पहले करो भ्रष्टाचार और फिर रह जाए पद्म विभूषण की दरकार। वाह, आम आदमी पार्टी और उसके माननीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी, आपको अपने बयानों और शिगूफों के लिए तो 21 तोपों की सलामी मिलनी ही चाहिए पर अब उस कपोलकल्पना के लिए भी पुरस्कार देना चाहिए जो आज आप पाल बैठे।
क्या दिल्ली और क्या पंजाब, दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी सरकार होने के साथ ही दोनों राज्यों में पूर्ण बहुमत आप को हासिल है। पर अब दोनों राज्यों के ही मंत्री भ्रष्टाचार में नपते जा रहे हैं। और तो और दोनों राज्यों के मंत्रियों में एक गहरी समानता यह है कि दोनों ही राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री इस समय हिरासत में लिए जा चुके हैं। ऐसे में हालिया मामला दिल्ली से ही जुड़ा हुआ है जहां राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को कोर्ट ने 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। इसी के बाद केजरीवाल ने ऐसी मांग कर दी है जहां उन्हें काल्पनिक दुनिया से आया हुआ व्यक्ति कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। सत्येन्द्र जैन को पद्म विभूषण मिले इस मांग के साथ केजरीवाल ने बुधवार को अपनी अजीबोगरीब “फेटिश” जाहिर की है। ऐसे में अगर सत्येंद्र जैन पद्म विभूषण के हकदार हैं, तो निस्संदेह अरविंद केजरीवाल अपने ड्रामों, नौटंकी और एक्टिंग के लिए ऑस्कर के हकदार हैं।
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जिसने झूठ से ही की राजनीति की शुरुआत
जिस चीज की बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो, वो कभी सिरे नहीं चढ़ सकती है फिर चाहे वो किसी का गृहस्थ जीवन हो या सरकार, दोनों में जब विश्वसनीयता और विश्वास पर चोट होती है तब बेआवाज चीख बड़ा शोर करती है। एक व्यक्ति जिन्होंने झूठ से ही अपनी राजनीति की शुरुआत की, राजनीति में कीचड़ की सफाई करने का वादा किया, लोगों को बड़े बड़े हसीन सपने दिखाएं, राज्य के विकास के लिए कई बड़े और झूठे वादे किए, बेरोजगारों को रोजगार देने, प्रदूषण की समस्या से राज्य को निजात दिलाने से लेकर यमुना की सफाई की भी बात कही, लेकिन जमीनी स्तर पर देखने के बाद यह पता चलता है कि वो तो सिर्फ बातों के उस्ताद निकले। जी हां, आप बिल्कुल सही समझ रहे हैं यहां बात हो रही है फ्रीपुरुष अरविंद केजरीवाल की जिनके नेतृत्व में उन्हीं की सरकार के अहम विभाग के मंत्री घोटालेबाज निकले और वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं।
सत्येन्द्र जैन जिन्हें ED ने सोमवार को गिरफ्तार किया और मंगलवार को कोर्ट में पेशी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने जैन की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी और अब कोर्ट ने 9 जून तक सत्येन्द्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में भेज दिया है। बताया गया है कि जैन के परिवार के लोग कुछ ऐसी फर्म से जुड़े थे जो PMLA के तहत जांच के दायरे में हैं। ईडी की जांच में पता चला है कि साल 2015-16 के दौरान जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे। तब उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को कोलकाता स्थित कैश हस्तांतरण के खिलाफ शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की आवास प्रविष्टियां मिलीं। इन पैसे का उपयोग भूमि की सीधी खरीद के लिए या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए जो ऋण लिए गए उनकी अदायगी के लिए किया गया था। जैन पर अधिकारों के दुरुपयोग के भी कई आरोप लग चुके हैं।
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सीएम केजरीवाल ने जैन का महिमामंडन किया
इसके बाद अपने मंत्री के गिरफ्तार होने पर सीएम केजरीवाल ने जैन का महिमामंडन करते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन ने देश को मोहल्ला क्लीनिक का मॉडल दिया। मुझे लगता है कि उन्हें पद्म विभूषण देना चाहिए। यह तो वही बात हुई कि आरोपी को सुधारने के बजाए या फिर उसे दंडित करने के बजाए उस पर किये गए अपराध के लिए सराहा जाए। केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में एक नया स्कूल, कॉलेज और अस्पताल नहीं खुला पर 849 शराब के ठेके अवश्य खुल गए। अब यदि इसके लिए पद्म पुरस्कार दिए जाने लगे तो हो गया देश का उद्धार।
देख लीजिए कि केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट के भ्रष्टाचारी मंत्री सत्येंद्र जैन को न तो अबतक मंत्री पद से हटाया है और न ही पार्टी से निष्कासित किया है। ऐसे में यदि सत्येंद्र जैन को उनके किए पर पद्म विभूषण दिया जाना चाहिए तो निस्संदेह केजरीवाल को उनके दावों, फ्री-फ्री के ढकोसलों के लिए और झूठ की पराकाष्ठा पार करने के लिए “ऑस्कर” देना चाहिए। चूंकि वादों को पूरा करने के बजाय लिपाई-पुताई करने को केजरीवाल वर्ल्ड क्लास बता देते हैं।