मौसमी हिंदू अक्षय कुमार के खुल गए हैं ज्ञान चक्षु, हालिया बयान से यही साबित होता है

अक्षय कुमार ने हिंदू राजाओं को किया याद, क्या वे सुधर रहे हैं?

Akshay Kumar

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अक्षय कुमार वैसे तो राष्ट्रवाद का राग खूब अलापते हैं, ऐसा दिखाने का पूरा प्रयास करते हैं कि उनके जैसा दूसरा कोई राष्ट्रवादी नहीं, दूसरा कोई देशभक्त नहीं। लेकिन अगर कोई उनकी सोच का सर्वेक्षण करे तो एक क्षण में वास्तविकता सबके सामने आ जाएगी। समझते देर नहीं लगेगा कि किस तरह से वे जनता की भावनाओं के साथ खेलते हैं। ऐसे कई अवसर देखे गए जब उन्होंने देश के लोंगों के उस निश्छल मन पर हमला किया जिसने उन्हें बिना किसी शर्त अथाह प्यार दिया है। लेकिन अब लगता है कि अक्षय कुमार के ज्ञान चक्षु खुल गए हैं तभी तो उनके पहले की कथनी और करनी में बदलाव देखने को मिल रहा है।

हिंदू राजाओं पर अक्षय कुमार ने दिया है बयान

पिछले कई दिनों से अक्षय कुमार अपनी फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के प्रमोशन में लगे थे। फिल्म में पूर्व विश्व सुंदरी मानुषी छिल्लर भी हैं। इन दोनों के अलावा इस फिल्म में संजय दत्त, सोनू सूद और मानव बिज जैसे कई और कलाकार भी हैं। दरअसल, फिल्म के प्रमोशन के दौरान ही अक्षय कुमार ने एक इंटरव्यू में हिंदू राजाओं और मुगलों के संबंध में कुछ बातें कही हैं जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। उनके बयान के क्या अर्थ हो सकते हैं और इसका जनता के मन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? इन सभी बातों पर ध्यान केंद्रित करेंगे लेकिन उससे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर अक्षय कुमार ने कहा क्या है।

इस इंटरव्यू के एक अंश को एएनआई ने ट्वीट किया है जिसमें अक्षय कुमार कहते दिख रहे हैं कि “देश के शिक्षा मंत्री से मैं अपील करता हूं कि ध्यान दें कि हम बच्चों के बीच क्या अपने देश के इतिहास को संतुलित कर सकते हैं।” अक्षय कुमार ने आगे कहा कि “मुगलों के बारे में तो हमें पता हो ये बात ठीक है पर लोगों को हमारे देश के राजाओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। इस बारे में भी उनको शिक्षा दी जाए। वो भी महान थे।” उन्होंने कहा कि “मुगलों पर पूरी किताब लिख दी जाती है पर हिंदू राजाओं पर बस 4 पंक्ति।”

अक्षय कुमार के मुख से ऐसे वचन सुनकर तो आश्चर्य होगा ही क्योंकि पहले उन्होंने जिन कृत्यों का प्रदर्शन किया है वो तो इसके विपरीत ही था। समय-समय पर उन्होंने अपनी उदारवादी विचारधार के साथ अपनी संलग्नता और प्रतिबद्धता को जाहिर किया है। पुराने समय में कनाडा को महिमामंडित किया। अक्षय कुमार से उनकी कनाडा की नागरिकता को लेकर प्रश्न तो हमेशा किए जाते रहे हैं लेकिन साल 2019 में उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। इस वीडियो को अधिक से अधिक मीडिया हाउस ने कवर किया था जिसमें वे कहते सुनायी दे रहे हैं कि वे बॉलीवुड से रिटायर होने के बाद कनाडा में बस जाएंगे। अक्षय कुमार ने  खाया पीया निकल गया के सिद्धांत का प्रदर्शन किया। ये तो एक बात हुई।

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क्या आपको याद है कि किस तरह साल 2012 में फिल्म ओह माई गॉड को माध्यम बनाकर हिंदूत्व पर एक अलग ही सोच को प्रदर्शित करने का अक्षय कुमार ने प्रयास किया था। उन्होंने एक ऐसी फिल्म में काम किया जो पूरी तरह से हिंदुओं के विरूद्ध प्रोपेगेंडा ही थी। हिंदू देवी देवताओं पर भक्तों द्वारा किए जाने वाले चढ़ावे को गलत बताया था। साल 2012 में अक्षय कुमार का ये वीडियो वायरल हुआ जब उनकी फिल्म ‘ओएमजी’ रिलीज हुई थी। वीडियो में वो एक न्यूज चैनल में बैठे थे और उन्होंने कहा था कि लोग भगवान के नाम पर दूध और तेल व्यर्थ करते हैं। मौसमी हिंदू अक्षय कुमार ने कहा था कि वैष्णो देवी जैसे मंदिर में जाने के बजाय उन रुपये किसी जरुरतमंदों को दे देने चाहिए।

गुटका मुद्दे पर तो भद्द पिट गयी थी

भद्द तो तब पिट गयी अक्षय कुमार की जब एक तरफ तो वो फिटनेस आइकॉन बनते फिरते रहे, युवाओं को फिट रहने का ज्ञान देते रहे हैं और दूसरी तरफ गुटके के एड में उनको देखा गया। पैसों की इतनी भूख और दोहरी मानसिकता का ऐसा प्रदर्शन विरले ही देखने को मिलताा है।

लेकिन अब लगता है कि कनाडाई कुमार की बुद्धि सही दिशा में अग्रसर होने लगी है। लगता है कि जबसे उन्होंने देखा है कि पूरा देश जाग रहा है और हिदुत्व के उत्थान का रास्ता प्रसस्त होने लगा है तब से ही वो धारा के साथ बहने और स्वयं को टिकाए रखने के लिए प्रयत्न करने लगे हैं। हालिया बयान इसी बात का उदाहरण प्रस्तुत करता है। वो समझ गए हैं कि जनता जाग गयी है अपने धर्म और अपने राष्ट्र के प्रति, उसको झूठे और क्षद्म देशभक्ति और ढकोसलों में फंसाया नहीं जा सकता है।

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ऐसा लगता है कि पृथ्वीराज चौहान के चरित्र को आत्मसात करते हुए अक्षय कुमार को इस बात का आभास हो गया है कि हिंदु संस्कृति के साथ कितना अधिक भेदभाव हुआ और कैसे उसे क्रूरता पूर्वक दबाने का प्रयास किया गया। तभी तो उनके मुखारविंद से हिंदू राजाओं के प्रति इतना प्रेम फूट रहा है। उन्हें इस बात का भान हो गया है कि हिंदुओं, हिंदू राजाओं, कश्मीरी पंडितों के साथ अन्याय हुआ है जिसे पहचानना चाहिए। उन्होंने द कश्मीर फाइल्स पर कहा था कि “देश की कहानियां हम सबको कहनी हैं। कुछ जानी-पहचानी, कुछ अनसुनी-अनकही। जिस तरह द कश्मीर फाइल्स बनाकर विवेक अग्निहोत्री ने हमारे देश के बहुत बड़े दर्दनाक सच को सामने रखा।

वाराणसी के ज्ञानवापी मुद्दे पर भी उन्होंने अपने बयान दिए। उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अहाते में जो मिला है, वह दिखने में शिवलिंग जैसा ही है। हाल फिलहाल के अक्षय कुमार के कथनों से लगता तो हैं कि वो वापसी की ओर हैं जो कि उन जैसे अभिनाओं या फिर ऐसे सभी लोगों को अतिशीघ्र कर लेना चाहिए।

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