विज्ञान चौंका देता है और उससे भी कहीं अधिक विज्ञान की दुनिया में हुए आविष्कार हैरान करते हैं, कुछ ऐसे अद्भुत आविष्कार जो अद्वितीय और अभूतपूर्व होते हैं, ऐसे आविष्कार जो इस बात को पूर्ण रूप से स्पष्ट कर देते हैं कि मानव मन की उत्कृष्टता असीमित है। समय समय पर मानव जाति ने अनुसंधान और विकास किए। मशीनों से संबंधित आविष्कार हों या फिर विद्युत संबंधी क्रांति या फिर अलग अलग तरह के निर्माण और आविष्कार हो सब चौंकाते हैं। इसी तरह ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के युग में शोधकर्ता अब ऐसे रोबोट (ह्यूमनॉइड रोबोट) बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो मानवों की भांति ही स्वयं को ठीक कर सकेंगे यानी सेल्फ हीलिंग की क्षमता वाले होंगे। चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
सेल्फ हीलिंग रोबोट के बारे में जानिए
मैटर जर्नल में एक शोध को प्रकाशित किया गया है जिसके अनुसार टोक्यो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा मानव की भांति ही सेल्फ हीलिंग कैरेक्टर्स वाले ह्यूमनॉइड रोबोट बनाया गया है। दावा किया गया है कि tissue-engineered skin से ढके रोबोट बनाने के लिए ‘बायो हाइब्रिड’ दृष्टिकोण के माध्यम से त्वचा को कवर किया गया है जो न केवल मानव की तरह दिखता है बल्कि ‘स्व-उपचार’ कार्यों के लिए भी सक्षम बनाता है।
इस बात पर ध्यान केंद्रित करना होगा कि रोबोट निर्माण के क्षेत्र में इस विकास की महत्ता आखिर है क्या। दरअसल, पारंपरिक रोबोट कमांड और एक्ट के सिद्धांतों पर काम करते हैं। पहले से जो ढर्रा चला आ रहा है उसके तहत रोबोट के कार्यों को प्रोग्रामिंग फंक्शन नियंत्रित करते हैं और इनमें कोई मानवीय कार्य उपस्थिति भी नहीं होती है।
लेकिन ह्यूमनॉइड रोबोट मानव रूपों या विशेषताओं के साथ बनाए गए हैं और इंसानों के साथ बातचीत करने की क्षमता भी रखते हैं। ह्यूमनॉइड रोबोट को डेवलप करने में शोधकर्ताओं का प्रयास रोबोट के लिए एक स्वउपचार संबंधी सामग्री बनाने के लिए कोशिकाओं और बाह्य मैट्रिक्स जैसे कि मनुष्यों से युक्त एक जीवित त्वचा मॉडल का उपयोग करना रहा है।
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गहरी जली त्वचा के चिकित्सा उपचार से ये अनुसंधान प्रेरित है
ग्राफ्टिंग हाइड्रोजेल का उपयोग करके गहरी जली हुई त्वचा के चिकित्सा उपचार से ये अनुसंधान प्रेरित है। शोधकर्ताओं ने “कोलेजन शीट के साथ ग्राफ्ट किए गए घायल ऊतक का संवर्धन” करके रोबोटिक उंगलियों में उसी घाव को ठीक करने की प्रणाली को दर्शाया है।
ह्यूमनॉइड जैसे रोबोट बनाने की प्रक्रिया में यह आविष्कार रोबोटिक्स तकनीक में गेम-चेंजर साबित होगा। स्वयं ही उपचार कर लेने वाली प्रौद्योगिकी विकास से न केवल मानवीय उन्नति को लाभ होगा बल्कि प्रौद्योगिकी का सामान्य रूप में प्रयोग भी बहुत अधिक हो पाएगा। उदाहरण के रूप में देखें तो शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए स्वयं को ठीक कर लेने की क्षमता रखने वाले या फिर स्व-उपचार करने वाले रोबोटिक प्रोस्थेटिक्स अधिक प्राकृतिक अनुभव प्रदान करेगा और रोबोट में किसी भी बड़ी क्षति के होने की संभावना को कम कर देगा।
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यह रोबोट की उत्पादकता को तो बढ़ाएगा ही साथ ही अगर सामान्य यांत्रिक कार्य में ऐसे रोबोट को अपनाया गया तो स्व-उपचार चरित्र के कारण अधिक कुशल रूप से ये मानवों के साथ सामनजस्य बैठा पाएंगे। कारखानों में जहां न केवल आम श्रम बल्कि रोबोट को भी कम नुकसान होने की उच्च संभावना है वहीं ऐसे रोबोट स्वयं को भी ठीक कर पाएंगे। इसके अलावा, बड़े कारखानों, कृषि क्षेत्र में या फिर किसी अन्य अच्छे उद्देश्य के लिए इसे प्रयोग में लाया जा सकता है।
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