- लेकिन जो बात एक बार मुंह से निकल गई, वो निकल गई, और उसी बात को पकड़कर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के मजे ले लिए।

यह सत्य है कि अखिलेश यादव निरंतर मिल रही हार की हताशा में आकर- कई बार अतिउत्साह में और कई बार जल्दबाजी में उग्र होकर कुछ भी कभी भी बोल देते हैं। अपनी इन्हीं हरकतों के कारण आजकल अखिलेश यादव बड़े पैमाने पर हास्यास्पद व्यंग्यों के पात्र बन चुके हैं। अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ के मजे लेना था चाहते थे पर उन्हें लेने के देने पड़ गए और ‘राहुल 2.0’ बनकर उन्होंने अपनी ही भद्द पिटवाल ली।

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