गैंग्स ऑफ पंजाब: ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से कहीं अधिक जटिल है ये कहानी

पंजाब में रहा है गैंगवॉर का लंबा इतिहास!

Gangwar of Punjab

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शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की रविवार शाम मनसा जिले के जवाहरके गांव जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या से पंजाब में कोहराम मच गया है और अब ‘गैंग्स ऑफ़ पंजाब’ की रियल शूटिंग शुरू होने की आशंका बढ़ गयी है। मूसेवाला की हत्या के बाद बराड़ का एक सोशल मीडिया पोस्ट भी वायरल हुआ था जिसमें दावा किया गया था कि वह दिवंगत गायक विक्रमजीत सिंह मिड्दुखेड़ा की हत्या में भी शामिल था।

उन्होंने पोस्ट किया- “मूसे वाला का नाम हमारे भाई विक्रमजीत सिंह मिड्दुखेड़ा और गुरलाल बराड़ की हत्याओं में शामिल था, लेकिन पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हमें यह भी पता चला कि मूसेवाला हमारे सहयोगी अंकित भादु की मुठभेड़ में शामिल था। मूसेवाला हमारे खिलाफ़ काम कर रहा था।”

इस नृशंस हत्या के कुछ दिनों बाद, दिल्ली के गैंगस्टर नीरज बवाना ने सिद्धू का बदला लेने की कसम खाई है। फेसबुक पोस्ट में टिल्लू ताजपुरिया, दविंदर बंबिहा और कौशल गुड़गांव जैसे अन्य गिरोहों को भी टैग किया गया है। हालांकि, TFI वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। पोस्ट में कहा गया है- “जय बाबा की। दुखद खबर मिली। सिद्धू मूसेवाला दिल से हमारे भाई थे। 2 दिनों में परिणाम देंगे।” पंजाब के डीजीपी वीके भवरा के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई गिरोह इस हत्या के लिए जिम्मेदार है।

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सिद्धू मूसेवाला की हत्या पंजाब में अंतहीन गैंगवार को जन्म देगी। यह पंजाब में होनेवाले रक्तपात की शुरुआत है जिसपर केजरीवाल जानबूझकर अपने खालिस्तानी आकाओं को खुश करने के लिए चुप्पी साधे हुए है!

हालांकि अभी तक तिहाड़ जेल में बंद बिश्नोई के खिलाफ कोई खबर नहीं है, लेकिन पुलिस द्वारा मुठभेड़ की आशंका के बीच दिल्ली पुलिस को उसे पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश देने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया गया।

उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया जिसके बाद बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। हालांकि, उन्होंने अब अपनी याचिका वापस ले ली है और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में जाने का फैसला किया है।

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कनाडा में स्थित पंजाब गिरोह क्या हैं?

पंजाबी-कनाडाई आपराधिक गिरोह कनाडा में स्थित मुख्य रूप से पंजाबी जातीय मूल के युवा व्यक्तियों से बने होते हैं। 2004 की आरसीएमपी ब्रिटिश कोलंबिया वार्षिक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, ये लोग ब्रिटिश कोलंबिया में मोटरसाइकिल क्लबों और ट्रायड्स ड्रग गिरोहों के बाद तीसरा सबसे संगठित और परिष्कृत आपराधिक संगठन हैं।

आरंभ

ये समूह इसलिए फले-फूले क्योंकि स्थानीय निवासियों ने उन्हें रक्षक के रूप में देखा। टोरंटो शहर में पेप एवेन्यू कुछ साल पहले ब्रैम्पटन और मिसिसॉगा तक विस्तारित होने से पहले पंजाबी जनता का केंद्र था। ये आपराधिक गिरोह उम्र के साथ काफी बढ़ गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस शहर में 1990 से अब तक गैंगवारों में 165 लोगों की मौत हो चुकी है। बिंदी जोहल कुख्यात “द एलीट” के पीछे का मास्टरमाइंड था जिसने कथित तौर पर 30 से अधिक हत्याएं की थीं। यह समूह दोसांझ भाइयों, रॉन और जिमी की हत्याओं के लिए जिम्मेदार था।

विभिन्न पंजाबी आपराधिक समूह क्या हैं?

ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और ओंटारियो में सबसे अधिक संगठित इंडो-कनाडाई आपराधिक दस्ते का अस्तित्व है। ब्रदर्स कीपर्स गैंग को गविंदर सिंह ग्रेवाल द्वारा बनाया गया था। इस गिरोह ने कथित तौर पर पूरे ब्रिटिश कोलंबिया शहरों में रेड स्कॉर्पियन्स गैंग के सदस्यों को मारा। इन समूहों में दोसांझ, जोहल, आदिवाल, चीमा, बुट्टर, ढक्स, दुहरेस और अन्य जातीय लोग शामिल हैं। ये गिरोह अभी भी वैंकूवर में काम कर रहे हैं। पंजाबी माफिया का गठन शुरू में रंजीत चीमा, दोसांझ ब्रदर्स और रॉबी कंडोला द्वारा किया गया था।

लेकिन, लॉरेंस बिश्नोई कौन है?  

31 वर्षीय लॉरेंस बिश्नोई, 2017 से राजस्थान की भरतपुर जेल में कैद है जिस पर हत्या के प्रयास, अतिचार, चोरी और उत्पीड़न सहित अन्य अपराधों के आरोप हैं। “गैंगस्टर” बिश्नोई लोकप्रियता में तब आया जब उसने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को मारने के लिए गुर्गे नियुक्त किये क्योंकि बिश्नोई समाज काले हिरन को पवित्र मानता है। बिश्नोई पंजाब यूनिवर्सिटी में यूथ लीडर था। उसके पिता पंजाब पुलिस विभाग में एक पुलिस अधिकारी थे। बिश्नोई पर राजस्थान और पंजाब में हत्या के कई मामले दर्ज हैं। उसके गैंगस्टर से नेता बने जसविंदर सिंह से भी संबंध थे, जिनकी 2016 में हत्या कर दी गई थी।

माना जाता है कि बिश्नोई के सबसे करीबी सहयोगी गोल्डी बरार की जड़ें कनाडा में हैं। वह कई मामलों में “वांछित” है  और पंजाब के फरीदकोट प्रांत की एक अदालत ने यूथ कांग्रेस के नेता गुरलाल सिंह पहलवान की हत्या के सिलसिले में 2021 में गोल्डी बरार के लिए एक गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

लॉरेंस बिश्नोई समूह के सहयोगियों का दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में अपराध करने का इतिहास रहा है। समूह ने हाल ही में पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से गुरुग्राम तक अपने नियंत्रण क्षेत्र का विस्तार करने का प्रयास किया है।

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पंजाबी गायकों पर पिछले हुए हमले

बिश्नोई गिरोह के करीबी सहयोगी संपत नेहरा ने पुलिस को कथित सलमान खान को लेकर की गयी साजिश के बारे में बताया। चंडीगढ़ के एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी के बेटे नेहरा ने भी अप्रैल 2018 में पंजाबी गायक परमीश वर्मा के हत्या की जिम्मेदारी ली थी। 31 वर्षीय गायक को चंडीगढ़ के एक मॉल से घर लौटते समय गोली मार दी गई थी। पुलिस के अनुसार, गायक पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि उसने गैंगस्टरों की जबरन वसूली की मांगों को मानने से इनकार कर दिया था।

इस घटना के तुरंत बाद कनाडा में पंजाबी गायक करण औजला पर हमले की खबर ने सभी को चौंका दिया। इस घटना के लिए शुरू में पंजाब स्थित बंबिहा गिरोह को जिम्मेदार ठहराया गया था। हालांकि, उन्होंने जल्द ही अपने स्वयं के दावों से इनकार कर दिया।

सरांश यह है की आनेवाले समय में पंजाब में गैंगवार अपने चरम पर पहुंच जायेगा। सिद्धू मूसेवाला की मौत इसी गैंगवार का परिणाम है। लेकिन, इस हत्या ने अब आग को और भड़का दिया है।

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