हिपोक्रेसी को एक व्यक्ति में आप परिभाषित कर सकते हैं? असंभव प्रतीत होता हैं न? परंतु ऐसा हो सकता है, बस फरहान अख्तर को देख लीजिए। हिपोक्रेसी का दूसरा नाम है फरहान अख्तर, या यूं कहिए हिपोक्रेसी की प्रतिमूर्ति हैं फरहान अख्तर। वो कैसे? अभी हाल ही में एक डिओ कंपनी के बेहद घृणास्पद एड के विषय पर फरहान अख्तर नैतिकता बांचते दिखाई पड़े। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “कितने नीच और विकृत होंगे वो लोग, जिन्होंने इस दुर्गंधित, दुष्कर्म को बढ़ावा देने वाले एड (लेयर शॉट के विवादास्पद एड) को बढ़ावा दिया होगा। नीचता की हद होती है” –
What incredibly tasteless and twisted minds it must take to think up, approve and create these stinking body spray ‘gang rape’ innuendo ads..!! Shameful.
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) June 4, 2022
परंतु इनकी ‘नैतिकता’ की पोल खुलते देर नहीं लगी और ये पोल किसी और ने नहीं, स्वयं फरहान ने खोली। एक ही ट्वीट में अपनी नैतिकता, अपने आदर्शों को छंद छंद करते हुए महोदय ट्वीट करते हैं, “जबरदस्ती निकलवाई हुई माफी दिल से निकली हुई माफी के सामने कुछ नहीं होती!” –
A forced apology is never from the heart.
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) June 5, 2022
इनका संकेत स्पष्ट तौर पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर था, जिन्हें उनके विवादित बयानों के चलते भाजपा ने अभी के लिए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया है। नूपुर के साथ उनका कथित समर्थन करने वाले एक अन्य प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया है। परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि फरहान खान इतने में भी संतुष्ट नहीं है। आखिर तालीम भी तो जावेद अख्तर से जो मिली है!
परंतु फरहान अख्तर को ऐसा वैसा न समझिए। ये प्रारंभ से हिपोक्रेसी के बेजोड़ उस्ताद रहे हैं। नैतिकता पर तो कृपया ये ज्ञान न ही दें तो बेहतर है। पिछले ही वर्ष फरहान अख्तर ने घोषणा करते हुए कहा था कि उन्होंने अपना कोविड रोधी टीकाकरण करा लिया। तो इसमें गलत क्या है? दरअसल, उन्होंने ये उस समय कराया, जब दूसरी लहर शिखर पर थी, महाराष्ट्र में वैक्सीन की ‘किल्लत थी’ और केवल 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों का ही टीकाकरण किया जा रहा है। यानी फरहान अख्तर ने ज़बरदस्ती, अवैध तरीके से किसी बुज़ुर्ग के हिस्से की वैक्सीन हड़प कर अपने आप को लगवाई।
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CAA विरोधी आंदोलन में शामिल थे फरहान अख्तर
इसके अतिरिक्त फरहान के पिता जावेद अख्तर ने मुंबई प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा था कि कोरोना से कैसे निपटना है ये लोगों को BMC से सीखना चाहिए, जबकि सबको भलि-भांति पता था कि किस प्रकार से BMC ने कोविड की हर लहर में मुंबई और लगभग सम्पूर्ण महाराष्ट्र को उनके हाल पर छोड़ दिया था। ऐसे में जावेद अख्तर को सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल भी किया था। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने जावेद अख़्तर का नाम लिए बगैर उद्धव सरकार की इस ‘पीआर एजेंसी’ द्वारा किए जा रहे बचाव की निंदा भी की थी।
अभी तो हमने फरहान की भारत विरोधी मानसिकता पर चर्चा भी नहीं की है। जब CAA विरोधी आंदोलन अपने शिखर पर था, तो फरहान ने एक ही ट्वीट में अपनी भारत विरोधी मानसिकता उजागर करते हुए अपने ट्विटर टाइमलाइन पर लिखा, “यहां जानिए कि आखिर क्यों यह विरोध जरूरी है। 19 दिसंबर को मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में मिलते हैं। सोशल मीडिया से विरोध करने का समय खत्म हुआ।”
यही नहीं, फरहान अख्तर ने ट्विटर पर कुछ इमेज भी शेयर किए थे, जिनमें से एक अंग्रेज़ी में और दूसरा उर्दू में था। जो चित्र उन्होंने शेयर किया उसमें भारत के मानचित्र पर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को खंडित स्थिति में दिखाया गया था, जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दिखाया जाता है। ऐसे में जब फरहान अख्तर नैतिकता पर ज्ञान बांचते फिरते हों, तो उनपर हंसी भी आती है। पर ऐसे ही लोगों से हमें अधिक सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि इनके विश्वासघात करने का रिकॉर्ड बेजोड़ है।