तुर्की भारत का गेहूं वापस क्यों कर रहा है, पूरा सच यहां जान लीजिए

तुर्की के दावे की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने धज्जियां उड़ा दी।

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Source: TFI

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से दुनिया गेहूं संकट का सामना कर रही है। युद्ध के चलते दुनियाभर में गेहूं को लेकर हाहाकार मचा है। ऐसे में तमाम देश भारत की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। भारत से गेहूं खरीदने के लिए दुनिया के कई देश इस वक्त कतार लगाए खड़े हैं।

हालांकि इस बीच एक देश ऐसा है, जिसने गेहूं की 56,877  टन की खेप को यह कहकर वापस कर दी कि इसमें वायरस है। हम बात कर रहे हैं तुर्की की। तुर्की ने दावा किया है कि उसे भारतीय गेहूं में रुबेला वायरस मिला है। यही तर्क देते हुए तुर्की ने भारतीय गेहूं को वापस लौटा दिया।

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ऐसे वक्त में जब भारतीय गेहूं खरीदने के लिए दुनिया के तमाम देशों में होड़ मची हुई है, तब तुर्की इसमें वायरस होने की बात कहकर इसे वापस लौटा रहा है।  तुर्की के इस दावे के पीछे असली मकसद आखिर है क्या? क्या वास्तव में भारतीय गेहूं में कोई वायरस पाया गया है या फिर तुर्की के इस दावे के पीछे मंशा कुछ और ही है?

दरअसल, दुनिया में गेहूं का संकट गहराने के चलते कई देश भारत से आस लगाए बैठे हैं। इस दौरान भारत के गेहूं की मांग काफी बढ़ गई है। ऐसे में अब भारतीय गेहूं में रुबेला वायरस के फर्जी आरोप भारतीय गेहूं की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही इससे मांग के प्रभावित होने की संभावना भी है।

वैसे भी तुर्की का एजेंडा हमेशा भारत विरोधी ही रहा है। वो भारत के विरुद्ध कई मौकों पर ज़हर उगलता रहा है। तुर्की की पाकिस्तान के साथ दोस्ती जगजाहिर रही है। कश्मीर के मुद्दे पर तो तुर्की खासतौर पर हमेशा पाकिस्तान के समर्थन में ही खड़ा रहा और भारत विरोधी बातें करता आया है। ऐसे में तुर्की का यूं भारतीय गेहूं में वायरस का आरोप लगाना उसकी मंशा पर सवाल खड़े करता है।

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तुर्की के इस दावे को भारत सरकार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पूरे मामले को लेकर कुछ ऐसे तथ्य सामने रखे हैं, जिससे तुर्की के दावों की धज्जियां उड़ जाती हैं। दरअसल, पीयूष गोयल ने बताया कि जो माल वापस भेजा गया है, वो उसे (तुर्की) भेजा ही नहीं गया था। पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार ने तुर्की के इस दावे की जांच की। शुरुआती जांच में पता चला है कि तुर्की ने जो माल वापस भेजा, वो उसे भेजा ही नहीं गया था। उन्होंने बताया कि जो खेप वापस की गई, उसका निर्यात कोलकाता स्थित समूह आईटीसी लिमिटेड ने नीदरलैंड को किया था।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “सबको मालूम है कि आईटीसी लिमिटेड कितनी बड़ी कंपनी है। यह जानकर आपको हैरानी होगी कि माल नीदरलैंड ने आईटीसी से खरीदा था। आईटीसी को नहीं मालूम था कि माल तुर्की के लिए है। आईटीसी को खुद न्यूज़ रिपोर्ट के माध्यम से इसके बारे में जानकारी मिली। नीदरलैंड की आवश्यकताओं के अनुसार खेप की पूरी तरह से जांच की गई थी।”

गोयल ने आगे कहा, “आईटीसी ने नीदरलैंड के हिसाब से ही गेहूं का निर्यात किया था। गेहूं की खेप को कब और कैसे डायवर्ट किया गया और यह किसने किया, आईटीसी को इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं है। भारत का गेहूं अच्छी गुणवत्ता का होता है।’’

वैसे तुर्की के इन दावों के विपरीत कई देश अभी भारत से गेहूं खरीदने के लिए दरवाजे पर खड़े हैं। आतंक परस्त पाकिस्तान जैसे देश भी गेहूं के लिए भारत की चौखट पर खड़े हैं। हालांकि इस बीच घरेलू खाद्य सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है। बहुत ज़रूरतमंद देशों को ही भारत गेहूं निर्यात कर रहा है।

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