जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

फाइटर जेट ऑर्डर के लिए शीर्ष दावेदार के रूप में उभरा भारत !

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Source- TFIPOST.in

भारत का तेजस लड़ाकू विमान अक्सर खबरों में बना रहता है. फ़िलहाल यह मलेशिया को लेकर चर्चा में है. मलेशिया की नज़र भी भारत द्वारा निर्मित इस सुपरसोनिक विमान पर है. इकोनॉमिक टाइम्स रिपोर्ट के अनुसार, मलेशियाई वायु सेना 18 नए हल्के लड़ाकू जेट विमानों की तलाश कर रही है, जिसमें भारतीय एलसीए अपनी कम अधिग्रहण लागत और उच्च तकनीकी रेटिंग को देखते हुए एक शीर्ष दावेदार के रूप में उभर रहा है। भारत आधुनिक एईएसए रडार, नए एवियोनिक्स और हवा से हवा और हवा से जमीन के हथियारों को एकीकृत करने की क्षमता के साथ एलसीए एमके 1ए संस्करण पेश कर रहा है। साथ ही भारत मलेशिया में एलसीए बेड़े के लिए एक पूर्ण रख रखाव और पूरी मरम्मत सुविधा बनाने की भी पेशकश कर रहा है।

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एलसीए एमके 1 ए क्या है?

एलसीए तेजस एमके. 1ए- एलसीए तेजस का सबसे उन्नत संस्करण है। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस भारत में बनाया गया, सिंगल-इंजन, उच्च-चपलता, मल्टीरोल, सुपरसोनिक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला यह स्वदेशी सुपरसोनिक विमान अक्सर खबरों में रहता है।

मलेशिया के लिए लड़ाकू विमान की इस बोली में भारत के अलावा दक्षिण कोरिया और चीन भी दावेदार हैं हालाँकि इस बोली में भारत का पलड़ा भारी है क्योंकि कोरिया और चीन के पास सुखोई लड़ाकू विमानों पर काम करने के लिए रूसी निर्माताओं के साथ बैकएंड अनुबंध नहीं है। मलेशिया के पास फ़िलहाल 18 Su 30 MKM लड़ाकू विमान हैं, जो भारतीय वायु सेना के साथ सेवा में मौजूद MKI संस्करण के समान हैं।

भारत ने एलसीए तेजस पैकेज की कीमत लगभग 42 मिलियन डॉलर प्रति यूनिट रखी है। भारत सरकार ने 2025 तक 5 अरब डॉलर या 36,500 करोड़ रुपये का वार्षिक निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट के अनुसार, भारत द्वारा रक्षा निर्यात का मूल्य 2014 के बाद से लगभग छह गुना बढ़ गया है, वर्तमान वित्तीय वर्ष में 21 मार्च तक 11,607 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात दर्ज किए गए हैं। अगर यह डील सफल होती है तो भारत अपने 2025 के निर्यात लक्ष्य को पाने के लिए एक कदम और आगे बढ़ जायेगा.

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यह डील दोनों देशों के संबंधों को सुधार देगी

मलेशिया की लड़ाकू विमान की यह डील अगर भारत के साथ हो जाती है तो यह दोनों देशों के संबंधों को एक बार पुनः सुधार देगी जो मलेशिया के पिछले प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने पाकिस्तान को खुश करने के चक्कर में बिगाड़े थे. भारत के सीएए एनआरसी पर सवाल उठाने से लेकर, भारत में मुस्लिम और कश्मीर मुद्दे को भी छेड़ा जिसके परिणामस्वरूप भारत ने मलेशिया से पाम तेल के आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया जिससे मलेशिया के तेल वयवसाय को गहरा झटका लगा.

फ़िलहाल मुहईद्दीन यासीन के नेतृत्व में मलेशिया एक बार फिर भारत से रिश्तों को सुधरने की कोशिश कर रहा है और यह डील ही उनकी कोशिशों को सफल बनाने में सक्षम है. यह न केवल मलेशिया को भारत की एडवांस्ड तकनीक वाले विमान दिलवाएगी बल्कि बिगड़े रिश्तों को सुधारने के अलावा मलेशिया का भारत में निर्यात बढ़ाने में भी सहायक साबित होगी. यानी मलेशिया की तो चांदी ही चांदी.

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