प्रिय संजय राउत, आक्रामकता केवल शक्तिशाली को ही सूट करती है आप पर नहीं

सत्ता जाने की बौखलाहट अब प्रत्यक्ष होने लगी है !

Sanjay Raut

Source- TFIPOST.in

जब हाथों से चीजें फिसलने लगती हैं तो आमतौर पर लोग बौखला जाते हैं। इसी बौखलाहट में कुछ लोग बेफिजूल का गुस्सा दिखाने और धमिकयां देने पर उतर आते हैं। ऐसा ही कुछ शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत  इस वक्त करते नजर जा रहे हैं। संजय राउत भली-भांति जानते हैं कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब महाराष्ट्र की सत्ता पर कुछ वक्त का ही मेहमान रह गया। ऐसे में उनकी बौखलाहट स्पष्ट तौर पर दिखने लगी है।

दरअसल, उद्धव गुट की तरफ से शिंदे गुट को मनाने के काफी प्रयास हुए। स्वयं उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से वापस लौटने की अपील तक की। लेकिन जब तमाम प्रयास और पैतरे बेअसर होते दिखे, तो अब उद्धव ठाकरे का गुट धमकी देने पर उतर आया है। अपने नए बयान में संजय राउत ने बागी विधायकों को चुनौती देते हुए शिवसैनिकों के सड़कों पर उतरने की बात कही है।

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एक-दूसरे पर बयानबाजी का दौर

संजय राउत ने अपने बयान में कहा- “एकनाथ शिंदे का गुट जो हमें चुनौती दे रहा है, उसे यह मालूम होना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अब तक सड़कों पर उतरकर नहीं आए हैं। इस तरह की लड़ाईयां या तो कानून के माध्यमों से लड़ी जाती हैं या फिर सड़कों पर उतरकर। आवश्यक हुआ तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर भी उतरकर आएंगे।“

इसके अलावा संजय राउत द्वारा शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने का डर भी दिखाया।  राउत ने कहा- “एकनाथ शिंदे गुट के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया चल रही है।“ संजय राउत ने इस दौरान दावा किया कि शिंदे गुट की संख्या केवल कागजों तक ही सीमित है। उन्होंने कहा- “शिवसेना एक बड़ा सागर है और ऐसी लहरें आती-जाती रहती हैं।“

इससे पहले भी संजय राउत ने बागी विधायकों को धमकाने का प्रयास किया था। मीडिया को दिए एक बयान में उन्होंने कहा- “ये जो विधायक गए हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी चली गई। इनका महाराष्ट्र में आना, घूमना बहुत मुश्किल होगा।“ 

यानी अब सत्ता फिसलने का खतरा मंडराया तो संजय राउत धमकियां देने और डराने पर उतर आए हैं। परंतु यहां संजय राउत को यह समझने की जरूरत है कि आक्रामकता भी उन लोगों पर ही अच्छी लगती हैं, जो ताकतवर हो, जिनके पास पॉवर हो। कमजोर लोग चाहे जितना भी धमकियां क्यों ना दें दें, गुस्सा क्यों ना दिखा लें, उससे किसी को फर्क नहीं पड़ता। ऐसा ही कुछ संजय राउत के साथ भी है। संजय राउत की पहचान शिवसेना के एक बड़बोले नेता के तौर पर होती है, जो केवल बड़ी-बड़ी बातें ही करते हैं।

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महाराष्ट्र में शिवसेना के बगावती सुर बढ़ते जा रहे है

इसके अलावा शिवसेना के द्वारा शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित कराने की धमकी भी दी जा रही है। शिवसेना के द्वारा 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखा है। शिवसेना भले ही अयोग्य प्रस्तावों के माध्यम से शिंदे गुट को डराने का प्रयास कर रही हो। परंतु एकनाथ शिंदे भी राजनीति के कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं। वो कानून से जुड़े तमाम दांव पेंच अच्छे से जानते हैं। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को जवाब देते हुए कहा- “आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? हम भी कानून जानते हैं। संविधान (अनुसूची) की 10वीं अनुसूची के अनुसार व्हिप विधानसभा के काम के लिए है, बैठक के लिए नहीं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं। 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अर्जी देकर आप हमें डरा नहीं सकते। क्योंकि हम आदरणीय शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के असली शिवसेना और शिवसैनिक हैं।“

ताजा हालातों की बात करें तो अब महाराष्ट्र से उद्धव सरकार कब गिर जाए, कह नहीं सकते। उद्धव ठाकरे के विरुद्ध शिवसेना में बगावती सुर लगातार तेज होते चले जा रहे हैं। यह उद्धव ठाकरे की नाकामी का ही नतीजा है कि वो अपनी पार्टी को संभालने में नाकामयाब रहे। उद्धव ने जिस तरह से सत्ता के लिए हिंदुत्व के साथ समझौता किया, उन्हें उनके कर्मों का फल अब मिल रहा है। अब खतरा सिर्फ उनकी सरकार पर ही नहीं है, बल्कि उद्धव के हाथों से पार्टी को कमान फिसलने की भी संभावना है।

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