कतर दुनिया का सबसे खतरनाक देश है

भारत को ज्ञान देने से पहले अपने अंदर झांक लो कतर !

QATAR

Source: TFI

भाजपा की पूर्व-प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी पर देश और दुनिया में चर्चा हो रही है। इस्लामिक देश नूपुर शर्मा के बयान पर कड़ा विरोध जता रहे हैं। इन्हीं विरोध करने वाले देशों में एक नाम कतर का भी शामिल है। कतर ने पूरे विवाद पर सबसे तीखी प्रतिक्रिया दी है। नूपुर शर्मा के बयान पर कतर के विदेश मंत्रालय ने भारत के राजदूत को समन किया था।

कतर के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद कर रहा है। इस तरह की इस्लामोफोबिक टिप्पणियों पर सजा ना देना मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे आगे पूर्वाग्रह हो सकता है, जिससे हिंसा और नफरत के चक्र शुरू हो जाएंगे।” कतर ने कहा कि यह पूरी दुनिया के मुसलमानों का अपमान है।

कतर की सच्चाई ये है

जो कतर आज भारत को नैतिकता का ज्ञान देने का दुस्साहस कर रहा है, उस कतर की सच्चाई जब आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। कतर को दुनिया के सुरक्षित देशों से एक माना जाता है। यहां अपराध के मामले ना के बराबर हैं, लेकिन इसके विपरीत हकीकत कुछ और ही है। कतर सबसे खतरनाक देशों में से एक है।

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दरअसल, कतर पर आरोप लगते हैं कि वो बड़े ही शातिर तरीके से आतंकवाद को बढ़ावा देता है। कतर पर गुप्त तरीके से आतंक-वित्तपोषण के आरोप लगाए जाते रहे हैं। अतीत में कई बार कतर को आतंकवाद के साथ अपने कथित वित्तीय संबंधों को लेकर गंभीर जांच का सामना करना पड़ा है। आतंकी संगठनों के साथ संबंध के चलते कतर के पड़ोसी देशों सऊदी अरब, मिस्त्र, यूएई और बहरीन ने कतर के साथ अपने राजनियक रिश्ते तक तोड़ दिए थे।

फिलिस्तीन के हमास और मिस्त्र के मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे पश्चिमीं देशों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को कतर समर्थन, सहयोग और धन देता आया है। कतर तो इन्हें आतंकी संगठन मानता ही नहीं। इनकी मदद करने के पीछे कतर यह तर्क देता आया है कि ये संगठन अपने धर्म और तानाशाहों से आजादी के लिए लड़ रहे हैं।

एजेंडा चलाता है अलजजीरा

कतर के अलकायदा जैसे आंतकी संगठन से भी संबंध रहे हैं। ओसामा बिन लादेन के पूर्व व्यावसायिक सहायक जमाल अल-फदल ने बताया था कि बिन लादेन ने उन्हें 1993 में कहा था कि कतर चैरिटेबल सोसाइटी (QCS) ओसामा के वित्त पोषण के प्रमुख स्रोतों में से एक था। अगर कतर आतंकी फंडिंग पर काम नहीं करता है, तो उसका भी पाकिस्तान-तुर्की की तरह FATF की ग्रे लिस्ट में जाने का खतरा उठाना पड़ सकता है।

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अल जजीरा अरब का सबसे लोकप्रिय न्यूज़ नेटवर्क है। हालांकि सऊदी अरब और मिस्त्र जैसे देश अल जजीरा से नफरत करते हैं। इसके पीछे की वजह भी कतर ही है। आरोप यह लगाए जाते हैं कि अल जजीरा, कतर के माउथपीस की तरह काम करता है और कतर के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। जिसके चलते अरब के कई देशों में यह चैनल प्रतिबंधित है। भारत और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश भी अल जजीरा पर झूठा प्रचार फैलाने का आरोप लगा चुके हैं। 2015 में अल जजीरा ने कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया था, जिसके बाद भारत सरकार ने चैनल पर 5 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।

शरिया से चलता है कानून

भारत को ज्ञान देने वाला कतर 30 लाख की आबादी वाला एक छोटा-सा देश है। कतर में रहने वाले अल्पसंख्यकों को मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का सामना करना पड़ता है। कतर में शरिया के हिसाब से कानून चलता है। शरीयत में बेहद सख्त नियम कानूनों का पालन किया जाता है। यहां बड़ी संख्या में भारतीय भी रहते हैं, जो कतर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

बावजूद इसके कतर में हिन्दुओं के शव को अंतिम संस्कार की भी इजाजत नहीं दी जाती। यहां हिंदुओं के शव को या तो दफनाना पड़ता है या फिर अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह को भारत लाना पड़ता है। इस वजह से ही भारत सरकार ने कतर सरकार से पूजा स्थल और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान भूमि प्रदान करने की मांग की है।

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कतर की हालिया प्रतिक्रिया से ऐसा प्रतीत होता है कि वो भारत विरोधी प्रोपेगैंडा का शिकार हो गया है। सऊदी अरब और भारत की दोस्ती से चिढ़ा कतर अब भारत के दुश्मनों पाकिस्तान और तुर्की के साथ गठजोड़ बढ़ा रहा है। कतर भी उन देशों की सूची का ही हिस्सा है, जो अपनी अर्थव्यवस्था से लेकर अनाज तक के लिए निर्भर तो रहता है, लेकिन इसके साथ ही भारत विरोधी एजेंडा चलाने और भारत के आतंरिक मसलों में दखल देने से बाज नहीं आता।

यह एक आश्चर्यजनक विडंबना है कि कतर को तथाकथित “दुनिया का सबसे सुरक्षित देश” माना जाता है, लेकिन वो जिस तरह से आतंकियों को पालता आया है, उससे तो यह स्पष्ट है कि पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

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