WTO की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद, पीयूष गोयल यूरोपीय संघ पर विजय प्राप्त करने को हैं तैयार

दुनिया झुकती है, झुकाने वाला होना चाहिए!

Piyush Goyal pic

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आज के समय में भारत के संदर्भ यह बातें एकदम सटीक बैठती दिख रही हैं। जैसा कि हाल ही में देखने को मिला कि कैसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत ने अपना लोहा मनवाया। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने WTO बैठक में भारत का मजबूती से पक्ष रखा और अपनी मांगे मानने को भी मजबूर किया। अब इसके बाद भारत अब यूरोपीय संघ को भी घुटने पर लाने की तैयारी में हैं। ध्यान देने वाली बात है कि 9 वर्षों के बाद भारत ने यूरोपीय संघ को झुकने पर मजबूर कर दिया है और इसमें पीयूष गोयल का बहुत बड़ा योगदान है।

दरअसल, भारत और यूरोपीय संघ के बीच 9 वर्षों से अधिक की लंबी अवधि के बाद मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) हेतु एक बार फिर से बातचीत की शुरुआत हुई है। इस वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को सुधारना है। यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की ने भारत के साथ दोबारा बातचीत शुरू होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच अगले दौर की बातचीत 27 जून से 1 जुलाई तक नई दिल्ली में होगी। दोनों पक्ष महत्वाकांक्षी और व्यापक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) चाहते हैं। हमारा उद्देश्य बातचीत को 2023 तक पूरा करने का है। डोम्ब्रोव्स्की ने कहा कि मुझे ब्रसेल्स में वार्ता के लिए मंत्री पीयूष गोयल का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है।

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अमेरिका के बाद यूरोपीय संघ है सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस कदम को दोनों पक्षों के लिए लाभकारी बताया। पीयूष गोयल ने कहा कि वार्ता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने में मददगार होगी। कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। गोयल ने कहा, “आधुनिक उत्पादों को लेकर भारत दुनिया के साथ जुड़ना चाहता है। हमारा ध्यान ऐसे क्षेत्रों पर हैं, जहां वे नई प्रौद्योगिकी और निवेश के लिहाज से लाभ अर्जित कर सकें।”

ज्ञात हो कि 8 मई 2021 को पोर्टो में आयोजित भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच हुई बैठक के दौरान दोनों फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत को दोबारा शुरू करने के लिए तैयार हो गया था, जिसमें एक संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक और पारस्परिक लाभरप्रद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में बातचीत फिर से शुरू करने का संकल्प लिया गया था। इसके साथ ही स्टैंड-अलोन इन्वेस्टमेंट प्रोटेक्शन एग्रीमेंट (आईपीए) और जियोग्राफिकल इंडिकेटर्स पर समझौता करने के लिए अलग से समझौता किया गया था। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि “दोनों साझेदार अब लगभग नौ साल के अंतराल के बाद एफटीए वार्ता फिर से शुरू कर रहे हैं क्योंकि 2013 में सौदे के दायरे और अपेक्षाओं में अंतर के कारण पहले दौर की बातचीत को छोड़ दिया गया था।”

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वर्ष 2007 में भारत द्वारा यूरोपीय संघ से द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश समझौता (BTIA) से वार्ता की शुरुआत की गई थी। परंतु, 2013 में दोनों पक्षों के बीच यह बातचीत रुक गई थी। इसके पीछे का कारण वाहनों पर सीमा शुल्क समेत अन्य मुद्दों पर सहमति न बन पाना था। हालांकि, अब ऐसा प्रतीत होता है कि यूरोपीय संघ को समझ में आ गया है कि भारत उनके लिए कितना जरूरी है। इसलिए यूरोपीय संघ को झुककर भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार होना पड़ा।

अगर भारत यूरोपीय संग के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने में कामयाब होता है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि अमेरिका के बाद भारत के लिए यूरोपीय संघ बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत और यूरोपीय संघ ने 43.5 फीसदी की वृद्धि के साथ 2021-22 में 116.36 अरब डॉलर का अभूतपूर्व कारोबार किया है। वहीं, यूरोपीय संघ को भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 57 प्रतिशत बढ़कर 65 अरब डॉलर हो गया। अगर ऐसे में मुक्त व्यापार समझौते को लेकर दोनों पक्षों में बातचीत बन जाती है, तो यह महत्वपूर्ण कामयाबी साबित होगी।

WTO सम्मेलन में वार्ता के केंद्र में रहा भारत

ध्यान देने वाली बात है कि भारत इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ मुक्त व्यापार समझौता संपन्न कर चुका है। इसके अतिरिक्त कनाडा और यूनाइटेड किंगडम (UK) के साथ भी इसे लेकर बातचीत चल रही है। अब भारत ने यूरोपीय संघ को 9 सालों के बाद घुटने पर लाकर वार्ता शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया, जो कि पीयूष गोयल की एक और बड़ी कामयाबी है। इससे पहले विश्व व्यापार संगठन (WTO) में पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारत ने अपना परचम लहराया था। WTO सम्मेलन में भारत वार्ता के केंद्र में रहा।

पीयूष गोयल ने बताया कि भारत ने विकसित देशों को उसके मांगों के आगे झुकने को मजबूर किया। उन्होंने बताया कि भारत उन लोगों के लिए नियम लाने में सफल हुआ, जो अवैध रूप से मछली पकड़ने में लिप्त थे। यह भारत की बड़ी जीत हैं। इसके अलावा पीयूष गोयल ने इसी सम्मेलन में डिजिटल एक्सपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव भी रखा था। WTO में पीयूष गोयल ने साफ किया था कि आज का भारत आत्मनिर्भर है, जो हर प्रकार की चुनौतियों का डटकर सामना करने की ताकत रखता है। भारत अब किसी के दबाव में निर्णय नहीं लेता।

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