खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे, अपने अस्तित्व और गुमान को बचाने के लिए ISIS अब मात्र इसलिए भारत के नाम का जाप कर रहा है क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान में उसके प्रतिद्वंद्वी आतंकी समूह तालिबान के सत्ता में आते ही भारत के संबंध फिर से सामान्य होने की ओर अग्रसर है। ऐसी स्थिति में ISIS ने पुनः अफ़ग़ानिस्तान पर हमलों का सिलसिला जारी कर दिया है। सदा से अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के आदी रहे अफ़ग़ानिस्तान में यह तंत्र तालिबान सरकार से पहले से रहा है।
अबकी बार बस ISIS ने अपनी कुंठा और इस्लामिक शक्ति को दिखाने की आड़ में अफ़ग़ानिस्तान के अल्पसंख्यकों हिन्दू और सिख समुदाय के लोगों पर हमले शुरू कर दिये है। और तो और भारत को निशाना बनाते हुए इस पूरे हमले को ISIS ने नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए बयान के विरुद्ध हुई प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करार दिया।
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पैगंबर विवाद का बदला
दरसअल, इस्लामिक स्टेट आतंकवादी ग्रुप से संबद्ध इस्लामिक स्टेट- खुरासान प्रांत (ISKP) ने अफगानिस्तान में एक गुरुद्वारे पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह पैगंबर मोहम्मद के ‘अपमान’ का प्रतिशोध था। पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की इस महीने की शुरुआत में पैगंबर के बारे में की गई टिप्पणी से कई देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। ISKP के अनुसार इसी को आधार बनाते हुए ISKP ने भारत में नहीं पर उससे सटे देशों के हिन्दू और अल्संख्यकों को टारगेट करना शुरू कर दिया। अपने अमाक प्रचार साइट पर पोस्ट किए गए एक संदेश में, ISIS ने कहा कि शनिवार के हमले ने हिंदुओं और सिखों और “धर्मत्यागियों” को लक्षित किया।
ISKP का दावा है कि गुरुद्वारे में हमलावर तालिबान सैनिकों के साथ 3 घंटे तक लड़े, जिसमें मरने वाले और घायलों की संख्या 50 है। ISKP का दावा है कि ये आतंकी हमला भारत में नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए विवादित बयान की वजह से किया गया है। ISKP ने टेलीग्राम चैनल पर यह दावा किया है। अब यह दावा कितना आधारभूत है इसका अनुमान इसी से लगाया कि जिस बयान को एक महीना होने को है उसका बदला ISKP अब ले रहा है वो भी अफ़ग़निस्तान में रह रहे गिने-चुने सिख और हिन्दू परिवारों को मारकर, यह थोड़ा असामान्य कथन प्रतीत होता है। और तो और इस हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए आतंकी संगठन ने टेलीग्राम चैनल पर लिखा है कि ये हमला पैगंबर मोहम्मद के अपमान पर प्रतिक्रिया थी। आतंकी समूह ने कहा कि उसके एक लड़ाके ने गार्ड की हत्या करने के बाद काबुल में “हिंदू और सिख” के पवित्र मंदिर में प्रवेश किया और मशीन गन और हथगोले से गोलियां चलाईं। इससे पहले ISKP ने एक वीडियो संदेश में कहा कि दो पूर्व बीजेपी पदाधिकारियों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की थी. इसके लिए हिंदुओं के खिलाफ हमले की चेतावनी दी थी।
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ज्ञात हो कि, जबसे तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता हथियाई है तबसे वहां के आमजनमानस के प्रति भारत मानवीय मदद प्रदान कर रहा है। अबतक खाद्य सामान हो या दवाई या कोरोना टीका, भारत ने क्षणभर की भी देरी न करते हुए पडोसी देश होने का कर्तव्य एकमुश्त होकर निभाया। ऐसे में यह ISIS को रास आने से रहा, तालिबान सरकार से भारत निरंतर हो रही वार्ता भी चुनौती बनती दिख रही है, इसी का परिणाम था कि ISKP ने इस हमले को अंजाम दिया और सारा ठीकरा फोड़ दिया उन भाजपा नेताओं को जिनको अब पार्टी से निलंबित और निष्कासित किया जा चुका है। ऐसे में नूपुर शर्मा के बयान के कारण हुए इस हमले के दावे कोई सच्चाई नहीं पर बड़ा मज़ाक अवश्य प्रतीत हो रहा है।
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