आप सभी तो जानते ही है भ्रष्टाचार हमारे देश में दीमक की तरह फैला हुआ है, जिसे खत्म करना नाममुकिन तो नहीं परंतु आसान भी नहीं है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक्शन मोड़ में काम करती नजर आ रही है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ईडी का शिकंजा लगातार कसता ही चला जा रहा है। वहीं, ईडी की इन तेज होती कार्रवाई की वजह से विपक्ष में एक बार फिर से डर का माहौल बना हुआ है।
क्योंकि एक बार फिर विपक्ष के कई बड़े नेता ईडी की जांच के दायरे में आने लगे है, जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी से लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तक के नाम शामिल हैं। यही वजह है कि जांच से बचने के लिए विपक्ष के द्वारा फिर से विक्टिम कार्ड खेलने की शुरूआत हो गई है और एजेंसी पर सरकार के इशारों पर काम करने के आरोप लगाए जाने लगे हैं। आज हम जानेंगे कि कैसे ईडी की तेज होती कार्रवाई ने कैसे विपक्ष की नीदें उड़ाकर रख दी हैं।
और पढ़ें: MVA सरकार की पुंगी बजाने के लिए ED का नाम ही काफी है!
नेशनल हेराल्ड मामले में
दरअसल, नेशनल हेराल्ड मामले में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी को पूछताछ के लिए समन भेजा और 8 जून को सोनिया और राहुल को ईडी के अधिकारियों के समक्ष पेश होना है। हालांकि ईडी का नोटिस जारी होने के बाद सोनिया गांधी के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली। तो वहीं राहुल गांधी इस वक्त देश से बाहर बताए जा रहे हैं। ऐसे में 8 जून को दोनों की पेशी को लेकर स्थिति फिलहाल साफ नहीं। बता दें कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े इस मामले में ईडी 2015 में अपनी जांच बंद कर चुकी है।
हालांकि अब सोनिया और राहुल को नोटिस भेजने के बाद एक बार फिर मामला तूल पकड़ने लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत पर बाहर कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की मुश्किलें भी एक बार फिर बढ़ने लगी। ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसका संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें एक जुलाई को पेश होने के निर्देश दिए हैं।
भ्रष्टाचार को लेकर आप नेताओं पर कार्रवाई
भ्रष्टाचार का नारा लेकर आई आम आदमी पार्टी भी भ्रष्ट पार्टी बनती जा रही है। AAP के कई नेताओं के नाम इन दिनों भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में सामने आते ही जा रहे है। पंजाब में AAP सरकार बने अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ कि इस दौरान पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला ही भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में फंस गए और उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। पंजाब के बाद ईडी की जांच की आंच दिल्ली में आम आदमी पार्टी तक भी पहुंची। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर ईडी की गाज गिरी। हवाला मामले में सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया। 9 जून तक उन्हें ईडी की हिरासत में भेजा गया है।
और पढ़ें: 1 अध्यादेश से पीएम मोदी ने सीबीआई और ईडी को बनाया अधिक सशक्त एवं सुदृढ़
PFI और RIB के बैंक खातें फ्रीज़
बुधवार को ईडी के शिकंजे में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपलुर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) आया। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच करते हुए ईडी ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने PFI और उसके सहयोगी संगठन रेहाब इंडिया फाउंडेशन (RIB) के कुल 33 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। ईडी ने एक बयान में बताया कि PFI के बैंक खातों में 68 लाख से अधिक की राशि मिली। ईडी का आरोप है कि पीएफआई आपराधिक साजिश के तहत गुप्त रूप से धन एकत्र कर रहा था, जिसका इस्तेमाल गलत कामों में किया जा रहा था।
रिश्वत को लेकर शिवसेना नेताओं पर कार्रवाई
वहीं महाराष्ट्र की राजनीति में तो ईडी की जांच को लेकर अक्सर भूचाल आया ही रहता है। एजेंसी की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने महाराष्ट्र के नेताओं की नींद उड़ा रखी है। महाराष्ट्र सरकार के कई बड़े नेता ईडी की जांच के दायरे में आ चुके है। यही नहीं इनमें से तो कई जेल की हवा तक खा चुके हैं। जिनमें एनसीपी नेता अनिल देशमुख से लेकर नवाब मलिक जैसे बड़े नाम शामिल रहे। इसके अलावा बीते दिनों उद्धव सरकार के एक और नेता ईडी की जांच के दायरे में आए। करोड़ों की रिश्वत लेने के आरोप में बीते दिनों ईडी ने शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब के 7 ठिकानों पर छापे मारे गए।
और पढ़ें: चरमपंथी इस्लामिक संगठन PFI पर चला ED का चाबुक
तो यही वजह है कि ईडी की तेज होती कार्रवाई से विपक्ष की परेशानी बढ़ गई। हालांकि जब भी कोई केंद्रीय एजेंसी इस तरह तेजी से काम करती है, तो विपक्ष के द्वारा एजेंसियों पर इस तरह के आरोप लगाने का सिलसिला शुरू हो ही जाता है। हालांकि इन आरोपों के बावजूद ईडी के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ता और एजेंसी भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसना जारी रखती है और उम्मीद है कि आगे भी ऐसी ही जारी रखेगी।