‘डर बिकता है’, सस्ते लाभ के लिए PCOS को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है!

PCOS के नाम पर महिलाओं के बीच फैलाया जा रहा है डर

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डर बिकता है, अगर साधारण से खांसी जुखाम को भी बड़े-बड़े शब्दों में बोलकर महामारी की तरह दिखाया जाए तो लोग जुखाम से नहीं दिल का दौरा पड़ने से मर जाएं। साधारण बुखार को अगर कोई लम्बा चौड़ा विदेशी नाम दे दिया जाए तो लोग खांसी होते ही हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे क्योंकि हमारा दिमाग कुछ इसी तरह से काम करता है। जब तक हमारा दिमाग किसी विषय के बारे में पूरी तरह नहीं जानता तब तक लोगों की कही-सुनी बातों पर ही विश्वास कर लेता है। PCOS भी एक ऐसा ही विकार है जिसके लम्बे चौड़े नाम से महिलाओं को डराया जा रहा है और महिलाओं के डर पर हजारों लाखों का व्यवसाय किया जा रहा है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल विकार है जो आमतौर पर प्रजनन आयु की महिलाओं में देखा गया है। नए शोध से पता चलता है कि महिलाओं में PCOS का गलत डाइग्नोसिस होना आम बात हो सकती है।

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PCOS होने के तीन मानदंड क्या हैं, आइए जानते हैं।  

  1. अनियमित पीरियड्स
  2. एण्ड्रोजन हॉर्मोन का स्तर बढ़ना (एण्ड्रोजन हार्मोन “पुरुष” विशेषताएं देते हैं जैसे कि शारीरिक बालों का बढ़ना, मुंहासे या बालों का झड़ना)
  3. बढ़े हुए अंडाशय जिसमें अपरिपक्व अंडे हों

यहां पर ये समझना आवश्यक है कि पॉलीसिस्टिक अंडाशय होने का मतलब यह नहीं है कि आपको PCOS है। PCOS लक्षणों का एक समूह है। एक अध्ययन में यह पाया गया कि कई महिलाओं ने अकेले अनियमित मासिक धर्म के आधार पर स्वयं निष्कर्ष पर चली गयीं कि उनको PCOS है। किसी लड़की के अल्ट्रासाउंड में पॉलीसिस्टिक अंडाशय दिखे तो उसे बिना आगे की जांच पड़ताल किए PCOS मान लिया गया। इसके अलावा महिलाओं के चेहरे और शरीर के बाल अलग-अलग मात्रा में होते हैं और कील मुंहासे होना आम है। यह कई बार खान-पान और वातावरण के कारण देखने में आते हैं लेकिन केवल कील मुहांसों और शारीरिक बालों को आधार मानकर इसे भी PCOS करार दे दिया जाता है।

PCOS से पीड़ित कई महिलाएं विश्वास कर लेती हैं कि वे गर्भवती नहीं होंगी। बांझपन का यह डर उन्हें तनावग्रस्त कर देता है। इसे इतनी बड़ी और भयंकर बीमारी के रूप में दिखाया जाता है कि इसका डर महिलाओं को इंटरनेट या फिर कई और गलत माध्यमों तक ले जाता है। जहां अपनी इस समस्या का समाधान ढूंढने के प्रयास में वो और भी अधिक गलत जानकारी इकट्ठा कर लेती हैं। इसी तरह इंटरनेट की दुनिया में घूमते हुए उन्हें कई ऐसे विज्ञापन दिखते हैं जिनमें से कुछ चाय के होते हैं जो कि एक बीमारी ठीक करने के लिए दस तरह की चाय बेचते हैं, अपनी डाइट बदलने का कहकर महंगे डाइट प्लान बेचे जाते हैं और प्राकृतिक रूप से PCOS का उपचार करेंगे कहकर तो महिलाओं से बहुत अधिक पैसे निकलवा लिए जाते हैं। कोई कहता है वजन घटाओ तो कोई कहता है वजन बढ़ाओ, कोई कहता है ग्रीन टी पीयो तो कोई कहता है कि निम्बू की चाय बनाओ और इसी तरह हजारों गलत सलाह के बीच फंसकर महिलाएं और अधिक तनावग्रस्त हो जाती हैं।

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PCOS जैसे लग सकते हैं कई लक्षण

वास्तव में वे कारक और स्थितियां जो परेशानी का कारण हैं उन पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है।  तनाव, हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाएं, मोटापा, थायरॉयड, अत्याधिक व्यायाम और अव्यवस्थित भोजन, ये कुछ लक्षण हैं जो PCOS जैसे लग सकते हैं।

उनके इस डर का फायदा उठते हुए कई कंपनियां हैं जिन्होंने PCOS के ऊपर अपनी पूरी प्रोडक्ट्स की रेंज निकाल दी है और महिलाएं इन्हें खरीदती रही हैं। इसी बीच कई ऐसी दवाएं भी बेची गई जो दावा करती हैं कि 15 दिनों में आपको पतला कर देंगे, पर कोई यह नहीं समझता कि ऐसा हुआ भी है कि केवल 15 दिनों में वजन घट जाए। लेकिन PCOS का डर ही इतना बड़ा होता है कि किसी का ध्यान ही ऐसी बातों पर नहीं जाता।

ये मिथक और धारणाएं महिलाओं को नुकसान पहुंचाती रहती हैं और उचित स्वास्थ्य देखभाल के रास्ते में आड़े आती हैं। यह समझना आवश्यक है कि गूगल या कोई और उलजूलूल माध्यम आपका डॉक्टर नहीं हो सकता है और न तो आपका उपचार कर सकता है। उचित स्वास्थ्य देखभाल और स्वयं को सचेत रहना ही आपको काफी हद तक ऐसी विकारों से दूर रख सकता है। डॉक्टर से मिलें, उचित सलाह लें, अपने खान-पान पर ध्यान दें और गलत जानकारी से बचें। PCOS का उपचार हो सकता है और आपको हर वो प्रसन्नता मिलेगी जिसकी आप अधिकारी है। किसी के बहकावे में न आना ही समझदारी है।

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