आमिर खान कलाकृतियों को बिगाड़ने में निस्संदेह एक परफेक्शनिस्ट हैं!

क्या खाक परफेक्शनिस्ट हैं आमिर खान!

परफेक्शनिस्ट हैं आमिर खान!

Source Google

जांच परख के बाद अब समझ में आया है कि आमिर खान किस चीज में वास्तव में ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ कहलाने योग्य है। इस लेख में हम जानेंगे कि आमिर खान कैसे किसी भी अच्छी फिल्म को अपने थर्ड क्लास एक्टिंग से बर्बाद करने में ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ हैं। जिसका सबसे उत्कृष्ट और नविनतम उदाहरण है लाल सिंह चड्ढा।

और पढ़ें- लाल सिंह चड्ढा: 14 वर्ष लगे आमिर खान को ‘Ctrl C + Ctrl V’ करने में

ट्रेलर पर मिश्रित प्रतिक्रिया

‘लाल सिंह चड्ढा’ के हाल ही में रिलीज किए गए ट्रेलर पर मिश्रित प्रतिक्रिया रही। कुछ लोगों के लिए तो ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट इज बैक’ का माहौल उत्पन्न हुआ, तो कुछ लोगों को लगा– भाई क्या था ये? परंतु कुछ हम जैसे खोजी मनुष्य भी थे जिन्हें लगा कि भाई ये हो क्या रहा है।

पर प्रश्न तो अब भी उठता है कि इसका ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ वाली इमेज से क्या नाता? जो व्यक्ति अपनी रिलीज डेट पर किसी अन्य की फिल्म को रिलीज तक न होने दे, वो एक उभरते हुए कन्नड़ सुपरस्टार से भयभीत हो जाए, तो खाक ‘परफेक्शनिस्ट’ है। परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया का सबसे बड़ा वरदान यह है कि आप चाहे कितने भी बड़े तुर्रम खान क्यों न हों, यदि आप में तनिक भी खोट है, तो जनता को आपकी क्लास लगाने में देर न लगेगी, और यही हुआ आमिर खान के साथ भी।

अब सोशल मीडिया वाले बंधु लग गए इनका पोस्टमॉर्टम करने में और फिर पता चला कि आमिर खान वास्तव में अच्छी फिल्मों को बर्बाद करने में ‘परफेक्शनिस्ट’ कहे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए ‘दिल है कि मानता नहीं’ पता है किस फिल्म का रीमेक है? 1934 की एक प्रसिद्ध, ऑस्कर विजेता फिल्म, ‘इट हैपेन्ड वन नाइट’ का रीमेक यह फिल्म!

अरे यह तो कुछ भी नहीं है बंधु, ये तो मात्र प्रारंभ है। आमिर खान वो व्यक्ति है जो बनना सबकुछ चाहते थे पर आत्मसात किसी को न कर पाए। ब्रूस विलिस से लेकर जॉनी डेप, किसी व्यक्ति को इन्होंने नहीं छोड़ा है। चाहे डाय हार्ड को ‘बाज़ी’ में रूपांतरित कर उसका अस्थि पंजर करना हो, ब्रेकिंग अवै से कहानी चोरी कर ‘जो जीता वही सिकंदर’ बनानी हो, ‘क्रेमर vs क्रेमर’ को टीप कर ‘अकेले हम अकेले तुम’ बनानी हो, आमिर खान ने हर महान हॉलीवुड फिल्म का बेरहमी से मर्डर किया। भाईजान इतने पे नहीं रुके, ये तो इतना आगे बढ़ गए कि इन्होंने ‘गॉडफ़ादर’ तक का रीमेक बना दिया और उसमें रजनीकान्त को भी शामिल किया जो दुर्भाग्यवश हिन्दी में अभिनीत उनकी अंतिम फिल्म थी। अभी तो हमने ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ में ‘पायरेट्स ऑफ कैरिबीन’ के अस्थि पंजर की चर्चा भी नहीं की है। ये बात जानकर आपके अंदर का सिनेमा प्रेमी रो पड़ेगा।

और पढ़ें- द कश्मीर फाइल्स पर आमिर खान की अविश्वसनीय प्रशंसा के पीछे बहुत कुछ छिपा है

KGF – Chapter 2’ से डर गए आमिर खान

देखो जी, अब ‘KGF – Chapter 2’ से लोगों को चाहे जितनी आपत्ति रही हो, पर उसने हम दर्शकों पर दो बहुत बड़े उपकार अवश्य किए है। एक, बॉलीवुड के ‘खानों’ के बॉक्स ऑफिस पर कथित वर्चस्व की हवा निकाल दी, और उन्हीं के गढ़ में केवल डब किए संस्करण से दिन में तारे दिखा दिए, और दूसरा, ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान की सारी हेकड़ी को मिट्टी में मिला दिया। कहते हैं कि जो डेट आमिर मामू ने बुक कर दी, उसे कोई अन्य हटा भी नहीं सकता लेकिन जब यश महोदय ने उसी दिन यानी 14 अप्रैल को ‘KGF– चैप्टर 2’ रिलीज करने का निर्णय लिया तो आमिर खान तो पतली गली से खिसक लिए।

वैसे जब रीमेक ही बर्बाद करने हैं, तो कुछ सुझाव TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने भी ट्वीट किए हैं, और हमें पूर्ण विश्वास है कि आमिर मामू निराश नहीं करेंगे।

Exit mobile version